अलवर. जिले में कोरोना जांच लैब शुरू होते ही विवादों में आने लगी है. दरअसल, जिला अस्पताल की आरटीपीसीआर कोरोना लैब की ओर से कोरोना नेगेटिव मरीजों की पॉजिटिव रिपोर्ट जारी करने का मामला सामने आया है. मंगलवार को कोरोना लैब ने पहले 55 लोगों की कोरोना पॉजिटिव लिस्ट जारी कर दी, लेकिन करीब डेढ़ घंटे बाद फिर से गलती सुधारते हुए नई सूची जारी की गई. पहली सूची में 22 पॉजिटिव लोगों को नेगेटिव दिखाया गया. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने कहा कि तकनीकी खामी के चलते ऐसा हुआ है. इसके बाद कंप्यूटर ऑपरेटर को पाबंद कर दिया गया है.
पढ़ें: Exclusive : पायलट और बागी विधायकों के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं : भंवर सिंह भाटी
गौरतलब है कि लंबे समय की इंतजार के बाद अलवर में कोरोना जांच लैब शुरू की गई है. हालांकि, अभी प्रतिदिन 200 सैंपल चेक किए जा रहे हैं. लेकिन, आगामी दिनों में इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है. लैब शुरू होने के साथ ही नए विवादों में भी आने लगी है. अलवर आरटी पीसीआर कोरोना लैब की ओर से 55 मरीजों की पॉजिटिव लिस्ट जारी की गई. वहीं, उसके कुछ घंटे बाद लिस्ट में 22 पॉजिटिव लोगों को नेगेटिव लिस्ट में शामिल किया गया.
इस दौरान सूची मिलते ही मेडिकल टीमों ने मरीजों को संक्रमित होने की सूचना दे दी और उन्हें परिवार के लोगों से दूर रखने के लिए कहा गया. कुछ घंटे बाद फिर से मरीजों को संशोधित सूची की जानकारी दी गई. ऐसे में मरीज खासे परेशान रहे. उनको कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा. मेडिकल टीम की ओर से बार-बार बदलाव को लेकर मरीज भी कंफ्यूज नजर आए. सीएमएचओ कार्यालय की ओर से रात 10 बजे सभी ब्लॉकों के लिए मेडिकल टीमों को भेज दिया गया. मेडिकल टीमों ने अपने-अपने क्षेत्रों के मरीजों को पॉजिटिव होने की रिपोर्ट देकर सतर्क कर दिया था. लेकिन, कुछ घंटे बाद व्हाट्सएप ग्रुप में दूसरी लिस्ट भेजी गई. पिछली रिपोर्ट को डिलीट किया गया. इसके बाद फिर से पॉजिटिव और नेगेटिव मरीजों के संशोधित सूची जारी की गई. इससे लोग बेहद परेशान हुए.
पढ़ें:Special: सुरा के सुरूर में भी कोरोना का असर...महंगी शराब की बिक्री 70 फीसदी तक घटी
बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल की कोरोना लैब के माइक्रोबायोलॉजिस्ट की तरफ से जल्दबाजी में गलत रिपोर्ट जारी कर दी गई. दरअसल, कोविड जांच की अलग-अलग स्टेज होती है. अंतिम स्टेज में आरटीपीसीआर मशीन से रिजेक्ट के बाद सूची जारी होती है. लेकिन, इस सूची को बनाने में इतनी जल्दबाजी की गई कि नेगेटिव मरीजों को पॉजिटिव कर दिया गया. सूची जारी करने के बाद फिर से मिलान किया गया तो गलती पकड़ में आ गई. लेकिन, तब तक मरीजों तक रिपोर्ट की जानकारी भेज दी गई थी. ऐसे में मरीज खासे परेशान हुए. मरीज और स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ खासा कंफ्यूज नजर आया.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच की गई तो कंप्यूटर ऑपरेटर की तरफ से गलती का मामला सामने आया. इसके बाद ऑपरेटर को पाबंद किया गया है.