अलवर. बानसूर के भूपसेड़ा गांव की रहने वाली सुनीता का शव भर्तहरि धाम के पास सरिस्का के जंगल में 8 जनवरी को मिला था. उसका एक हाथ और पैर कटा हुआ था. उसका चेहरा भी क्षत-विक्षत मिला था. परिजन व ग्रामीण हत्या का आरोप लगाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस की लापरवाही के चलते महिला की मौत हुई. परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया. 6 दिन बाद सोमवार को परिजन राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में शव देने के लिए पहुंचे.
सोमवार सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीण व परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में पहुंचे. मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम (postmortem of Alwar missing woman) किया. पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का पता चल सकेगा. मामले की जांच बानसूर की जगह दूसरे जांच अधिकारी को ट्रांसफर कर दी गई है. परिजनों की अन्य मांगे भी पूरी करने का आश्वासन दिया गया है. परिजनों ने कहा कि अगर एक माह में आरोपी गिरफ्तार नहीं होते हैं, तो पुलिस प्रशासन परिजनों के सामने माफी मांगेगा.
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बता दें कि सुनीता का नसबंदी का ऑपरेशन हुआ था. चिकित्स की राय पर वह घर के बाहर घूम रही थी. इस दौरान वह अचानक गायब हो गई. परिजनों ने गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी. उसके बाद 8 फरवरी को महिला का शव सरिस्का के जंगलों में पड़ा हुआ मिला. मृतका का शव राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ था. परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर शव लेने से मना कर दिया था.
इस संबंध में परिजन लगातार बानसूर में धरना दे रहे थे. रविवार को अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ व जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ परिजनों से मिलने पहुंचे. इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर सहित सांसदों के समझाने के बाद परिजन शव लेने के लिए तैयार हुए.