अलवर. जिले में शनिवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर अलवर के प्रसिद्ध संग्रहालय में धरोहर को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. साथ ही स्कूलों के ग्रप भी आ रहे है. बता दें कि इस अवसर पर को अलवर म्यूजियम में बिना टिकट प्रवेश दिया गया है.
सिटी पैलेस स्थित 80 साल पुराना म्यूजियम अलवर आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों के मुख्य आकर्षण का केंद्र है. भव्य और समृद्ध होने से अलवर म्यूजियम की विदेशों में भी पहचान है. इसलिए अलवर म्यूजियम में प्रदर्शित साजों-सामान भारत सहित विदेशों में लगने वाली प्रदर्शनी में भी मंगवाया गया. पूर्व में जयपुर के जवाहर कला केंद्र में आयोजित मुगलकालीन रागनी के लघु चित्रों की प्रदर्शनी में भी अलवर से चित्र भेजे गए थे.
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अलवर संग्रहालय में तीन हॉल हैं. जिनमें 18वी 19 वी सदी के जन जीवन से जुड़े हस्तलिखित ग्रंथ, लघु चित्र, हथियार, बंदूक, एक म्यान में दो तलवार, युद्ध कौशल के साजो सामान, अस्त्र-शस्त्र, राजसी वस्त्र एवं वाद्ययंत्र प्रदर्शित हैं.
प्रथम हॉल में चांदी की मेज. इसके नीचे लगे यंत्र को चलाने पर मेज के ऊपरी भाग पर बनी नहरों में तैरती मछलियों जैसा आभास होता है. महाराजा जयसिंह की स्टेनलेस स्टील की 3 गियर वाली साइकिल, इसके पेडल में ही एयर ब्रेक हैं. अलवर की प्राचीन डमी, मॉडल होप सर्कस, लाल दरवाजा, विनय पैलेस, सरिस्का का मॉडल बने हुए हैं.