ETV Bharat / state

Protest in Bansoor: बच्चों का नामांकन कम करने पर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

बानसूर में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बाढठेगूवास (Villagers protest on reducing enrollment) को हिंदी से अंग्रजी माध्यम में क्रमोन्नत करने के बाद नामांकन कम करने के विरोध में ग्रामीणों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया.

Protest in Bansoor
Protest in Bansoor
author img

By

Published : Jul 15, 2022, 3:21 PM IST

बानसूर (अलवर). जिले में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बाढठेगूवास को हिंदी से अंग्रेजी माध्यम में क्रमोन्नत करने और नामांकन कम करने के विरोध को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा शुक्रवार को फूट पड़ा. ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला बंद करके टेंट लगाकर प्रदर्शन (protest against reducing enrollment) किया. इस मामले पर पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने शिक्षा मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रदर्शन जगह-जगह देखने को मिल रहा है.

बड़ी संख्या में ग्रामीण और बच्चों ने स्कूल पहुंचकर विद्यालय के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में अभिभावकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. सूचना मिलने के बाद भी बानसूर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दो घंटे तक नहीं पहुंचे, जिससे ग्रामीण और आक्रोशित हो गए.

प्रदर्शन की सूचना पर नोडल प्रभारी सुभाष यादव पहुंचे, अभिभावकों की समझाइश की गई, लेकिन वह नहीं माने. वह स्कूल गेट के बाहर धरने पर बैठे रहे. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की हठधर्मिता को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. गरीब तबके के बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है, वहीं अंग्रेजी माध्यम के नामांकन को कम किया जा रहा है. ऐसे में गरीब बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी. जिसके चलते आने वाले समय में उनका भविष्य खराब हो (protest against reducing enrollment) जाएगा.

पढ़ें. सफाई कर्मचारियों ने किया यूडीएच मंत्री के आवास का घेराव, निकाली आक्रोश रैली

ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि विद्यालय में बच्चों के नामांकन की सीटों को बढ़ाया जाए, यदि नामांकन की सीटें नहीं बढ़ती हैं तो विद्यालय को क्रमोन्नत करने की कोई आवश्यकता नहीं है. विद्यालय को पहले की श्रेणी में ही रहने दिया जाए. स्कूल कमेटी के सदस्यों ने बताया कि स्कूल के इंग्लिश मीडियम होने पर उन्हे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह ठीक नहीं है कि हिंदी मीडियम में पहले से पढ़ रहे बच्चों का एडमिशन ना लेकर उन्हे निकाला जाए. गरीब बच्चे जाएं तो कहां जाएं?. ग्रमीणों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि या तो सरकार स्कूल को दो पारियों में संचालित करें, अन्यथा पूरे बच्चों का नामांकन करे. यदि ऐसा नहीं होता है तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने साधा निशाना: इस मामले पर पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा का कहना है कि सरकार के इस फौसले से जगह जगह विरोध देखने को मिल रहा है. लग रहा है कि शिक्षा मंत्री ने यह फैसला 'भांग' खा कर लिया है. उन्होंने कहा कि स्कूल में दोनों माध्यम के बच्चों को पढ़ाया जाए. इसके लिए भले ही सुबह शाम की शिफ्ट करनी पड़े. लेकिन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए.

बानसूर (अलवर). जिले में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बाढठेगूवास को हिंदी से अंग्रेजी माध्यम में क्रमोन्नत करने और नामांकन कम करने के विरोध को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा शुक्रवार को फूट पड़ा. ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला बंद करके टेंट लगाकर प्रदर्शन (protest against reducing enrollment) किया. इस मामले पर पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने शिक्षा मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रदर्शन जगह-जगह देखने को मिल रहा है.

बड़ी संख्या में ग्रामीण और बच्चों ने स्कूल पहुंचकर विद्यालय के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में अभिभावकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. सूचना मिलने के बाद भी बानसूर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दो घंटे तक नहीं पहुंचे, जिससे ग्रामीण और आक्रोशित हो गए.

प्रदर्शन की सूचना पर नोडल प्रभारी सुभाष यादव पहुंचे, अभिभावकों की समझाइश की गई, लेकिन वह नहीं माने. वह स्कूल गेट के बाहर धरने पर बैठे रहे. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की हठधर्मिता को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. गरीब तबके के बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है, वहीं अंग्रेजी माध्यम के नामांकन को कम किया जा रहा है. ऐसे में गरीब बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी. जिसके चलते आने वाले समय में उनका भविष्य खराब हो (protest against reducing enrollment) जाएगा.

पढ़ें. सफाई कर्मचारियों ने किया यूडीएच मंत्री के आवास का घेराव, निकाली आक्रोश रैली

ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि विद्यालय में बच्चों के नामांकन की सीटों को बढ़ाया जाए, यदि नामांकन की सीटें नहीं बढ़ती हैं तो विद्यालय को क्रमोन्नत करने की कोई आवश्यकता नहीं है. विद्यालय को पहले की श्रेणी में ही रहने दिया जाए. स्कूल कमेटी के सदस्यों ने बताया कि स्कूल के इंग्लिश मीडियम होने पर उन्हे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह ठीक नहीं है कि हिंदी मीडियम में पहले से पढ़ रहे बच्चों का एडमिशन ना लेकर उन्हे निकाला जाए. गरीब बच्चे जाएं तो कहां जाएं?. ग्रमीणों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि या तो सरकार स्कूल को दो पारियों में संचालित करें, अन्यथा पूरे बच्चों का नामांकन करे. यदि ऐसा नहीं होता है तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने साधा निशाना: इस मामले पर पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा का कहना है कि सरकार के इस फौसले से जगह जगह विरोध देखने को मिल रहा है. लग रहा है कि शिक्षा मंत्री ने यह फैसला 'भांग' खा कर लिया है. उन्होंने कहा कि स्कूल में दोनों माध्यम के बच्चों को पढ़ाया जाए. इसके लिए भले ही सुबह शाम की शिफ्ट करनी पड़े. लेकिन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.