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सरस डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा को सरकार ने किया बर्खास्त - Saras dairy chairman sacked by government

अलवर के सरस डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा पर कई तरह के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे थे. जिसके चलते मीणा को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है.

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Published : Aug 29, 2019, 11:28 PM IST

अलवर. लंबे इंतजार की बाद अलवर सरस डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. सरकार ने बन्ना राम को 1 अगस्त 2017 को दोषी माना था. बन्नाराम मीणा पर कई तरह के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे थे. लगातार बनाराम पर सरकार से समझौता करने सहित भी कई अन्य आरोपी लग रहे थे. बन्नाराम मीणा पर डेयरी में टेंडर अनियमितता और मिलावट पकड़े जाने पर निलंबित अधिकारियों से पैसे लेने सहित कई आरोप लग रहे थे.

सरस डेयरी के चेयरमैन को सरकार ने किया बर्खास्त

वहीं तत्कालीन श्रम मंत्री जसवंत यादव के स्वागत में बिना स्वीकृति डेयरी के 4.42 लाख रुपए की राशि खर्च करने के मामले में दोषी पाए जाने पर सरकार ने बना राम को बर्खास्त किया है. सहकारिता मंत्री न्यायालय में धारा 107 के अंतर्गत दायर याचिका पर मिले स्थगन आदेश को खारिज करने के बाद दिया गया है.चेयरमैन को बर्खास्त करने के आदेश सहकारी समिति के रजिस्ट्रार डॉ नीरज के पवन ने जारी किए हैं. भ्रष्टाचार मामले में विधायकों ने भाजपा और कांग्रेस में विधानसभा में उठाए थे.

यह भी पढ़ेंः अलवर के राज ऋषि कॉलेज के बाहर छात्रों ने नारेबाजी कर किया प्रदर्शन

हाल ही में राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा विधायक बलजीत यादव ने यह मामला उठाया था. डेयरी चेयरमैन बन्नाराम मीणा पर पहले भी 2015-16 में अनियमितताओं के आरोप लगे थे.30 अगस्त 2017 को नोटिस जारी करते हुए बना राम मीणा को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था. चेयरमैन के आग्रह पर उन्होंने 20 मार्च 2018 और 9 अप्रैल 2018 को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान चेयरमैन ने बताया कि उन्होंने रजिस्ट्रार की ओर से जारी जांच रिपोर्ट और निर्देशों के खिलाफ शिकायत मंत्री न्यायालय में निगरानी याचिका दायर कर रखी है. इसके बाद 9 अप्रैल 2018 को इस निगरानी याचिका का निर्णय होने पर धारा 30 की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया. पूर्व में जारी स्थगन आदेश को सहकारी मंत्री न्यायालय ने 5 मार्च 2019 को खारिज कर दिया. उसके बाद भ्रष्टाचार के आरोपों की पत्रावली का फिर से अवलोकन किया गया और चेयरमैन मीणा को चुना गया डेयरी के प्रबंध संचालक से संबंधित रिकॉर्ड तलब किए गए.

यह भी पढ़ेंः अलवर : आर आर कॉलेज में रिकाउंटिंग की मांग कर रहे छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

पूर्व में 9 अप्रैल 2018 की सुनवाई स्थगित करने के निर्णय पर सहमति बनी. सहकारिता मंत्री के न्यायालय ने 5 अगस्त 2019 को निगरानी याचिका खारिज कर दी और बर्खास्त करने के आदेश जारी किए.दिल्ली प्रशासन ने कहा कि सरकार की तरफ से बना राम मीणा को बर्खास्त करने के आदेश मिले हैं. वहीं सरकार ने 2 से 3 दिन इंतजार करने व उसके बाद बनाना मीणा से सरकारी गाड़ी लेने सहित अन्य आदेश दिए हैं. तो वहीं लगातार बर्खास्तगी की सूचना मिलने के बाद बन्नाराम मीणा सरस डेयरी नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में देखना होगा कि बन्नाराम मीणा को न्यायालय से स्टे मिलता है या फिर सरकार के आदेश लागू होते हैं.

अलवर. लंबे इंतजार की बाद अलवर सरस डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. सरकार ने बन्ना राम को 1 अगस्त 2017 को दोषी माना था. बन्नाराम मीणा पर कई तरह के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे थे. लगातार बनाराम पर सरकार से समझौता करने सहित भी कई अन्य आरोपी लग रहे थे. बन्नाराम मीणा पर डेयरी में टेंडर अनियमितता और मिलावट पकड़े जाने पर निलंबित अधिकारियों से पैसे लेने सहित कई आरोप लग रहे थे.

सरस डेयरी के चेयरमैन को सरकार ने किया बर्खास्त

वहीं तत्कालीन श्रम मंत्री जसवंत यादव के स्वागत में बिना स्वीकृति डेयरी के 4.42 लाख रुपए की राशि खर्च करने के मामले में दोषी पाए जाने पर सरकार ने बना राम को बर्खास्त किया है. सहकारिता मंत्री न्यायालय में धारा 107 के अंतर्गत दायर याचिका पर मिले स्थगन आदेश को खारिज करने के बाद दिया गया है.चेयरमैन को बर्खास्त करने के आदेश सहकारी समिति के रजिस्ट्रार डॉ नीरज के पवन ने जारी किए हैं. भ्रष्टाचार मामले में विधायकों ने भाजपा और कांग्रेस में विधानसभा में उठाए थे.

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हाल ही में राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा विधायक बलजीत यादव ने यह मामला उठाया था. डेयरी चेयरमैन बन्नाराम मीणा पर पहले भी 2015-16 में अनियमितताओं के आरोप लगे थे.30 अगस्त 2017 को नोटिस जारी करते हुए बना राम मीणा को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था. चेयरमैन के आग्रह पर उन्होंने 20 मार्च 2018 और 9 अप्रैल 2018 को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान चेयरमैन ने बताया कि उन्होंने रजिस्ट्रार की ओर से जारी जांच रिपोर्ट और निर्देशों के खिलाफ शिकायत मंत्री न्यायालय में निगरानी याचिका दायर कर रखी है. इसके बाद 9 अप्रैल 2018 को इस निगरानी याचिका का निर्णय होने पर धारा 30 की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया. पूर्व में जारी स्थगन आदेश को सहकारी मंत्री न्यायालय ने 5 मार्च 2019 को खारिज कर दिया. उसके बाद भ्रष्टाचार के आरोपों की पत्रावली का फिर से अवलोकन किया गया और चेयरमैन मीणा को चुना गया डेयरी के प्रबंध संचालक से संबंधित रिकॉर्ड तलब किए गए.

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पूर्व में 9 अप्रैल 2018 की सुनवाई स्थगित करने के निर्णय पर सहमति बनी. सहकारिता मंत्री के न्यायालय ने 5 अगस्त 2019 को निगरानी याचिका खारिज कर दी और बर्खास्त करने के आदेश जारी किए.दिल्ली प्रशासन ने कहा कि सरकार की तरफ से बना राम मीणा को बर्खास्त करने के आदेश मिले हैं. वहीं सरकार ने 2 से 3 दिन इंतजार करने व उसके बाद बनाना मीणा से सरकारी गाड़ी लेने सहित अन्य आदेश दिए हैं. तो वहीं लगातार बर्खास्तगी की सूचना मिलने के बाद बन्नाराम मीणा सरस डेयरी नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में देखना होगा कि बन्नाराम मीणा को न्यायालय से स्टे मिलता है या फिर सरकार के आदेश लागू होते हैं.

Intro:अलवर।
लंबे इंतजार की बाद अलवर सरस डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। सरकार ने बन्ना राम को 1 अगस्त 2017 को दोषी मारा था। बन्नाराम मीणा पर कई तरह के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे थे। लगातार बनाराम पर सरकार से समझौता करने सहित भी कई अन्य आरोपी लग रहे थे।


Body:बन्नाराम मीणा पर डेयरी में टेंडर अनियमितता व मिलावट पकड़े जाने पर निलंबित अधिकारियों से पैसे लेने सहित कई आरोप लग रहे थे। तो वही तत्कालीन श्रम मंत्री जसवंत यादव के स्वागत में बिना स्वीकृति डेयरी के 4.42 लाख रुपए की राशि खर्च करने के मामले में दोषी पाए जाने पर सरकार ने बना राम को बर्खास्त किया है।
सहकारिता मंत्री न्यायालय में धारा 107 के अंतर्गत दायर याचिका पर मिले स्थगन आदेश को खारिज करने के बाद दिया गया है। चेयरमैन को बर्खास्त करने के आदेश सहकारी समिति के रजिस्ट्रार डॉ नीरज के पवन ने जारी किए हैं। भ्रष्टाचार मामले में विधायकों ने भाजपा और कांग्रेस में विधानसभा में उठाए थे। हाल ही में राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा विधायक बलजीत यादव ने यह मामला उठाया था। डेयरी चेयरमैन बन्नाराम मीणा पर पहले भी 2015-16 में अनियमितताओं के आरोप लगे थे।

30 अगस्त 2017 को नोटिस जारी करते हुए बना राम मीणा को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था। चेयरमैन के आग्रह पर उन्होंने 20 मार्च 2018 और 9 अप्रैल 2018 को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की। सुनवाई के दौरान चेयरमैन ने बताया कि उन्होंने रजिस्ट्रार की ओर से जारी जांच रिपोर्ट और निर्देशों के खिलाफ शिकायत आ मंत्री न्यायालय में निगरानी याचिका दायर कर रखी है। इसके बाद 9 अप्रैल 2018 को इस निगरानी याचिका का निर्णय होने पर धारा 30 की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। पूर्व में जारी स्थगन आदेश को सहकारी मंत्री न्यायालय ने 5 मार्च 2019 को खारिज कर दिया। उसके बाद भ्रष्टाचार के आरोपों की पत्रावली का फिर से अवलोकन किया गया और चेयरमैन मीणा को चुना गया डेयरी के प्रबंध संचालक से संबंधित रिकॉर्ड तलब किए गए। पूर्व में 9 अप्रैल 2018 की सुनवाई स्थगित करने के निर्णय पर सहमति बनी सहकारिता मंत्री के न्यायालय ने 5 अगस्त 2019 को निगरानी याचिका खारिज कर दी और बर्खास्त करने के आदेश जारी किए।


Conclusion:दिल्ली प्रशासन ने कहा कि सरकार की तरफ से बना राम मीणा को बर्खास्त करने के आदेश मिले हैं। तो वहीं सरकार ने 2 से 3 दिन इंतजार करने व उसके बाद बनाना मीणा से सरकारी गाड़ी लेने सहित अन्य आदेश दिए हैं। तो वहीं लगातार बर्खास्तगी की सूचना मिलने के बाद बन्नाराम मीणा सरस डेयरी नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में देखना होगा कि बन्नाराम मीणा को न्यायालय से स्टे मिलता है या फिर सरकार के आदेश लागू होते हैं।
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