अलवर. इंडियन आइडल फेम सवाई भट्ट मत्स्य उत्सव में म्यूजिकल नाइट के दौरान अलवर पहुंचे. यहां उन्होंने सूफी गायन से अपने सुरों का जादू बिखेरा. युवाओं ने सूफी गायन का आनंद लिया. देर रात तक म्यूजिकल नाइट चलती रही. सवाई भट्ट ने कहा देश में टैलेंट की कमी नहीं है. केवल एक ब्रेक मिलने की आवश्यकता है. इंडियन आइडल ने उनकी जिंदगी बदल दी, आज उनको व उनके परिवार को एक सम्मान मिलता है.
सूफी गायन के लिए पाकिस्तान सिंगर का नाम आता है, लेकिन वो भारत को सूफी गायन में एक पहचान दिलाना चाहते हैं. सूफी गायन आम गानों से अलग होता है. राजस्थान के नागौर के एक छोटे से गांव के रहने वाले गायक सवाई भट्ट आज देश-विदेश में अपने गायन के चलते (Sawai Bhatt Performance in Alwar) एक पहचान बन चुके हैं. इंडियन आइडल से अपने जीवन की शुरुआत करते हुए कई बड़े प्लेटफार्म पर उन्होंने अपने सुरों का जादू बिखेरा.
कुछ समय पहले हिमेश रेशमिया सहित कई अन्य सितारों के साथ उनके एल्बम के गाने आए. सभी गानों को लोगों ने खासा पसंद किया. वो सूफी अंदाज के लिए जाने जाते हैं. ईटीवी से बात करते हुए सवाई भट्ट ने कहा कि इंडियन आइडल ने उनकी जिंदगी बदल दी. पहले उनके पिता कठपुतली का डांस गांव-गांव घूम कर दिखाते थे. वो गाना गाकर अपने परिवार का पेट भरते थे. आज उनको व उनके परिवार को एक सम्मान मिला है. लोग उनका सम्मान करते हैं. उनकी जिंदगी बदल गई है.
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उन्होंने कहा कि युवाओं को लक्ष्य बनाकर मेहनत करनी चाहिए. अभ्यास करना आवश्यक है. बिना अभ्यास के संगीत में लक्ष्य पाना मुश्किल है. सवाई भट्ट ने कहा कि देश में टैलेंट की कमी नहीं है. केवल एक मंच मिलने की आवश्यकता है. सवाई भट्ट ने कहा कि जिस तरह से आज पाकिस्तान के बड़े गायकों का नाम सूफी गायन में आता है. ऐसे ही उनका सपना है कि हिंदुस्तान का नाम भी सूफी गायन में आए.
उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ समय में नए एल्बम व नए गानों में वो नजर आएंगे. अलवर में उन्होंने केसरिया बालम, शराब पीना सिखा दिया सहित (Songs of Sawai Bhatt) कई गाने गए. देर रात तक चले इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.