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विश्व पर्यटन दिवस: अपनी बदहाली खुद बयां कर रहा बानसूर का एकमात्र किला

विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर आपको अलवर जिले में आने वाले बानसूर के उस किले के बारे में बताएंगे. जिसका निर्माण 200 साल पहले राजा सवाईसिंह ने करवाया था. लेकिन वर्तमान में बानसूर का किला अपनी बदहाली पर रो रहा है. इतना ही नहीं किले में एक सौन्दर्य बावड़ी है जो आज खंडहर बनी हुई है.

Bansur Fort, बानसूर का किला,
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Published : Sep 27, 2019, 9:25 PM IST

बानसूर(अलवर). बानसूर की पहचान रखने वाला एकमात्र किला बदहाली की कहानी खुद बयां कर रहा है. पर्यटन स्थल माने जाने वाले बानसूर के किले को देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते है. लेकिन आज बानसूर का किला अपनी पहचान खोता जा रहा है. ग्रामीणों ने कई बार आला अधिकारियों को इसके बारे में बताया. लेकिन ना तो बानसूर प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने.

अपनी बदहाली खुद बयां कर रहा बानसूर का एकमात्र किला..विश्व पर्यटन दिवस पर स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- विश्व पर्यटन दिवस: अलवर में सबसे ज्यादा पर्यटन स्थल, लेकिन सरकार की अनदेखी पड़ रही शहर पर भारी

बारिश के दिनों मे किले की बुर्ज में से पत्थर निकलकर गिरते हैं. जिससे किले का स्वरुप बिगड़त जा रहा है. किले पर एक मंशा माता का चमत्कारिक मंदिर भी है. नवरात्रों के दिनों मे माता के दर्शनों के लिए पर्यटकों की भीड़ रहती है. लेकिन किले पर कोई पर्यटकों के लिए सुविधा तक नहीं है.

पढ़ें- विश्व पर्यटन दिवस: शेखावाटी में तेजी से टूरिस्ट हब बनता जा रहा खेतड़ी शहर

बानसूर के किले पर पहले पर्यटन अच्छी तादात में आते थे, लेकिन अब यह जर्जर हो चुका है. पुरातत्व विभाग के अनदेखी के चलते बानसूर किले का विकास नहीं हो पा रहा है. कई बार पुरातत्व विभाग को इस बारे में अवगत करवाया. लेकिन तस्वीरें सब बयां कर रही है. पर्यटन की दृष्टि से यह सुन्दर धरोधर है. अगर प्रशासन इस तरफ ध्यान दे तो बानसूर का किला फिर से चमक सकता है. साथ ही रोजगार के अवसरों में बढावा होगा.

बानसूर(अलवर). बानसूर की पहचान रखने वाला एकमात्र किला बदहाली की कहानी खुद बयां कर रहा है. पर्यटन स्थल माने जाने वाले बानसूर के किले को देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते है. लेकिन आज बानसूर का किला अपनी पहचान खोता जा रहा है. ग्रामीणों ने कई बार आला अधिकारियों को इसके बारे में बताया. लेकिन ना तो बानसूर प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने.

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बारिश के दिनों मे किले की बुर्ज में से पत्थर निकलकर गिरते हैं. जिससे किले का स्वरुप बिगड़त जा रहा है. किले पर एक मंशा माता का चमत्कारिक मंदिर भी है. नवरात्रों के दिनों मे माता के दर्शनों के लिए पर्यटकों की भीड़ रहती है. लेकिन किले पर कोई पर्यटकों के लिए सुविधा तक नहीं है.

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बानसूर के किले पर पहले पर्यटन अच्छी तादात में आते थे, लेकिन अब यह जर्जर हो चुका है. पुरातत्व विभाग के अनदेखी के चलते बानसूर किले का विकास नहीं हो पा रहा है. कई बार पुरातत्व विभाग को इस बारे में अवगत करवाया. लेकिन तस्वीरें सब बयां कर रही है. पर्यटन की दृष्टि से यह सुन्दर धरोधर है. अगर प्रशासन इस तरफ ध्यान दे तो बानसूर का किला फिर से चमक सकता है. साथ ही रोजगार के अवसरों में बढावा होगा.

Intro:Body:अलवर के बानसूर
बानसूर की पहचान रखने वाला एकमात्र किला बदहाली के आंखू रो रहा है। हर साल बानसूर के पर्यटन स्थल माने जाने वाले किले को देखने के लिए हजारो की संख्या में पर्यटक यहां पहुचते है लेकिन आज बानसूर का किला अपनी पहचान खोता जा रहा है। ग्रामीणों ने क ई बार बानसूर के सरपंच, तहसीलदार व उपखंड अधिकारी को इसके बारे में अवगत करवाया लेकिन ना तो बानसूर प्रशासन इस ओर कोई ध्यान दे रहा है। ना ही कोई जनप्रतिनिधि। जनप्रतिनिधि अपने वोट बैंक बनाने के चक्कर मे विकास तक करवाना भूल जाते है। बानसूर किला आज एक खंडर बना हुआ है जिससे पर्यटकों को मायूस होकर वापस लोटना पडता है। तथा आये दिन बारिश के दिनो मे किले की बुर्ज में से पत्थर निकलकर गिरते हैं जिससे किले का सौन्दर्य रूप भी बिगड़त जा रहा है। किले पर एक मंशा माता का चमत्कारिक मंदिर भी है नवरात्रों के दिनो मे माता के दर्शनों के लिए पर्यटकों की भीड रहती है लेकिन किले पर कोई पर्यटकों के लिए सुविधा तक नहीं है। माना जाता है कि बानसूर के मध्य मे बसे किले का निर्माण 200 साल पहले राजा सवाईसिंह ने करवाया था। किले पर एक सौन्दर्य बावड़ी है जो आज खंडर बनी हुई है।

पहले पर्यटन अच्छी तादात में आते थे लेकिन अब यह जर्जर हो चुका है। पुरातत्व विभाग के अनदेखी के चलते बानसूर किले का विकास नही हो पा रहा है। क ई बार पुरातत्व विभाग को इस बारे मे अवगत करवाया वही दो वर्ष पूर्व जिला कलेक्टर किले पर आये थे और किले की मरम्मत के लिए ज्ञापन भी सौंपा था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। पर्यटन की दृष्टि से यह सुन्दर धरोधर है लेकिन क्षतिग्रस्त के चलते कोई भी हादसा हो सकता है।





ट्रांस - अजीत सिंह रामपुर ने बताया पुरातत्व विभाग प्राचीन धरोहर की मरम्मत के लिए आगे आए अभी कुछ दिन पहले एक ब्रिज ढह जाने से हादसा होते होते टला कई जगह से दीवारें क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है पुरातत्व विभाग से गुजारिश करते हुए कहा प्राचीन धरोहर की देखरेख में आगे आएं इसके संरक्षण के लिए उस अनुदान करें और इस धरोहर की मरम्मत करवाएं यह बानसूर में आकर्षक का केंद्र है उचित पर्यटन की व्यवस्था की जाए तो पर्यटकों को का ज्यादा रुझान होगा दूर दूर से लोग देखने पहुंच सकते हैं लेकिन बदहाली के चलते खंडहर में तब्दील होता जा रहा प्राचीन धरोहर




ट्रांस - महावीर प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि पर्यटक की दृष्टि से अच्छा है। यहा पर्यटक आने लगेंग तो रोजगार भी बढेगा। प्राचीन किले की मरम्मत हो जाए तो लोगो का आकर्षण अच्छा होगा। जहा एक मंशा माता का मंदिर है और हजारो की तादात में श्रृद्धालु आते हैं लेकिन किले की बदहाली को देखते हुए यहा पर्यटकों का आना कम हो गया। सरकार व पुरातत्व विभाग से मांग करते हैं कि किले की मरम्मत करवाई जावे।

बाइट अजीत सिंह पर्यटक

बाइट महावीर प्रसाद गोयल स्थानीय ग्रामीण बानसूरConclusion:
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