अलवर. लंबे इंतजार के बाद दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे शुरू होने जा रहा है. 12 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से भण्डारेज (दौसा) तक एक्सप्रेस-वे को शुरू करने जा रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने एक्सप्रेस-वे पर चल रहे कामों का जायजा लिया. सैकड़ों कर्मचारी एक्सप्रेस-वे के आसपास पौधारोपण, पेंटिंग सहित फाइनल टच देने में लगे हुए हैं. देश के सबसे लंबे ग्रीनफील्ड दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे का दिल्ली-सोहना-अलवर से भण्डारेज (दौसा) तक का काम पूरा हो गया है.
अब 12 फरवरी को होगा उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 4 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के उद्घाटन का कार्यक्रम था, लेकिन उसमें बदलाव किया गया है. सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार रात को एक ट्वीट करके बताया कि एक्सप्रेस पर के उद्घाटन कार्यक्रम की तारीख में बदलाव किया गया है. उद्घाटन कार्यक्रम 4 फरवरी की जगह 12 फरवरी को होगा. ऐसे में 12 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दौसा आएंगे और एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे.
-
"Change in the date"
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Now Hon'ble PM Shri @narendramodi Ji will inaugurate the Sohna-Dausa stretch of the #Delhi_Mumbai_Expressway on 12th February. https://t.co/RrNb9WrcHq
">"Change in the date"
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 30, 2023
Now Hon'ble PM Shri @narendramodi Ji will inaugurate the Sohna-Dausa stretch of the #Delhi_Mumbai_Expressway on 12th February. https://t.co/RrNb9WrcHq"Change in the date"
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 30, 2023
Now Hon'ble PM Shri @narendramodi Ji will inaugurate the Sohna-Dausa stretch of the #Delhi_Mumbai_Expressway on 12th February. https://t.co/RrNb9WrcHq
लंबे समय से एक्सप्रेस-वे के 210 किलोमीटर के सड़क मार्ग को आम लोगों के लिए खोलने की तैयारी चल रही है. एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि अब तक के कार्यक्रम के अनुसार दौसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा होगी, वहीं से एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया जाएगा. इसको लेकर युद्ध स्तर पर एक्सप्रेस-वे का काम चल रहा है. अलवर में बड़ौदामेव के पास सीतल में एक्सप्रेस वे की लेन उतरती है.
NHAI ने की ये व्यवस्था : एनएचएआई की तरफ से एक्सप्रेस-वे पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही स्पीड की जानकारी देने, ओवर स्पीड का चालान करने के लिए ऑटोमेटिक कैमरे भी लगाए गए हैं. इसके अलावा जगह-जगह साइन बोर्ड की व्यवस्था है. एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वाले लोगों के लिए शौचालय व कैंटीन की भी व्यवस्था एनएचएआई की तरफ से की गई है. सभी टोल प्लाजा पर सड़क के दोनों तरफ पेड़ लगाने का काम चल रहा है. गुजरात व हरियाणा से विशेष पेड़ मंगाए गए हैं. सड़क के दोनों तरफ रेलिंग, लाइट, पेंट सहित कई अन्य कार्य भी किए जा रहे हैं.
टोल दरें निर्धारित नहीं : कर्मचारियों ने बताया कि सभी टोल प्लाजा के पास भारी वाहनों के लिए कांटा भी लगाया गया है. इस पर गाड़ी के सामान के वजन के बारे में भी पता चल सकेगा. उन्होंने बताया कि अभी तक एनएचएआई की तरफ से एक्सप्रेस-वे संचालित करने वाली कंपनी को हैंड ओवर नहीं किया गया है. इसलिए एक्सप्रेस वे पर चलने वाले वाहनों की टोल की दरें भी निर्धारित नहीं हुई हैं. उद्घाटन के बाद कुछ दिनों तक ट्रायल के रूप में एक्सप्रेस-वे का संचालन होगा. इस दौरान वाहन चालकों को निशुल्क प्रवेश मिल सकता है.
एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे. एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है. उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे को फाइनल टच देने का काम चल रहा है. टोल प्लाजा, टोल बूथ सहित अन्य चीजें पूरी हो चुकी हैं. टोल प्लाजा पर सौर ऊर्जा प्लांट भी लगाए गए हैं, ताकि विद्युत कटौती के दौरान लगातार काम जारी रहे. साथ ही बिजली की बचत भी हो सकेगी.
सौंदर्यीकरण का विशेष ध्यान : उन्होंने बताया कि सभी इंटरचेंज टोल बूथ के आसपास सौंदर्यीकरण का भी विशेष ध्यान रखा गया है. एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ और इंटरचेंज के क्षेत्र में पेड़-पौधे लगाए गए हैं. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे 1350 किमी लंबा व 8 लेन का राजमार्ग है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे मार्ग की आधारशिला केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 9 मार्च, 2019 को रखी थी. यह हरियाणा (129 किमी), राजस्थान (373 किमी), मध्य प्रदेश (244 किमी), गुजरात (426 किमी) और महाराष्ट्र (171 किमी) सहित पांच राज्यों से होकर गुजरेगा. इन पांच राज्यों में दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 15,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का इस्तेमाल किया गया है.
एक्सप्रेस-वे से जुड़े फैक्ट्स : परियोजना की लंबाई 1,350 किमी है, जिसे बनाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये (लगभग) की लागत आई है. यह 8 लेन का राज्यमार्ग है, जिसका 12 लेन तक विस्तार भी किया जा सकता है. एक्सप्रेस-वे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. एक्सप्रेस-वे डीएनडी फ्लाईवे, दिल्ली और सोहना, हरियाणा से शुरू होकर विरार, महाराष्ट्र और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, महाराष्ट्र पर जाकर खत्म होगा.
एक्सप्रेस-वे पर होगा खास : मुंबई एक्सप्रेस-वे पर लगभग 93 स्थानों पर होटल, ATM, फूड कोर्ट, रिटेल शॉप, ईंधन स्टेशन और साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं हैं. ये पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे है, जिसमें दुर्घटना के शिकार यात्रियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए हर 100 किमी पर पूरी तरह से सुसज्जित ट्रॉमा सेंटर व हेलीपैड उपलब्ध होंगे.
पर्यावरण को मिलेगा फायदा : एक्सप्रेस-वे पर्यावरण के अनुकूल होगा. इसपर लगभग 20 लाख पेड़ लगाए जाएंगे. वर्षा जल संचयन प्रक्रिया के जरिए ड्रिप सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल करके हर 500 मीटर पर इन पेड़ों को पानी दी जाएगी. एक्सप्रेस-वे पर होने वाले वृक्षारोपण से लगभग 850 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कटौती होने का अनुमान है. इस परियोजना से ट्रैफिक की समस्या को कम करके लगभग 32 लीटर ईंधन की बचत होने की संभावना है. सोलर एनर्जी और स्टेट ग्रिड दोनों का इस्तेमाल करके दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे पर सड़क की किनारे लाइट की व्यवस्था की गई है.
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे जेवर में आगामी नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़ जाएगा. लिंक रोड फरीदाबाद-बल्लभगढ़ बाइपास व डीएनडी फ्लाई-वे का भी लिंक होगा. सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने चेन्नई और सूरत के बीच एक एक्सप्रेस वे को मंजूरी दे दी है, जो सूरत में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा. साथ ही पनियाला मोड़ से बड़ौदामेव तक एक नया एक्सप्रेस-वे बन रहा है. इसके बनने से पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर सहित उत्तर भारत के सभी शहर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ सकेंगे.