बांसवाड़ा. किसान कर्ज माफी में व्यापकता गड़बड़ियां सामने आने के बाद सहकारिता विभाग इन पर अंकुश लगाने के प्रयासों में जुटा है. डिफाल्टर काश्तकारों को हतोत्साहित करने के साथ नए सदस्यों के जरिए समितियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की कड़ी में हर समय पर 100 नए काश्तकार सदस्यों को ऋण देने का प्रावधान किया गया है.
किसान ऋण माफी के दौरान डूंगरपुर के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में समितियों द्वारा धांधली बाजी किए जाने का खुलासा हुआ था. हालांकि ऐसे मामलों की विभिन्न स्तर पर जांच की जा रही है. वहीं ऐसी गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा कई नए प्रावधान किए गए. विभाग द्वारा कराए गए एसेसमेंट में समितियों पर कुछ सदस्यों पर प्रबंधन ज्यादा मेहरबान दिखाई दिया. ऋण प्रक्रिया का कुछ सदस्य ही फायदा उठा रहे हैं, जबकि उससे कहीं अधिक लोग समिति के ऋण से वंचित चल रहे हैं. समिति द्वारा डिफाल्टर पर ज्यादा विश्वास जताना भी समितियों के लिए घातक साबित हो रहा है.
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इसे देखते हुए सहकारिता विभाग द्वारा डिफाल्टर काश्तकारों को इसी सीजन से लोन प्रोसेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. वहीं नए सदस्यों को ऋण दिए जाने का प्रावधान किया गया. इसके तहत हर समिति को सो नए सदस्यों को लोन का लाभ देना होगा. बांसवाड़ा जिले में 10 हजार सदस्यों को डिफाल्टर के कारण ऋण प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. वहीं उसके स्थान पर सो नए सदस्य के प्रावधान से करीब 20 हजार सदस्यों को फायदा होगा. जिले में वर्तमान में 195 ग्राम सेवा सहकारी समितियां संचालित है. डिफाल्टर सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही को देखते हुए नए सदस्य अपने लेनदेन को बेहतर रख पाएंगे और इससे समितियां आर्थिक तौर पर मजबूत रह सकेंगी.
बांसवाड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक ललित मीणा के अनुसार डिफाल्टर सदस्यों को लोन प्रक्रिया से बाहर करने के साथ ही सरकार द्वारा हर समिति पर सो नए सदस्यों को ऋण देना सुनिश्चित किया है. जिले में करीब 20 हजार सदस्यों को इसका लाभ मिलेगा.