भिवाड़ी (अलवर). एक समय था जब तिजारा क्षेत्र और तिजारा से लगता हुआ हरियाणा और राजस्थान का मेवात क्षेत्र अपराध के लिए जाना जाता था. इसी की चिंता करते हुए शहर के 50-55 युवाओं ने भिवाड़ी के तिजारा पुलिस के की मदद की और पुलिस मित्र टीम बनाई. जिसकी सफलता को देखते हुए बहुत जल्द राजस्थान में जिला मुख्यालयों पर पुलिस मित्र टीमों का गठन करने के आदेश पारित किए गए हैं.
जानकारी के अनुसार बुधवार से 17 महीन पूर्व तत्कालीन थानाधिकारी अनिल शर्मा के मार्गदर्शन में शहर के 50 युवाओं ने एकजुट होकर अपराध पर लगाम लगाए जाने के लिए स्थानीय पुलिस के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाया. जिसके चलते हाइवे पर घटना दुर्घटनाओं में घायलों की करीब दो दर्जन से अधिक लोगों की पुलिस मित्र टीम की ओर से जान बचाई जा चुकी है.
डीजीपी का पुलिस मित्र टीम के साथ लंच...
वहीं एक व्यापारी के साथ हुई लूट में एक पुलिस मित्र ने हथियारबंद बदमाशों का सामना करते हुए लाखों की लूट को रोका था. जिसकी तारीफ डीजीपी भूपेंद्र यादव ने अपने भिवाड़ी दौरे के दौरान की थी. पुलिस मित्र टीम की कामयाब और निस्वार्थ भावना को देखते हुए बहुत जल्द डीजीपी ने पुलिस मित्र टीम के साथ लंच का कार्यक्रम रखा है.
सात भागों में विभाजित...
पुलिस मित्र टीम का नेतृत्व कर रहे भारत सैनी ने बताया कि उन्होंने इस पूरी टीम को सात भागों में विभाजित किया हुआ है, जो प्रतिदिन के हिसाब से दिन और रात शहर में पहरा देते है. पुलिस मित्र के कार्य की सराहना करते हुए तिजारा उपखंड अधिकारी भी टीम के सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर चुके हैं.
निर्विवाद सम्पन्न हो रहे आयोजन...
पुलिस मित्र टीम के सफर को देखते हुए पुलिस मुख्यालय जयपुर में कार्यरत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रानू शर्मा टीम के कार्यों की समीक्षा कर चुकी हैं. पुलिस उपाधीक्षक तिजारा कुशाल सिंह भी पुलिस मित्र टीम के सहयोग से बेहद खुश हैं.
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पुलिस मित्र टीम ने बताया कि सर्व धर्म के सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में भी पुलिस की तरह ही जवानों के साथ ड्यूटी लगती है और सभी आयोजन निर्विवाद सम्पन्न हो रहे हैं. बता दें कि तिजारा में गर्मी, सर्दी और बरसात सभी मौसम में पुलिस मित्र टीम निस्वार्थ भावना से पुलिस का साथ देकर अपराध पर लगाम लगाए हुए हैं.
आपको बता दें कि तिजारा शहर महाभारत काल का त्रिगत नगर है जो महाराजा सुशर्मा का शहर रहा है. जिसकी राजधानी आज देशभर में रंगीला गांव के नाम से जाना जाने वाले सरहेटा गांव था. तिजारा में महाराजा भरथरी हरी की तपोभूमि भी त्रिगत नगर यानि आज के तिजारा को कहा जाता है.