अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व पर एक बार फिर से शिकार का खतरा मंडराने लगा है. सरिस्का के कोर एरिया में चार से पांच ड्रोन उड़ते हुए नजर आए हैं. मामले की सूचना पुलिस को दी गई है. साथ ही वन विभाग की तरफ से भी जांच की जा रही है, क्योंकि प्रतिबंधित वन क्षेत्र में बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाना अपराध है.
सरिस्का के डीएफओ डीपी जगावत ने बताया कि ड्रोन व ड्रोन जैसी आकृति की कुछ चीजें उड़ती नजर आई हैं. बिना जिला कलेक्टर के ड्रोन उड़ान की अनुमति नहीं होती है, इसलिए यह अपराध है. इस पर मामले की जानकारी सरिस्का के अधिकारियों को दी गई. कुछ देर बाद 4 से 5 ड्रोन गायब हो गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की गई है. वहीं, सरिस्का प्रशासन की तरफ से जंगल क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. बाघों की मॉनिटरिंग के लिए लगी टीमों को भी अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही कैमरों से भी 24 घंटे सरिस्का के जंगल पर नजर रखी जा रही है. सरिस्का प्रशासन ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं में मामले में कार्रवाई शुरू की है.
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बता दें कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरिस्का में इस समय 28 बाघ, बाघिन व उसके शावक हैं. साथ ही 300 से ज्यादा पैंथर और अन्य वन्य जीव हैं. वन विभाग के नियम अनुसार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बिना जिला कलेक्टर की अनुमति के ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं है. सरिस्का पर हमेशा से शिकारियों का खतरा मंडराता रहा है. साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन हो गया था, उसके बाद से बाघों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.