बहरोड़ (अलवर). गर्मी का मौसम शुरू होते ही प्रदेश में पानी की किल्लत होने से आमजन का जीना मुश्किल हो गया है. बहरोड़ नीमराणा क्षेत्र डार्क जोन में होने के कारण पहले से ही पानी नहीं है. ऊपर से गर्मी ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. बहरोड़ में पानी की समस्या से जूझ रही महिलाओं ने बुधवार को मटका फोड़ कर विरोध जताया. यहां के स्थानीयों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.
दरअसल, बुधवार को बहरोड़ में पानी की समस्या से परेशान महिलाओं ने मटका फोड़ कर विरोध जताया. उन्होंने कहा कि जल्द प्रशासन पीने के पानी की व्यवस्था करे, अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाएगा. मामला बहरोड़ क्षेत्र के रिवाली गांव का है. गांव में पिछले कई सालों से पानी की समस्या है. जिसका प्रशासन ने आज तक समाधान नहीं किया है. बुधवार दोपहर बाद रिवाली गांव के करीब तीन दर्जन महिला-पुरूष पानी नहीं आने से नाराज होकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे.
जब अधिकारी नहीं मिले, तो महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और खाली मटके कार्यालय के सामने फोड़ने शुरू कर दिए. अचानक से हुए इस घटनाक्रम के बाद कर्मचारी भी सकते में आ गए. एसडीएम के नहीं मिलने पर तहसीलदार द्वारका प्रसाद तिवारी को राजू सेठ के नेतृत्व में ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया. ग्रामीण बुजुर्ग ने बताया कि गांव रिवाली में पिछले कई सालों से पानी की समस्या है. सर्दी में तो जैसे-तैसे काम निकाल लिया, लेकिन अब गर्मी के शुरू होते ही पानी की किल्लत ज्यादा हो गई है.
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ग्रामीण ने बताया कि प्रशासन हर बार जल्द समाधान का आश्वासन देकर भेज देता है. राज्य व केन्द्र सरकार की जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है. इस पूरे काम में राज्य सरकार के आदेश के बाद भी ना तो कोई कर्मचारी काम कर रहा है और ना ही ठेकेदार. इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है. गर्मी के शुरू होते ही पानी की किल्लत का ये हाल है तो आगामी महीनों में जनता का क्या होगा ये तो भगवान ही जाने.