अलवर. बीते डेढ़ साल के दौरान अलवर के सरिस्का में 4 बाघों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. सरिस्का में अभी 14 बाघ व बाघिन है. इनमें बाघ एसटी-6 की अचानक तबीयत खराब हो गई है. बताया जा रहा है कि उसके पैर में कीड़े पड़ गए हैं. एक पर्यटक द्वारा बनाए गए एक वीडियो के माध्यम से सरिस्का प्रशासन को इस मामले की जानकारी मिली.
इस मामले के बाद पूरा प्रशासन हरकत में आया व बाघ की मॉनिटरिंग शुरू की. सरिस्का के कर्मचारी व अधिकारी लगातार बाघ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वहीं इस मामले की सूचना उच्च अधिकारी को दी गई. इसके बाद डॉक्टरों की एक टीम जयपुर से अलवर पहुंची व लगातार बाघ का इलाज करने में लगी हुई है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि अभी बाघ को ट्रेंकुलाइज करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
डॉक्टरों की मंजूरी मिलने के बाद ट्रेंकुलाइज प्रक्रिया की जा सकती है. इस पूरे मामले में सरिस्का प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. क्योंकि, सरिस्का के आला अधिकारी 24 घंटे बाघों की मॉनिटरिंग करने का दावा करते हैं. ऐसे में मॉनिटरिंग करने वाले कर्मचारियों को बाघ के बीमार होने व उसके पैर में कीड़े होने की सूचना कैसे नहीं मिली.
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जानकारों का कहना है कि घायल बाघ की हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसकी मौत भी हो सकती है. वहीं सरिस्का क्षेत्र बाघों के लिए असुरक्षित माना जाता रहा है. ऐसे में लगातार सरिस्का प्रशासन द्वारा बाघों की मॉनिटरिंग में लापरवाही की शिकायतें मिलती रही है. यह पहला मौका नहीं है, जब लगातार बाघों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. इससे पहले साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन हो गया था.