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अलवर: सामान्य अस्पताल के बंदी वार्ड से कैदी फरार, हत्या के मामले में हुआ था बंद

अलवर जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल स्थित बंदी वार्ड से एक कैदी के फरार होने का मामला (Prisoner absconding Case in Alwar) सामने आया है. कैदी हत्या के मामले में जेल में बंद था. पुलिस ने आसपास क्षेत्र में नाकाबंदी कर और सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग खंगालना शुरू कर दिया है.

Prisoner absconding Case in Alwar
अस्पताल के बंदी वार्ड से कैदी फरार
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Published : Nov 10, 2022, 4:27 PM IST

अलवर. जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल स्थित बंदी वार्ड में बंद कैदी धर्मेंद्र पुत्र रोहिताश गुरुवार को दोपहर के समय फरार (Prisoner absconding Case in Alwar) हो गया. पेट दर्द और बुखार की शिकायत होने पर 9 नवंबर को धर्मेंद्र को अलवर के केंद्रीय कारागार से सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल परिसर स्थित कैदी वार्ड में उसका इलाज चल रहा था.

जानकारी के अनुसार गुरुवार को दोपहर के समय दो पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात थे. एक पुलिसकर्मी दूसरे कैदी को जांच कराने के लिए गया तो वहीं हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र की दवाई लेने गया था. इसी बीच मौके का फायदा उठाकर धर्मेंद्र कैदी वार्ड से फरार (Prisoner absconding Case in Alwar) हो गया. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आसपास क्षेत्र में नाकाबंदी करते हुए अस्पताल परिसर के आसपास क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग खंगालना शुरू कर दिया है.

पढ़ें- जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष, महिला समेत तीन घायल

पुलिस ने बताया कि अलवर के मांडल थाने में 302 के मामले में पुलिस ने धर्मेंद्र (30) पुत्र रोहिताश निवासी कंहाबास को गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया था. न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया था. अलवर के केंद्रीय कारागार में धर्मेंद्र बंद था. इसी बीच 9 नवंबर को धर्मेंद्र को पेट दर्द और बुखार की शिकायत हुई. केंद्रीय कारागार के सुरक्षाकर्मी इलाज के लिए उसे राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में लेकर पहुंचे. सामान्य अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद धर्मेंद्र को अस्पताल परिसर स्थित बंदी वार्ड में भर्ती किया गया और वहां उसका इलाज शुरू हुआ. डॉक्टर ने ड्रिप चढ़ाई और साथ ही जरूरी दवाइयां दी.

बंदी वार्ड में एक हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल की ड्यूटी रहती है. दो कांस्टेबल जय सिंह और महेश छुट्टी पर चल रहे हैं. ऐसे में कांस्टेबल गंगाराम और हेड कांस्टेबल लक्ष्मीनारायण ड्यूटी पर तैनात थे. गंगाराम बंदी वार्ड में बंद एक अन्य कैदी सोनू की सोनोग्राफी करवाने के लिए उसे अपने साथ लेकर गया तो हेड कांस्टेबल लक्ष्मी नारायण धर्मेंद्र की दवाई लेने के लिए चला गया था.

वार्ड में धर्मेंद्र की ड्रिप चल रही थी और गेट बाहर से बंद था. लक्ष्मीनारायण जब दवाई लेकर आया तो धर्मेंद्र वार्ड से गायब था. इसके बाद उसने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी. घटना की सूचना मिलने पर संबंधित थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जेल के अधिकारी पहुंचे और बंदी की तलाश शुरू की गई. अभी तक धर्मेंद्र की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. बंदी वार्ड में दो गेट लगे हुए हैं. एक गेट खुला हुआ था और दूसरा गेट बाहर से बंद मिला. पुलिस अपने आसपास क्षेत्र में नाकाबंदी लगाते हुए बंदी की तलाश शुरू कर दी है. अस्पताल परिसर के आसपास क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग चेक की जा रही है, लेकिन अभी तक कैदी की कोई जानकारी नहीं मिली है.

अलवर. जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल स्थित बंदी वार्ड में बंद कैदी धर्मेंद्र पुत्र रोहिताश गुरुवार को दोपहर के समय फरार (Prisoner absconding Case in Alwar) हो गया. पेट दर्द और बुखार की शिकायत होने पर 9 नवंबर को धर्मेंद्र को अलवर के केंद्रीय कारागार से सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल परिसर स्थित कैदी वार्ड में उसका इलाज चल रहा था.

जानकारी के अनुसार गुरुवार को दोपहर के समय दो पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात थे. एक पुलिसकर्मी दूसरे कैदी को जांच कराने के लिए गया तो वहीं हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र की दवाई लेने गया था. इसी बीच मौके का फायदा उठाकर धर्मेंद्र कैदी वार्ड से फरार (Prisoner absconding Case in Alwar) हो गया. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आसपास क्षेत्र में नाकाबंदी करते हुए अस्पताल परिसर के आसपास क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग खंगालना शुरू कर दिया है.

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पुलिस ने बताया कि अलवर के मांडल थाने में 302 के मामले में पुलिस ने धर्मेंद्र (30) पुत्र रोहिताश निवासी कंहाबास को गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया था. न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया था. अलवर के केंद्रीय कारागार में धर्मेंद्र बंद था. इसी बीच 9 नवंबर को धर्मेंद्र को पेट दर्द और बुखार की शिकायत हुई. केंद्रीय कारागार के सुरक्षाकर्मी इलाज के लिए उसे राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में लेकर पहुंचे. सामान्य अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद धर्मेंद्र को अस्पताल परिसर स्थित बंदी वार्ड में भर्ती किया गया और वहां उसका इलाज शुरू हुआ. डॉक्टर ने ड्रिप चढ़ाई और साथ ही जरूरी दवाइयां दी.

बंदी वार्ड में एक हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल की ड्यूटी रहती है. दो कांस्टेबल जय सिंह और महेश छुट्टी पर चल रहे हैं. ऐसे में कांस्टेबल गंगाराम और हेड कांस्टेबल लक्ष्मीनारायण ड्यूटी पर तैनात थे. गंगाराम बंदी वार्ड में बंद एक अन्य कैदी सोनू की सोनोग्राफी करवाने के लिए उसे अपने साथ लेकर गया तो हेड कांस्टेबल लक्ष्मी नारायण धर्मेंद्र की दवाई लेने के लिए चला गया था.

वार्ड में धर्मेंद्र की ड्रिप चल रही थी और गेट बाहर से बंद था. लक्ष्मीनारायण जब दवाई लेकर आया तो धर्मेंद्र वार्ड से गायब था. इसके बाद उसने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी. घटना की सूचना मिलने पर संबंधित थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जेल के अधिकारी पहुंचे और बंदी की तलाश शुरू की गई. अभी तक धर्मेंद्र की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. बंदी वार्ड में दो गेट लगे हुए हैं. एक गेट खुला हुआ था और दूसरा गेट बाहर से बंद मिला. पुलिस अपने आसपास क्षेत्र में नाकाबंदी लगाते हुए बंदी की तलाश शुरू कर दी है. अस्पताल परिसर के आसपास क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग चेक की जा रही है, लेकिन अभी तक कैदी की कोई जानकारी नहीं मिली है.

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