बांसवाड़ा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो प्रतापगढ़ की टीम ने गुरुवार को बांसवाड़ा जिले में एक कार्रवाई को अंजाम दिया. बकाया बिलों के चेक पर साइन करने की एवज में सरपंच पति और वार्ड पंच 7 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया. इस पूरे मामले में महिला सरपंच को लिप्त मानते हुए एसीबी ने उसे भी आरोपी माना है.
यह पूरा मामला तलवाड़ा पंचायत समिति के बड़गांव ग्राम पंचायत का है. बांसवाड़ा निवासी मनोज कुमार वैष्णव ई-मित्र सेंटर चलाता है और उसने पंचायत के प्रधानमंत्री आवास योजना संबंधी आवेदकों के दस्तावेज अपलोड करने का काम किया था. इस राशि के भुगतान के लिए उसने 17,176 रुपए के बिल पंचायत को दिए. ग्राम पंचायत सचिव ने चेक पर साइन कर दिए, लेकिन सरपंच पति सेवालाल (45) पुत्र राव जी मीणा 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था, जो अंत में सरपंच पति 50 फीसदी राशि पर राजी हो गया.
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फरियादी ने 24 जुलाई को एंटी करप्शन ब्यूरो प्रतापगढ़ के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक हेरंब जोशी के समक्ष शिकायत पेश की. 29 जुलाई को शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने ग्राम पंचायत भवन के बाहर अपना जाल बिछाया. इस दौरान सरपंच पति सेवालाल ने चतुराई दिखाते हुए वार्ड पंच दिलीप पुत्र मांगीलाल यादव को रिश्वत की राशि लेने भेजा. फरियादी ने उसे 5 हजार रुपए दिए, तब तक सेवालाल भी वहां पहुंच गया. तभी एसीबी की टीम ने दोनों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
चेक साइन करने की एवज में ली थी रिश्वत
जानकारी के अनुसार यह राशि चेक पर साइन करने की एवज में ली गई थी. इस पूरे मामले में सरपंच को लिप्त मानते हुए ब्यूरो की ओर से सरपंच ललिता देवी को भी आरोपी बनाया गया. पुलिस उपाधीक्षक जोशी ने बताया कि सरपंच पति सेवालाल और वार्ड पंच दिलीप यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है और सरपंच ललिता की तलाश की जा रही है.
वहीं, कार्रवाई के बाद महिला सरपंच एसीबी दफ्तर पहुंची थी, लेकिन उसे जैसे ही उसके खिलाफ भी मामला दर्ज होने की भनक लगी, वहां से फरार हो गई. महिला सरपंच की तलाश में स्थानीय पुलिस के साथ ब्यूरो टीम के कुछ जवान बड़गांव और डांग पाड़ा स्थित आवास पर पहुंचे, लेकिन उसका पता नहीं चला. फिलहाल, टीम उसकी तलाश कर रही है.