अलवर. जिले में यूरिया की कमी हो रही है. डिमांड के अनुसार सप्लाई नहीं होने के कारण जिलेभर में हालात खराब हैं. यूरिया के लिए किसान रात भर लाइन में लगे रहते हैं. उसके बाद भी यूरिया नहीं मिल पाता है. बिगड़ते हालातों के बीच जिले में कई जगहों पर पुलिस की निगरानी में यूरिया वितरण किया जा रहा (Urea distribution in Alwar under police presence) है. अलवर ग्रामीण, खेड़ली, लक्ष्मणगढ़ सहित विभिन्न जगहों पर यूरिया के लिए हंगामे, मारपीट व विवाद की घटनाएं भी सामने आ चुकी है.
जिले में इस समय सरसों, चना व जौ की बुवाई हुई है. कुछ दिनों में किसान गेहूं की फसल की बुवाई करेगा. ऐसे में किसान को यूरिया की आवश्यकता है. जिले में हजारों टन यूरिया की आवश्यकता है. इसकी तुलना में एक चौथाई सप्लाई ही मिल रही है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी केंद्र पर 5000 कट्टे यूरिया सप्लाई होने हैं, तो उनमें से 400 से 500 कट्टे यूरिया पहुंच पाते हैं. ऐसे में यूरिया के लिए किसान आपस में उलझ रहे हैं. हंगामे हो रहे हैं व विवाद के मामले सामने आ रहे हैं. यूरिया के लिए ग्रामीण क्षेत्र में रात भर किसान लाइन में लगे रहते हैं. उसके बाद भी लोगों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है.
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अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के मालाखेड़ा आसपास क्षेत्र में शुक्रवार को यूरिया के लिए हालात खराब नजर आए. हजारों की संख्या में किसान जद्दोजहद करते दिखे. तो बिगड़ते हालातों को देखते हुए पुलिस बुलानी पड़ी. पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत किया. उसके बाद पुलिस की मौजूदगी में यूरिया का वितरण शुरू हुआ. किसानों ने केंद्र संचालक पर मनमानी के आरोप लगाए हैं. अपने मिलने वाले लोगों को यूरिया दिया जा रहा है. कालाबाजारी भी हो रही है.
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मंत्री टीकाराम जूली के विधानसभा क्षेत्र अलवर ग्रामीण के अहमदपुर कोऑपरेटिव सोसाइटी पर यूरिया को लेकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान हजारों की संख्या में किसान व ग्रामीण मौके पर जमा हो गए. विवाद बढ़ा तो हाथापाई शुरू हो गई. हालात को काबू करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा. पुलिस ने लोगों को समझाया. कई घंटों की मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ. पुलिस की मौजूदगी में यूरिया का वितरण कार्य फिर से शुरू किया गया. अलवर जिले के सभी क्षेत्र में इस तरह के हालात हैं. बानसूर, बहरोड़ नीमराना, लक्ष्मणगढ़, राजगढ़, रामगढ़ सहित सभी जगह पर यूरिया के लिए मारामारी हो रही है.
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कर्मचारी ताला लगाकर हुए फरार: कोऑपरेटिव सोसाइटी के कर्मचारी हालात खराब होने पर केंद्र के काल ताला लगाकर फरार हो गए. कुछ देर में वहां मौजूद पुलिसकर्मी भी मौका देख कर गायब हो गए. ऐसे में किसान व ग्रामीण परेशान होते रहे. किसानों ने कहा कि यूरिया के कट्टे के साथ उनको एक दवाई भी दी जा रही है. उसका अतिरिक्त चार्ज वसूला जा रहा है.