बानसूर(अलवर). बानसूर की पहचान रखने वाला एकमात्र किला बदहाली की कहानी खुद बयां कर रहा है. पर्यटन स्थल माने जाने वाले बानसूर के किले को देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते है. लेकिन आज बानसूर का किला अपनी पहचान खोता जा रहा है. ग्रामीणों ने कई बार आला अधिकारियों को इसके बारे में बताया. लेकिन ना तो बानसूर प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने.
पढ़ें- विश्व पर्यटन दिवस: अलवर में सबसे ज्यादा पर्यटन स्थल, लेकिन सरकार की अनदेखी पड़ रही शहर पर भारी
बारिश के दिनों मे किले की बुर्ज में से पत्थर निकलकर गिरते हैं. जिससे किले का स्वरुप बिगड़त जा रहा है. किले पर एक मंशा माता का चमत्कारिक मंदिर भी है. नवरात्रों के दिनों मे माता के दर्शनों के लिए पर्यटकों की भीड़ रहती है. लेकिन किले पर कोई पर्यटकों के लिए सुविधा तक नहीं है.
पढ़ें- विश्व पर्यटन दिवस: शेखावाटी में तेजी से टूरिस्ट हब बनता जा रहा खेतड़ी शहर
बानसूर के किले पर पहले पर्यटन अच्छी तादात में आते थे, लेकिन अब यह जर्जर हो चुका है. पुरातत्व विभाग के अनदेखी के चलते बानसूर किले का विकास नहीं हो पा रहा है. कई बार पुरातत्व विभाग को इस बारे में अवगत करवाया. लेकिन तस्वीरें सब बयां कर रही है. पर्यटन की दृष्टि से यह सुन्दर धरोधर है. अगर प्रशासन इस तरफ ध्यान दे तो बानसूर का किला फिर से चमक सकता है. साथ ही रोजगार के अवसरों में बढावा होगा.