अलवर. जिले के जनाना अस्पताल में आए दिन बच्चा बदलने व बदलने की शिकायते मिलती रहती है. तो वहीं अस्पताल प्रशासन के दस्तावेजों में लड़की की जगह लड़का लिख दिया जाता है.इन शिकायतों को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने बड़ा बदलाव किया है.बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उसके हाथ पर लगने वाले टैग पर माता का नाम के साथ उसके हॉस्पिटल में भर्ती का आईपीडी नंबर भी लिखने का फैसला लिया है. ताकि आ रही शिकायतों पर विराम लग सके.
वहीं प्रदेश के जनाना अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में सबसे अधिक प्रसव जयपुर के बाद अलवर के जनाना अस्पताल में होते हैं.जनाना अस्पताल में प्रतिदिन 50 से अधिक प्रसव होते हैं. वहीं बच्चे की पहचान के लिए बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उसके हाथ पर एक टैग लगाया जाता है. जिस पर बच्चे की मां का नाम लिख दिया जाता है, क्योंकि ज्यादातर बच्चों को जन्म के बाद एफबीएनसी यूनिट में भर्ती करना पड़ता है. ऐसे में कई बार बच्चा बदलने का खतरा रहता है.
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील चौहान ने बताया कि अस्पताल के वार्ड में मरीज के साथ अब केवल दो ही परिजन अंदर जा सकेंगे. ज्यादा लोगों को वार्ड में घुसने की अनुमति नहीं दी जाएगी.मरीज को भर्ती करते समय दो पास दिए जाते हैं. उन पास के आधार पर केवल दो लोग ही वार्ड में अंदर जा सकेंगे.साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा करने से असामाजिक तत्व व अनजान व्यक्ति की वार्ड में एंट्री नहीं हो सकेगी.