बांसवाड़ा. प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर कई अहम बदलाव करती है.कभी पाठ्यक्रम को लेकर तो कभी अन्य वजहों से सबसे जरूरी है तो शिक्षा संस्थान की स्थिति जो समय पर बदलाव मांगती हैं.
ऐसा ही नजारा बांसवाड़ा शहर के नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय का है. ये शहर का सबसे पुराना माने जाना वाला विद्यालय है. जिसकी स्थिति खराब हो चुकी है. बारिश में विद्यालय की छतों से पानी टपकना बड़ी समस्या बन गई है.
वर्ष 2017 में राज्य सरकार की स्कूलों को मर्ज करने की योजना चली थी. उस योजना के तहत इस पुराने स्कूल को नूतन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में मर्ज कर दिया गया था. उसके बाद से इस विद्यालय भवन के लिए फंड आना बंद हो गया और यह स्कूल भवन बदहाली का शिकार होता गया. विद्यालय में पहली से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं चलती हैं और इनमें करीब सवा 300 बच्चे पढ़ने आते हैं.
गमीर चंद जो विद्यालय के प्रभारी हैं ईटीवी से बात करते हुए कहते हैं कि बारिश के वक्त विद्यालय की कक्षाएं पानी से भरी रहती हैं. उस दौरान बच्चों को सही सलामत बैठाना एक बड़ी समस्या है. वह कहते हैं कि परिसर में एक सभागार है जहां आए दिन कोई न कोई कार्यक्रम होता रहता है उसे भी मरम्मत की दरकार है.
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आंगनवाड़ी भी इसी भवन में संचालित है. इस भवन की पिछले 2 साल से हालत यह है कि आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा- कक्षा तक एक भी ऐसा कमरा नहीं बचा जहां बारिश के दौरान बच्चों को सुरक्षित बिठाया जा सके. विद्यालय में आस-पास की कॉलोनियों के गरीब घर के बच्चे भी यहां पढते हैं. उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर को समस्या से अवगत कराया गया है. जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने उन्हें विद्यालय की मरम्मत करवाने का आश्वासन दिया है.