ETV Bharat / state

निकाय चुनाव 2019ः अलवर नगर परिषद चुनाव में रहेगा युवाओं का बोलबाला

author img

By

Published : Nov 12, 2019, 2:44 AM IST

अलवर के निकाय चुनाव में इस बार नगर परिषद की चाबी युवाओं के हाथ में रहेगी. चुनावी मैदान में ज्यादातर युवा शामिल हैं. ऐसे में बिना युवाओं के नगर परिषद का बोर्ड नहीं बन सकेगा. इस बाद अलवर को इन युवा प्रत्याशियों से उम्मदें भी बहोत हैं.

alwar news, अलवर नगर परिषद चुनाव, अलवर में युवाओं का बोलबाला, Youth will be dominated in Alwar

अलवर. जिले में नगर परिषद के चुनाव में युवाओं का बोलबाला है, तो वहीं युवा वर्ग काफी जोश में भी नजर आ रहे हैं. नगर परिषद में कुल 65 वार्ड हैं, जिसमें 367 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इसमें से 21 से 45 आयु के 299 प्रत्याशी हैं. जबकि 45 से 60 आयु के प्रत्याशियों की संख्या 154 है. ऐसे में साफ है कि 21 से 45 वर्ष आयु के प्रत्याशी कुल संख्या के आधे से ज्यादा है.

अलवर नगर परिषद में इस बार युवाओं का बोलबाला.

बता दें कि सरकार ने चेयरमैन चुनने का अधिकार पार्षदों को दिया है. इसलिए यह साफ है की सरकार का मुखिया बिना युवाओं के नहीं चुना जा सकेगा. ऐसे में युवा प्रत्याशियों के साथ युवा मतदाता और चुनाव प्रचार में लगे युवाओं में भी खासा जोश देखने को मिल रहा है. जबकि 61 साल से कम उम्र के प्रत्याशियों की कुल संख्या करीब 10 प्रतिशत है.

पढ़ेंः निकाय चुनाव 2019: अलवर में नगर परिषद के चेयरमैन को नहीं मिलता दूसरा मौका

वहीं अलवर नगर परिषद के हालात खराब है. शहर में आवारा पशु घूमते है, जिनसे हादसे होते हैं. आये दिन नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैंं. वहीं शहर में गंदगी का आलम है. ऐसे में नगर परिषद को विशेष सकारात्मक सोच की आवश्यकता है.

ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब निकाय चुनाव में आधे से ज्यादा प्रत्याशियों की उम्र 21 से 45 साल के बीच है. ऐसे में युवाओं के बल पर अलवर का बोर्ड बनने की संभावना है. कहते है युवाओं की सोच सकारात्मक होती है और युवा चाहे तो किसी की भी किस्मत बदल सकते हैं. ऐसे में देखना होगा कि अलवर नगर परिषद के हालातों में सुधार होता है या फिर नहीं.

अलवर. जिले में नगर परिषद के चुनाव में युवाओं का बोलबाला है, तो वहीं युवा वर्ग काफी जोश में भी नजर आ रहे हैं. नगर परिषद में कुल 65 वार्ड हैं, जिसमें 367 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इसमें से 21 से 45 आयु के 299 प्रत्याशी हैं. जबकि 45 से 60 आयु के प्रत्याशियों की संख्या 154 है. ऐसे में साफ है कि 21 से 45 वर्ष आयु के प्रत्याशी कुल संख्या के आधे से ज्यादा है.

अलवर नगर परिषद में इस बार युवाओं का बोलबाला.

बता दें कि सरकार ने चेयरमैन चुनने का अधिकार पार्षदों को दिया है. इसलिए यह साफ है की सरकार का मुखिया बिना युवाओं के नहीं चुना जा सकेगा. ऐसे में युवा प्रत्याशियों के साथ युवा मतदाता और चुनाव प्रचार में लगे युवाओं में भी खासा जोश देखने को मिल रहा है. जबकि 61 साल से कम उम्र के प्रत्याशियों की कुल संख्या करीब 10 प्रतिशत है.

पढ़ेंः निकाय चुनाव 2019: अलवर में नगर परिषद के चेयरमैन को नहीं मिलता दूसरा मौका

वहीं अलवर नगर परिषद के हालात खराब है. शहर में आवारा पशु घूमते है, जिनसे हादसे होते हैं. आये दिन नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैंं. वहीं शहर में गंदगी का आलम है. ऐसे में नगर परिषद को विशेष सकारात्मक सोच की आवश्यकता है.

ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब निकाय चुनाव में आधे से ज्यादा प्रत्याशियों की उम्र 21 से 45 साल के बीच है. ऐसे में युवाओं के बल पर अलवर का बोर्ड बनने की संभावना है. कहते है युवाओं की सोच सकारात्मक होती है और युवा चाहे तो किसी की भी किस्मत बदल सकते हैं. ऐसे में देखना होगा कि अलवर नगर परिषद के हालातों में सुधार होता है या फिर नहीं.

Intro:अलवर
अलवर के निकाय चुनाव में इस बार नगर परिषद की चाबी युवाओं के हाथ में रहेगी। चुनाव के मैदान में ज्यादातर युवा शामिल हैं। ऐसे में बिना युवाओं के नगर परिषद का बोर्ड नहीं बन सकेगा। इसलिए देखना होगा कि अलवर के युवा अलवर की तस्वीर बदलती है या हालात और खराब होते हैं।


Body:अलवर नगर परिषद में कुल 65 वार्ड हैं। इसमें 367 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इसमें 21 से 45 आयु के 299 प्रत्याशी हैं। जबकि 45 से 60 आयु के प्रत्याशियों की संख्या 154 है। ऐसे में साफ है कि 21 से 45 वर्ष आयु के प्रत्याशी कुल संख्या के आधे से ज्यादा है। सरकार ने चेयरमैन चुनने का अधिकार पार्षदों को दिया है। ऐसे में साफ है की सरकार का मुखिया बिना युवाओं के नहीं चुना जा सकेगा। ऐसे में युवा प्रत्याशियों के साथ युवा मतदाता व चुनाव प्रचार में लगे युवाओं में भी खासा जोश देखने को मिल रहा है। जबकि 61 साल से कम उम्र के प्रत्याशियों की कुल संख्या करीब 10 प्रतिशत है। अलवर नगर परिषद के हालात खराब है। शहर में आवारा पशु घूमते हैं जिनसे हाथ से होते हैं। आए दिन नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं। शहर में गंदगी का आलम है। ऐसे नहीं नगर परिषद को विशेष सकारात्मक सोच की आवश्यकता है।


Conclusion:ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है। जब निकाय चुनाव में आधे से ज्यादा प्रत्याशियों की उम्र 21 से 45 साल के बीच है। ऐसे में अलवर का बोर्ड सबसे युवा रहने की संभावना है। कहते हैं युवाओं की सोच सकारात्मक होती है व युवा चाहे तो किसी की भी किस्मत बदल सकते हैं। ऐसे में देखना होगा कि अलवर नगर परिषद के हालातों में सुधार होता है या पहले से खराब स्थिति होती है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.