मुंडावर (अलवर). कहावत है 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय', इसी कहावत को चरितार्थ किया है, मुंडावर कस्बे में घटे एक वाकये ने. दरअसल, यहां एक 15 साल की स्कूली छात्रा स्कूल के पास स्थित सुखी पड़ी प्राचीन बावड़ी में छलांग लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की, लेकिन छात्रा बच गई. पुलिस के मुताबिक, छात्रा के पास स एक सुसाइड नोट भी मिला है.
पुलिस ने बताया, सूचना मिली कि एक स्कूली छात्रा ने स्कूल के पास स्थित सुखी पड़ी प्राचीन बावड़ी में छलांग लगाकर जान देने की कोशिश की, जिसमें छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई है और मुंडावर सीएचसी में उपचार चल रहा है. सूचना मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंची और घटना के बारे में स्कूल स्टाफ और चिकित्सक से जानकारी ली. इस दौरान छात्रा की ड्रेस में से एक सुसाइड नोट भी मिला. छात्रा के पैर में चोट लगी थी, जिसे प्राथमिक उपचार देकर अलवर रेफर कर दिया, लेकिन स्कूल स्टाफ और छात्रावास की वार्डन और परिजनों ने छात्रा को बहरोड़ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. फिलहाल, छात्रा खतरे से बाहर है.
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जानकारी के मुताबिक, मुंडावर कस्बे में स्थित एक छात्रावास में रहने वाली और राजकीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा स्कूल में लंच समय के दौरान स्कूल से बाहर निकली थी. इसी दौरान स्कूल के पास स्थित प्राचीन बावड़ी में छलांग लगाकर जान देने की कोशिश की. आसपास रहने वाले ग्रामीणों द्वारा शोर मचाने पर स्कूल स्टाफ ने पहुंचकर छात्रा को मुंडावर सीएचसी में भर्ती कराया, जहां से उसे चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देकर अलवर रेफर कर दिया.
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जानकारी के मुताबिक, छात्रा शारिरिक रूप से कमजोर थी और मानसिक रोगी की तरह व्यवहार करती थी. सहपाठी छात्राओं ने बताया, वह गुमसुम रहा करती थी. छात्रा के पिता का देहावसान हो चुका है. मुंडावर थानाधिकारी लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया, छात्रा के पास से मिले सुसाइड नोट में लिखा है, 'मां, मैं बीमारी से परेशान हूं, ये गोली (दवाइयां) मेरे से नहीं खाई जाती, मैं जब भी बावड़ी की साइड से आती हूं, तब आजा-आजा की आवाज आती है. मैं इसी बावड़ी में कूदकर जान दे रही हूं.