अलवर. राजस्थान के अलवर जिले के एमआईए थाना क्षेत्र के अंतर्गत साल 2014 में एक नाबालिग को जबरन बाजरे के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया. जिसके बाद पीड़िता ने इस घटना से आहत होकर जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड करने का प्रयास किया. वहीं इस मामले में अलवर की पोक्सो को न्यायालय संख्या तीन के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने आरोपी विक्रम सिंह को धारा 376 में दोषी मान कर आजीवन कारावास और धारा 303 में दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
आरोपी पर न्यायालय ने 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अपर लोक अभियोजन योगेंद्र खटाणा ने बताया कि 26 सितंबर 2014 को एमआईए थाने में नाबालिग पीड़िता की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वो अलवर जेल में अपने बेटे से मिलने आई थी. जब वापस लौटी तो उसकी बेटी बाजरे खेत में पसीने से लथपथ बेसुध हालत में पड़ी हुई थी.
पूछताछ पर पीड़िता ने बताया कि विक्रम ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. इसके बाद पीड़िता की मां आरोपी के घर परिजनों से शिकायत करने गई. इस पर आहत होकर नाबालिग ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली.पुलिस ने जांच में आरोपी विक्रम को दोषी मानते हुए कोर्ट में चालान पेश किया.
वहीं इस मामले में लगातार सुनवाई चल रही थी.दोनों पक्षों पर गवाहों की सुनवाई और बयान के बाद अलवर की विशेष पोक्सो न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने विक्रम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सरकारी वकील ने बताया कि कठोर सजा से घटनाओं पर फर्क पड़ेगा. न्यायालय ने आरोपियों को कठोर सजा दी जा रही है. जिससे घटनाओं में कमी आएगी.