अलवर. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर लगातार ट्रैफिक बढ़ रहा है. ऐसे में एनएचएआई ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एक्सप्रेस वे पर टू व्हीलर, थ्री व्हीलर व ट्रैक्टर सहित नॉन मोटराइड व्हीकल के संचालन पर रोक लगा दी है. दरसअल एक्सप्रेस वे पर वाहनों की स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है. ऐसे में धीमी गति से चलने वाले छोटे वाहनों के कारण हादसा होने का खतरा रहता है. इसके चलते एनएचएआई ने यह बड़ा फैसला लिया है. इससे टू व्हीलर चालकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना होगा.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट सड़क मार्ग को देश को शुरू करते हुए देश को समर्पित किया था. 8 लेन के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर सभी आधुनिक सुविधाएं हैं. सोहना के करीब नए NH-248A से एक्सप्रेस-वे शुरू होता है. दौसा व जयपुर जाने के लिए भांडारेज के पास आगरा—जयपुर हाइवे पर एक्सप्रेस वे की लेन उतरती है. एक्सप्रेस-वे शुरू होने के बाद दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे पर वाहनों का दबाव कम हुआ है. लगातार वाहन चालक एक्सप्रेस वे पर शिफ्ट हो रहे हैं. दरसअल कार व फोर व्हीलर वाहन चालकों को एक्सप्रेस वे पर सफर करने में सुविधा हो रही है. समय की बचत के साथ ही सफर भी आरामदायक रहता है.
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एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि कंट्रोल ऑफ नेशनल हाईवे (लैंड एंड ट्रैफिक) एक्ट, 2002 के सेक्शन 35 के तहत एक नोटिफिकेशन में आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के तहत बाइक, स्कूटर और अन्य दो पहिया वाहन, थ्री व्हीलर, नॉन-मोटराइज्ड व्हीकल और ट्रैक्टर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर अब नहीं चल सकेंगे. ऐसे में एक्सप्रेस-वे के आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों को थोड़ी परेशानी का सामना करना होगा. क्योंकि एक्सप्रेस वे जिस क्षेत्र में लेन उतरती है. कई बार उस क्षेत्र के लोग एक से दूसरे शहर में जाने के लिए एक्सप्रेस वे पर सफर करते हैं, लेकिन दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर लोग सफर नहीं कर पाएंगे.
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हादसों के चलते लिया गया फैसला: एक्सप्रेस वे के अधिकारियों ने बताया कि बाइक, स्कूटर, थ्री व्हीलर, ट्रैक्टर के चलते आए दिन हादसे होते हैं. एक्सप्रेस वे पर वाहनों की स्पीड ज्यादा रहती है. इसलिए यह फैसला लिया गया है. इससे वाहन चालकों को सुविधा होगी, तो वहीं हादसों का खतरा भी नहीं रहेगा.
रेस्ट एरिया में नहीं मिल रही बेहतर सुविधा: एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले लोगों ने ईटीवी भारत के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि दिल्ली से दौसा तक केवल अभी दो रेस्ट एरिया शुरू किए गए हैं. लेकिन उनमें भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं है. सभी जगह पर शौचालय गंदे हैं. इसके अलावा बैठने के लिए भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. लोग परेशान होते हैं, तो वहीं बच्चों और महिलाओं के साथ ज्यादा दिक्कत आ रही है. खाने-पीने की व्यवस्था भी ठीक नहीं है.
कैमरे नहीं हुए शुरू: एक्सप्रेस वे पर अभी तक कैमरे शुरू नहीं हो पाए हैं. ऐसे में वाहन चालक अपने हिसाब से चल रहे हैं. ऐसे में हादसे का खतरा रहता है. एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि कैमरे लगाने स्टार्ट करने का काम अभी चल रहा है. जल्द ही एक्सप्रेस वे के सभी कैमरे शुरू हो जाएंगे. जिससे ट्रैफिक नियमों का पालन हो सकेगा. साथ ही एक्सप्रेस वे पर भी नजर रखने में सुविधा होगी.