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सरिस्का नेशनल पार्क में मूलभूत सुविधाओं का आभाव....पर्यटक हो रहे हैं परेशान

अलवर का सरिस्का नेशनल पार्क देश-विदेश में अपनी अलग पहचान रखता है. जहां टाइगर देखने के लिए लोग खासे पैसे भी खर्च करते हैं. लेकिन सरिस्का में पर्यटकों के लिए कोई खासा इंतजाम नहीं है. वहीं पर्यटकों के लिए सरिस्का में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है जिसकी वजह से पर्यटक परेशान हो रहे हैं.

पर्यटक हो रहे हैं परेशान
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Published : Jun 19, 2019, 8:42 AM IST

Updated : Jun 19, 2019, 8:47 AM IST

अलवर. टाइगर देखने की चाहत में लोग देश विदेश से अलवर के सरिस्का में आते हैं. लेकिन सरिस्का में आने वाले पर्यटकों को धूप में परेशान होना पड़ता रहा है. वहीं शौचालय व पीने के पानी की भी कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में लगातार यहां पर्यटकों की संख्या भी कम हो रही है. पर्यटकों की संख्या बढ़ाने व पर्यटकों की सुख-सुविधाओं का ध्यान रखने की जिम्मेदारी सरिस्का प्रशासन की है. लेकिन यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटक परेशान होते हैं. प्रवेश द्वार के पास बनी टिकट खिड़की व ऑफिस परिसर में पर्यटकों के बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं है.

पर्यटक हो रहे हैं परेशान

वहीं महिलाओं के लिए शौचालय तक की सुविधा नहीं है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटक घंटों धूप में परेशान होते हैं. लेकिन सरिस्का प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है.पर्यटक ने कहा जिन गाड़ियों में उनको घुमाया जाता है. उनकी सीटें फटी हुई है. उन गाड़ियों में बारिश से बचने की भी कोई इंतजाम नहीं है। तो वही टिकट खिड़की के पास पीने के पानी व शौचालय की भी सुविधा नहीं है.

ऐसे में बच्चों व महिलाओं को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार पर्यटन द्वारा जरूरी संसाधनों के इंतजाम करने की मांग उठाई गई. लेकिन सरिस्का प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में लगातार सरिस्का में पर्यटकों की संख्या भी कम हो रही है.

क्योंकि यहां घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को टाइगर की संख्या कम होने के कारण उसके दीदार भी नहीं हो पाते हैं. ऐसे में पर्यटकों का मन सरिस्का से भंग हो रहा है.इस तरह के हालात रहे तो आने वाले समय में सरिस्का में पर्यटक नजर नहीं आएंगे.

आपको बता अलवर का सरिस्का नेशनल पार्क देश-विदेश में अपनी अलग पहचान रखता है. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ यह नेशनल पार्क सबसे बड़ा पार्क है. इसमें कोई 11 बाघ व 5 शाव हैं. हाल ही में 15 माह के दौरान सरिस्का में चार बाघों की मौत हो चुकी है.

अलवर. टाइगर देखने की चाहत में लोग देश विदेश से अलवर के सरिस्का में आते हैं. लेकिन सरिस्का में आने वाले पर्यटकों को धूप में परेशान होना पड़ता रहा है. वहीं शौचालय व पीने के पानी की भी कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में लगातार यहां पर्यटकों की संख्या भी कम हो रही है. पर्यटकों की संख्या बढ़ाने व पर्यटकों की सुख-सुविधाओं का ध्यान रखने की जिम्मेदारी सरिस्का प्रशासन की है. लेकिन यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटक परेशान होते हैं. प्रवेश द्वार के पास बनी टिकट खिड़की व ऑफिस परिसर में पर्यटकों के बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं है.

पर्यटक हो रहे हैं परेशान

वहीं महिलाओं के लिए शौचालय तक की सुविधा नहीं है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटक घंटों धूप में परेशान होते हैं. लेकिन सरिस्का प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है.पर्यटक ने कहा जिन गाड़ियों में उनको घुमाया जाता है. उनकी सीटें फटी हुई है. उन गाड़ियों में बारिश से बचने की भी कोई इंतजाम नहीं है। तो वही टिकट खिड़की के पास पीने के पानी व शौचालय की भी सुविधा नहीं है.

ऐसे में बच्चों व महिलाओं को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार पर्यटन द्वारा जरूरी संसाधनों के इंतजाम करने की मांग उठाई गई. लेकिन सरिस्का प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में लगातार सरिस्का में पर्यटकों की संख्या भी कम हो रही है.

क्योंकि यहां घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को टाइगर की संख्या कम होने के कारण उसके दीदार भी नहीं हो पाते हैं. ऐसे में पर्यटकों का मन सरिस्का से भंग हो रहा है.इस तरह के हालात रहे तो आने वाले समय में सरिस्का में पर्यटक नजर नहीं आएंगे.

आपको बता अलवर का सरिस्का नेशनल पार्क देश-विदेश में अपनी अलग पहचान रखता है. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ यह नेशनल पार्क सबसे बड़ा पार्क है. इसमें कोई 11 बाघ व 5 शाव हैं. हाल ही में 15 माह के दौरान सरिस्का में चार बाघों की मौत हो चुकी है.

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अलवर।
टाइगर देखने की चाहत में लोग देश विदेश से अलवर के सरिस्का में आते हैं। टाइगर देखने के लिए लोगों कोई खासे पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन उसके बाद भी सरिस्का में पर्यटकों के लिए कोई इंतजाम नहीं है। यहां आने वाले पर्यटकों को धूप में परेशान होना पड़ता है। शौचालय व पीने के पानी की भी कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में पर्यटक घंटों धूप में खड़े रहते हैं।


Body:अलवर का सरिस्का नेशनल पार्क देश-विदेश में अपनी अलग पहचान रखता है। 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ यह नेशनल पार्क सबसे बड़ा पार्क है। इसमें कोई 11 बाघ व 5 शाव हैं। हाल ही में 15 माह के दौरान सरिस्का में चार बाघों की मौत हो चुकी है।

ऐसे में लगातार यहां पर्यटकों की संख्या भी कम हो रही है। पर्यटकों की संख्या बढ़ाने व पर्यटकों की सुख-सुविधाओं का ध्यान रखने की जिम्मेदारी सरिस्का प्रशासन की है। लेकिन यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटक परेशान होते हैं। प्रवेश द्वार के पास बनी टिकट खिड़की व ऑफिस परिसर में पर्यटकों के बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं है।

तो वहीं महिलाओं के लिए शौचालय तक की सुविधा नहीं है। ऐसे में यहां आने वाले पर्यटक घंटों धूप में परेशान होते हैं। लेकिन सरिस्का प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।


Conclusion:पर्यटक ने कहा जिन गाड़ियों में उनको घुमाया जाता है। उनकी सीटें फटी हुई है। उन गाड़ियों में बारिश से बचने की भी कोई इंतजाम नहीं है। तो वही टिकट खिड़की के पास पीने के पानी व शौचालय की भी सुविधा नहीं है।

ऐसे में बच्चों व महिलाओं को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार पर्यटन द्वारा जरूरी संसाधनों के इंतजाम करने की मांग उठाई गई। लेकिन सरिस्का प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में लगातार सरिस्का में पर्यटकों की संख्या भी कम हो रही है। क्योंकि यहां घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को टाइगर की संख्या कम होने के कारण उसके दीदार भी नहीं हो पाते हैं। ऐसे में पर्यटकों का मन सरिस्का से भंग हो रहा है। इस तरह के हालात रहे तो आने वाले समय में सरिस्का में पर्यटक नजर नहीं आएंगे।

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Last Updated : Jun 19, 2019, 8:47 AM IST
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