ETV Bharat / state

बांसवाड़ा: नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय की टपकती छत से बच्चे परेशान - बांसवाड़ा नूतन विद्यालय न्यूज

बारिश में बांसवाड़ा शहर के नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय की छतों से पानी टपकने से बच्चे परेशान है. कक्षा में पानी भरने से कक्षाएं नियमित रूप से संचालित नहीं हो पा रही हैं.

नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय की टपकती छत से बच्चे परेशान
author img

By

Published : Aug 13, 2019, 2:25 PM IST

बांसवाड़ा. प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर कई अहम बदलाव करती है.कभी पाठ्यक्रम को लेकर तो कभी अन्य वजहों से सबसे जरूरी है तो शिक्षा संस्थान की स्थिति जो समय पर बदलाव मांगती हैं.
ऐसा ही नजारा बांसवाड़ा शहर के नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय का है. ये शहर का सबसे पुराना माने जाना वाला विद्यालय है. जिसकी स्थिति खराब हो चुकी है. बारिश में विद्यालय की छतों से पानी टपकना बड़ी समस्या बन गई है.

नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय की टपकती छत से बच्चे परेशान

वर्ष 2017 में राज्य सरकार की स्कूलों को मर्ज करने की योजना चली थी. उस योजना के तहत इस पुराने स्कूल को नूतन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में मर्ज कर दिया गया था. उसके बाद से इस विद्यालय भवन के लिए फंड आना बंद हो गया और यह स्कूल भवन बदहाली का शिकार होता गया. विद्यालय में पहली से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं चलती हैं और इनमें करीब सवा 300 बच्चे पढ़ने आते हैं.

गमीर चंद जो विद्यालय के प्रभारी हैं ईटीवी से बात करते हुए कहते हैं कि बारिश के वक्त विद्यालय की कक्षाएं पानी से भरी रहती हैं. उस दौरान बच्चों को सही सलामत बैठाना एक बड़ी समस्या है. वह कहते हैं कि परिसर में एक सभागार है जहां आए दिन कोई न कोई कार्यक्रम होता रहता है उसे भी मरम्मत की दरकार है.

पढ़ें.जालोर: नर्मदा नहर में मिला युवक का शव

आंगनवाड़ी भी इसी भवन में संचालित है. इस भवन की पिछले 2 साल से हालत यह है कि आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा- कक्षा तक एक भी ऐसा कमरा नहीं बचा जहां बारिश के दौरान बच्चों को सुरक्षित बिठाया जा सके. विद्यालय में आस-पास की कॉलोनियों के गरीब घर के बच्चे भी यहां पढते हैं. उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर को समस्या से अवगत कराया गया है. जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने उन्हें विद्यालय की मरम्मत करवाने का आश्वासन दिया है.

बांसवाड़ा. प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर कई अहम बदलाव करती है.कभी पाठ्यक्रम को लेकर तो कभी अन्य वजहों से सबसे जरूरी है तो शिक्षा संस्थान की स्थिति जो समय पर बदलाव मांगती हैं.
ऐसा ही नजारा बांसवाड़ा शहर के नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय का है. ये शहर का सबसे पुराना माने जाना वाला विद्यालय है. जिसकी स्थिति खराब हो चुकी है. बारिश में विद्यालय की छतों से पानी टपकना बड़ी समस्या बन गई है.

नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय की टपकती छत से बच्चे परेशान

वर्ष 2017 में राज्य सरकार की स्कूलों को मर्ज करने की योजना चली थी. उस योजना के तहत इस पुराने स्कूल को नूतन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में मर्ज कर दिया गया था. उसके बाद से इस विद्यालय भवन के लिए फंड आना बंद हो गया और यह स्कूल भवन बदहाली का शिकार होता गया. विद्यालय में पहली से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं चलती हैं और इनमें करीब सवा 300 बच्चे पढ़ने आते हैं.

गमीर चंद जो विद्यालय के प्रभारी हैं ईटीवी से बात करते हुए कहते हैं कि बारिश के वक्त विद्यालय की कक्षाएं पानी से भरी रहती हैं. उस दौरान बच्चों को सही सलामत बैठाना एक बड़ी समस्या है. वह कहते हैं कि परिसर में एक सभागार है जहां आए दिन कोई न कोई कार्यक्रम होता रहता है उसे भी मरम्मत की दरकार है.

पढ़ें.जालोर: नर्मदा नहर में मिला युवक का शव

आंगनवाड़ी भी इसी भवन में संचालित है. इस भवन की पिछले 2 साल से हालत यह है कि आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा- कक्षा तक एक भी ऐसा कमरा नहीं बचा जहां बारिश के दौरान बच्चों को सुरक्षित बिठाया जा सके. विद्यालय में आस-पास की कॉलोनियों के गरीब घर के बच्चे भी यहां पढते हैं. उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर को समस्या से अवगत कराया गया है. जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने उन्हें विद्यालय की मरम्मत करवाने का आश्वासन दिया है.

Intro:बांसवाड़ाl गांव में विद्यालय भवन का जर्जर होना, बच्चों के सिर पर छत नहीं होना इस प्रकार की खबरें हम सुनते रहते हैं लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बांसवाड़ा शहर का सबसे पुराना माना जाने वाला नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय माही कॉलोनी के हालात भी कोई बेहतर नहीं हैl बारिश के दौरान बच्चों को छुट्टी देना ही एक मात्र विकल्प हैl


Body:वर्ष 2017 में राज्य सरकार की स्कूलों को मर्ज करने की योजना के तहत इस पुराने स्कूल को सामने ही पड़ने वाले नूतन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में मर्ज कर दिया गया थाl उसके बाद से इस विद्यालय भवन के लिए फंड आना बंद हो गया और यह स्कूल भवन बदहाली का शिकार होता गयाl इस भवन में पहली से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं संचालित है और इनमें करीब सवा 300 बच्चे अध्ययनरत हैl हालांकि स्कूल भवन पुराना होने के बाद भी काफी मजबूत है लेकिन देखरेख के अभाव में छाते जवाब दे गईl इस भवन में एक भी ऐसा कक्ष नहीं है जिसमें छत्ते सलामत बची होl हर कमरे में बारिश के दौरान पानी टपकता हैl


Conclusion:यहां तक कि बच्चों को बैठने तक की जगह नहीं रहती और कमरे में पानी भर आता हैl इस परिसर में स्थित सभागार जहां आए दिन कोई न कोई कार्यक्रम होता रहता है उसे भी मरमत की दरकार हैl आंगनवाड़ी भी इसी भवन में संचालित हैl इस भवन की पिछले 2 साल से हालत यह है कि आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा कक्षा तक एक भी ऐसा कमरा नहीं बचा जहां बारिश के दौरान बच्चों को सुरक्षित बिठाया जा सकेl लगातार पानी की टपकने के कारण भवन की दीवारें भी सीलन का शिकार होकर जर्जर होती जा रही हैl इस कारण कुछ कमरों में तो बच्चों को बैठाना बी खतरे से खाली नहीं रहाl बारिश के दौरान तो बच्चों को इन हालातों के चलते गर भेजना स्कूल प्रशासन की मजबूरी बन चुका हैl इस विद्यालय में आसपास की कॉलोनियों के गरीब वर्ग के बच्चे अध्ययनरत हैl स्कूल के प्रभारी गमीर चंद् पाटीदार के अनुसार स्कूल मर्ज होने के बाद मरमत आदि के लिए फंड आना बंद हो गया। हम ने जिला कलेक्टर को समस्या से अवगत कराया है और गत दिनों एक कार्यक्रम में आए जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने उन्हें मरम्मत करवाने का आश्वासन दिया है।

बाइट...... गमीर चंद पाटीदार प्रभारी नूतन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बांसवाड़ा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.