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करणी माता मंदिर के रास्ते में पहुंचे शावक, चप्पे-चप्पे पर वनकर्मी और पुलिस तैनात...सूर्यास्त के बाद प्रवेश बंद

करणी माता मंदिर के दर्शन के लिए नवरात्र में काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं लेकिन शुक्रवार को मंदिर के कुंड में दो शावकों की मूवमेंट से हड़कंप मच गया. चप्पे-चप्पे पर वनकर्मी और पुलिस तैनात हैं और सूर्यास्त के बाद मंदिर में प्रवेश बंद कर दिया गया है.

Cubs reached on the way to Karni Mata temple
Cubs reached on the way to Karni Mata temple
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Published : Mar 24, 2023, 10:41 PM IST

Updated : Mar 24, 2023, 11:00 PM IST

tigress cubs on karni mata temple

अलवर. जिले के बाला किला क्षेत्र में करणी माता का मेला शुरू हो चुका है. मेला शुरू होने के पहले ही दिन करणी माता मंदिर और बाला किला की तरफ जाने वाले रास्ते पर बाघिन के दो शावक पहुंच गए और कुंड में पानी पीने लगे. मामले की जानकारी तुरंत वन विभाग और पुलिस को दी गई. वन कर्मियों ने घटनास्थल का मुआयना कर मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है. कुछ देर तक रास्ता बंद रहा. शावकों की मूवमेंट जंगल की तरफ होने के बाद आम रास्ते को खोला गया. साथ ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है. चप्पे-चप्पे पर वनकर्मी व पुलिसकर्मी तैनात हैं.

अलवर के बाला किला क्षेत्र में करणी माता का मंदिर है. यहां साल में नवरात्र के समय दो बार मेला भरता है. 9 दिन लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन करते हैं लेकिन इस बार मेला अन्य सालों की तुलना में अलग है. दरसअल इस बार बाला किला क्षेत्र में बाघिन st19 व उसके दो शावकों की मूवमेंट इस एरिया में बनी हुई है. ऐसे में डर के साए में लोग माता के दर्शन करने आ रहे हैं. वन विभाग और पुलिस की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

पढ़ें. करणी माता के दर्शन से पूरी होती है मनोकामना, नवरात्रि पर उमड़ रहे श्रद्धालु...क्षेत्र में बाघों की मूवमेंट से पाबंदी भी

बीते सालों की तुलना में कई गुना अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. चप्पे-चप्पे पर वन कर्मी और पुलिसकर्मी तैनात हैं. मेले के पहले ही दिन गुरुवार को प्रतापगंज से करणी माता व बाला किले की तरफ जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर अचानक शावकों की मूवमेंट हुई व शावक देखे गए. मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग ने प्रताप बांध स्थित मुख्य गेट को बंद कर दिया. शावक सड़क किनारे बने एक कुंड में पानी पी रहे थे. इस दौरान रास्ते को पूरी तरह से बंद रखा गया. लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई.

पढ़ें. Karni Mata Fair in Alwar करणी माता मेला 26 सितंबर से, प्रशासन ने किए बड़े बदलाव

लोगों को अलर्ट कर रहे वनकर्मी
शावकों का मूवमेंट जंगल की तरफ हुआ जिसके बाद बाला किला और करणी माता सड़क मार्ग खोला गया. वन विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है. बाला किला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लोग ग्रुप में बाला किला की तरफ जाएं. रास्ते में कहीं न रुकें. बाघिन और उसके शावकों की मूवमेंट इस क्षेत्र में बनी हुई है. ऐसे में लोगों के साथ वन्यजीवों की सुरक्षा भी अहम मुद्दा है. दिन निकलने के बाद लोगों को क्षेत्र में प्रवेश दिया जाएगा और सूरज डूबने के बाद श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

tigress cubs on karni mata temple

अलवर. जिले के बाला किला क्षेत्र में करणी माता का मेला शुरू हो चुका है. मेला शुरू होने के पहले ही दिन करणी माता मंदिर और बाला किला की तरफ जाने वाले रास्ते पर बाघिन के दो शावक पहुंच गए और कुंड में पानी पीने लगे. मामले की जानकारी तुरंत वन विभाग और पुलिस को दी गई. वन कर्मियों ने घटनास्थल का मुआयना कर मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है. कुछ देर तक रास्ता बंद रहा. शावकों की मूवमेंट जंगल की तरफ होने के बाद आम रास्ते को खोला गया. साथ ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है. चप्पे-चप्पे पर वनकर्मी व पुलिसकर्मी तैनात हैं.

अलवर के बाला किला क्षेत्र में करणी माता का मंदिर है. यहां साल में नवरात्र के समय दो बार मेला भरता है. 9 दिन लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन करते हैं लेकिन इस बार मेला अन्य सालों की तुलना में अलग है. दरसअल इस बार बाला किला क्षेत्र में बाघिन st19 व उसके दो शावकों की मूवमेंट इस एरिया में बनी हुई है. ऐसे में डर के साए में लोग माता के दर्शन करने आ रहे हैं. वन विभाग और पुलिस की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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बीते सालों की तुलना में कई गुना अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. चप्पे-चप्पे पर वन कर्मी और पुलिसकर्मी तैनात हैं. मेले के पहले ही दिन गुरुवार को प्रतापगंज से करणी माता व बाला किले की तरफ जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर अचानक शावकों की मूवमेंट हुई व शावक देखे गए. मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग ने प्रताप बांध स्थित मुख्य गेट को बंद कर दिया. शावक सड़क किनारे बने एक कुंड में पानी पी रहे थे. इस दौरान रास्ते को पूरी तरह से बंद रखा गया. लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई.

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लोगों को अलर्ट कर रहे वनकर्मी
शावकों का मूवमेंट जंगल की तरफ हुआ जिसके बाद बाला किला और करणी माता सड़क मार्ग खोला गया. वन विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है. बाला किला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लोग ग्रुप में बाला किला की तरफ जाएं. रास्ते में कहीं न रुकें. बाघिन और उसके शावकों की मूवमेंट इस क्षेत्र में बनी हुई है. ऐसे में लोगों के साथ वन्यजीवों की सुरक्षा भी अहम मुद्दा है. दिन निकलने के बाद लोगों को क्षेत्र में प्रवेश दिया जाएगा और सूरज डूबने के बाद श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

Last Updated : Mar 24, 2023, 11:00 PM IST
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