राजगढ़ (अलवर). राजगढ़ के कोली समाज की ओर से शुक्रवार को कस्बे के स्टेशन मार्ग स्थित कीर्ति नगर में वीरांगना झलकारी बाई कोली की जयंती मनाई गई. साथ ही प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि नरसीराम जिरावली रहे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरसीराम जिरावली ने कहा कि हमारे समाज का उद्देश्य एक ही है कि सभी को शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए. शिक्षा हमारी होगी तो हम अपने आप आगे बढ़ने को ललायित हो जाएगे. उन्होंने कहा कि आज के युग में यदि आदमी अपनी उन्नति चाहता है तो शिक्षा को अपनाएं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार को यह निर्णय लेना होगा कि उनके बच्चे शिक्षित हो तथा उच्च शिक्षा प्राप्त करे.
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि कोली समाज अलवर के जिलाध्यक्ष रमेश चंद कोली, व्याख्याता रामनारायण पावटा, व्याख्याता गजेन्द्र कुमार महावर, फूलचंद ठेकेदार, शिक्षक पूरणलाल करौली ने भी अपने विचार रखे.कार्यक्रम की अध्यक्षता राजगढ़ कोली समाज के अध्यक्ष एवं पार्षद प्रभातीलाल कोली ने की.
समारोह में अतिथियों ने दसवीं और बारहवीं में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह, प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों ने वीरांगना झलकारी बाई के छायाचित्र के समक्ष द्वीप प्रज्वलित करके किया. इससे पूर्व कस्बे के गणेश पोल मंदिर से बैण्ड-बाजों के साथ वीरांगना झलकारी बाई कोली के जयंती महोत्सव के अवसर पर झलकारी बाई और राजाराम कोल ऋषि की आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई.
पति हो गए शहीद तब भी लड़ने को दी प्राथमिकता
इतिहासकारों के मुताबिक 23 मार्च 1858 को जनरल रोज ने अपनी विशाल सेना के साथ झांसी पर आक्रमण कर दिया था. ये साल 1857 के विद्रोह का दौर था. रानी लक्ष्मीबाई ने वीरतापूर्वक अपने 5000 सैनिकों के दल के साथ उस विशाल सेना का सामना किया. जल्द ही अंग्रेज सेना झांसी में घुस गयी और लक्ष्मीबाई, झांसी को बचाने के लिए उनका डटकर सामना कर रहीं थीं. इस दौरान झलकारीबाई ने रानी लक्ष्मीबाई के प्राणों को बचाने के लिये खुद को रानी बताते हुए लड़ने का फैसला किया. खास बात ये है कि इसी युद्ध में उनके पति शहीद हो चुके थे. बावजूद उन्होंने पति का शोक मनाने की जगह राज्य और अपनी रानी के लिए लड़ने को प्राथमिकता दी थी.
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बता दें कि शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया. इस मौके पर राधाकृष्ण राजोरिया, पंचायत समिति सदस्य छोटेलाल कोली, कुंजबिहारी कोली, बाबूलाल, रघुनाथ, पूरणमल, पूर्व पार्षद रामजीलाल कोली, रामजीलाल सेठ, भरतलाल टेलर, राधाकिशन, छोटेलाल कटारिया, नथ्थूराम कटारिया, राजेश कुमार, हीरालाल, घासीराम कोतवाल सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद रहे.