अलवर. 15 सूत्री मांगों को लेकर 6 फरवरी से धरने पर बैठे वनकर्मियों का धरना शनिवार रात को समाप्त हो गया. इसके बाद रविवार सुबह से सरिस्का सहित प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व, वन अभ्यारण व पार्कों में सफारी शुरू कर दी गई. सरिस्का में सफारी करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे तो सफारी के दौरान पर्यटकों ने जंगल का आनंद लिया और वन्यजीवों का दीदार किया.
इससे पहले सरिस्का के गेट बंद होने के कारण शनिवार को पांडुपोल आने वाले श्रद्धालुओं को बिना दर्शन ही वापस लौटना पड़ा था. 15 सूत्री मांगों को लेकर 6 फरवरी से सरिस्का सहित प्रदेशभर के वनकर्मी कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए थे. धरना प्रदर्शन कर रहे वनकर्मियों ने 9 फरवरी से सरिस्का के सदर गेट, टहला गेट, सिलीबेरी गेट और अलवर बफर में प्रतापबंध गेट बंद कर दिए थे. जिससे सरिस्का जंगल में सफारी पूरी तरह बंद हो गई थी. ऑनलाइन बुकिंग भी निरस्त करनी पड़ी थी.
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जंगल में बाघों की मॉनिटरिंग के अलावा वन्यजीवों के रेस्क्यू ऑपरेशन, अतिक्रमण, अवैध खनन, अवैध कटान जैसे अनेक काम ठप हो गए थे. रणथंभौर, भरतपुर, कोटा सहित प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व, लेपर्ड सफारी, बर्ड सेंचुरी सहित सभी जगहों पर इसी तरह के हालात थे, जिससे पर्यटक खासा परेशान हो रहे थे. वहीं, वनकर्मी लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे. ऐसे में सरकार की तरफ से वनकर्मियों के नेताओं से बातचीत की गई. इधर, बातचीत सफल होने के बाद हड़ताल को खत्म कर दिया गया.
वहीं, सरकार ने सभी मांगे मानने का आश्वासन दिया. वनकर्मियों ने कहा कि धरना स्थगित कर दिया गया है. लेकिन वो सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. सरिस्का का गेट बंद होने से पर्यटकों के साथ श्रद्धालु भी परेशान हो रहे थे. इसके बाद वनकर्मियों ने अपना धरना समाप्त करने की घोषणा की. रविवार से वनकर्मी सरिस्का में काम पर लौट के आए हैं.