अलवर. जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या पांच हो चुकी है. इनमें से एक मरीज की मौत का मामला भी सामने आ चुका है. वहीं सरकार और प्रशासन की तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी कोरोना से सीधी जंग करते हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन इन सब में एक वर्ग ऐसा है, जो कोरोना से हर पल, हर सेकेंड लड़ता है. हम बात कर रहे हैं आइसोलेशन वार्ड और सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले सफाई कर्मियों की.
सफाईकर्मियों और एंबुलेंसकर्मियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि जिस गंदगी को कोई हाथ नहीं लगाता, उन चीजों को वो लोग उठाकर अपने हाथों से फेंकते हैं. इसमें संक्रमित लोगों की गंदगी भी शामिल होती है. ऐसे में उन लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. संक्रमित लोग जिन चीजों को काम में लेते हैं, उनसे सफाई कर्मी सीधे संपर्क में आते हैं. लेकिन उसके बाद भी सफाई कर्मी पूरी मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं.
सफाई कर्मियों ने कहा कि परिवार के लोग उनकी हिम्मत बढ़ाते हैं. वे कहते हैं कि अगर मौका है, तो जी भर के देश की सेवा में लगे रहो. वहीं कुछ ने बताया कि उनके परिजनों के मन में कोरोना को लेकर डर रहता है और हमेशा फोन करके सावधानी बरतने की बात कहते हैं. वहीं स्टाफ और अस्पताल प्रशासन का खासा सहयोग उनको मिलता है.
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काम के दौरान मास्क, गलब्स, चश्मा, कैप सहित अन्य साधन उनको मिलते हैं. साथ ही 108 एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि इस बीमारी से केवल सावधानी ही बचाव है. एंबुलेंस कर्मियों ने बड़े ही भावुक अंदाज में लोगों से घर में रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि हम लोग काम कर रहे हैं. हर मुश्किल घड़ी में वो काम करेंगे. एंबुलेंस कर्मियों ने कहा कि लोग समझते नहीं हैं. उनकी बातों को नहीं मानते उल्टा उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं.