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रणथंभौर से सरिस्का आई बाघिन ने बनाई अपनी टेरिटरी, सांभर का किया शिकार

रणथंभौर से सरिस्का आई बाघिन एसटी 30 ने अपनी टेरिटरी बना ली है. बाघिन ने यहां सांभर का शिकार भी किया है.

Tigerss ST 30 made her territory in Sariska, haunted sambhar
रणथंभौर से सरिस्का आई बाघिन ने बनाई अपनी टेरिटरी, सांभर का किया शिकार
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Published : Apr 8, 2023, 9:33 PM IST

Updated : Apr 8, 2023, 11:27 PM IST

बाघिन एसटी 30 ने सरिस्का में बना ली अपनी टेरिटरी

अलवर. रणथंभौर से सरिस्का लाई गई बाघिन एसटी 30 ने सरिस्का के जंगल में अपनी टेरिटरी बना ली है. हाल ही में बाघिन ने सांभर का शिकार किया है. सरिस्का का जंगल बाघिन को पसंद आया है. सरिस्का की टीम बाघिन की 24 घंटे मोनिटरिंग कर रही है. बाघिन को कुछ दिनों तक एंक्लोजर में रखने के बाद खुले जंगल में छोड़ा गया. उसके बाद बाघिन ने जंगल की सैर की व अपनी टेरिटरी बनाई है.

सरिस्का बाघ परियोजना में रणथंभौर से लाई गई बाघिन ने अपनी नई टेरिटरी बना ली है. सरिस्का के टहला रेंज में शांत स्वभाव से बाघिन विचरण कर रही है. हाल ही में बाघिन ने सांभर का शिकार भी किया है. सरिस्का में बाघिन को ST 30 का नाम दिया गया है. सरिस्का बाघ परियोजना में फिलहाल 28 बाघ, बाघिन व शावक हैं. जिस तरह सरिस्का में लगातार पर्यटकों को बाघों की साइटिंग हो रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में सरिस्का को काफी फायदा होगा.

पढ़ेंः रणथंभौर से लाई गई बाघिन को सरिस्का के जंगल में छोड़ा , नाम मिला एसटी-30

सरिस्का के डीएफओ डीपी जगावत ने बताया कि सभी बाघों की लगातार 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. 3 टीमें अलग-अलग शिफ्ट में बाघ-बाघिन व शावकों पर नजर रखती है. एक बाघ, एक बाघिन व दो शावक सरिस्का के बाला किला बफर जोन में हैं. अलवर एनसीआर का हिस्सा है. इसलिए पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. रेलवे व सड़क मार्ग से अलवर सीधा जुड़ा हुआ है. इसलिए पर्यटकों को आने-जाने में सुविधा मिलती है. सरिस्का प्रशासन की तरफ से परिसर में दीवारों पर पेंटिंग करवाई जा रही है. साथ ही पर्यटकों के लिए सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं.

बाघिन एसटी 30 ने सरिस्का में बना ली अपनी टेरिटरी

अलवर. रणथंभौर से सरिस्का लाई गई बाघिन एसटी 30 ने सरिस्का के जंगल में अपनी टेरिटरी बना ली है. हाल ही में बाघिन ने सांभर का शिकार किया है. सरिस्का का जंगल बाघिन को पसंद आया है. सरिस्का की टीम बाघिन की 24 घंटे मोनिटरिंग कर रही है. बाघिन को कुछ दिनों तक एंक्लोजर में रखने के बाद खुले जंगल में छोड़ा गया. उसके बाद बाघिन ने जंगल की सैर की व अपनी टेरिटरी बनाई है.

सरिस्का बाघ परियोजना में रणथंभौर से लाई गई बाघिन ने अपनी नई टेरिटरी बना ली है. सरिस्का के टहला रेंज में शांत स्वभाव से बाघिन विचरण कर रही है. हाल ही में बाघिन ने सांभर का शिकार भी किया है. सरिस्का में बाघिन को ST 30 का नाम दिया गया है. सरिस्का बाघ परियोजना में फिलहाल 28 बाघ, बाघिन व शावक हैं. जिस तरह सरिस्का में लगातार पर्यटकों को बाघों की साइटिंग हो रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में सरिस्का को काफी फायदा होगा.

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सरिस्का के डीएफओ डीपी जगावत ने बताया कि सभी बाघों की लगातार 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. 3 टीमें अलग-अलग शिफ्ट में बाघ-बाघिन व शावकों पर नजर रखती है. एक बाघ, एक बाघिन व दो शावक सरिस्का के बाला किला बफर जोन में हैं. अलवर एनसीआर का हिस्सा है. इसलिए पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. रेलवे व सड़क मार्ग से अलवर सीधा जुड़ा हुआ है. इसलिए पर्यटकों को आने-जाने में सुविधा मिलती है. सरिस्का प्रशासन की तरफ से परिसर में दीवारों पर पेंटिंग करवाई जा रही है. साथ ही पर्यटकों के लिए सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं.

Last Updated : Apr 8, 2023, 11:27 PM IST
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