अलवर. अपने कई ठोस और अजीबो गरीब फैसलों के लिए जाने जाने वाले क्षेत्र के पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने एक ओर बड़ा फैसला लिया हैं. उन्होंने कहा है कि शहिदों के परिजनों के सभी सरकारी कार्य और वीरांगनाओं को होने वाली सभी परेशानियों को दूर करने के लिए वो हर संभव प्रयास करेंगे.
महिला दिवस के मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वीरांगना अपने हक के लिए कई सालों तक परेशान होती है. इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया है.
अलवर जिले में शहीदों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है सैनिक के शहीद होने के बाद उसकी वीरांगनाओं के परिजन अपने हक के लिए सरकारी कार्यालयों में चक्कर लगाते हैं. बीते दिनों अलवर में आए मामलों को देखने के बाद पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि वह वीरांगनाओं की मदद करेंगे. उसके लिए उनको जो भी करना पड़ेगा वह उससे पीछे नहीं हटेंगे.
उन्होंने कहा कि वो पहले भी कई बार इस तरह के कदम उठा चुके हैं. राम मंदिर के निर्माण नहीं होने तक उन्होंने माला नहीं पहने का फैसला लिया. उसको भी वो निभा रहे हैं. ऐसे में वीरांगनाओं के लिए अधिकारियों से मिलने सहित सड़क पर उतरना पड़ा तो वह भी करेंगे.
सिंगल ने कहा कि सैनिक के शहीद होने के बाद वीरांगना के पास जीवन यापन के लिए कुछ नहीं बचता है. ऐसे में समय पर सरकारी मदद उसके लिए नए जीवन का काम करती है, लेकिन कई बार सरकारी विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही के चलते वीरांगना उनके परिजन सरकारी कार्यालय में धक्के खाते हैं.