अलवर. जिले के रामगढ़ उपखंड मुख्यालय की ग्राम पंचायत रामगढ़ को नगर पालिका बनाए जाने की घोषणा का ग्रामीणों और कस्बे वासियों ने स्वागत किया है. लेकिन ये लोग नगर पालिका सीमांकन में जाति विशेष के लोगों को शामिल करने के लिए अनैतिक रूप से जाति विशेष बहुल गांव को जोड़ने का विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने शुक्रवार को एसडीएम रेणु मीणा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
कस्बे से सटे गांव छोड़े...
नगर पालिका क्षेत्र की सीमा में आए ग्रामीणों सहित कस्बा वासियों ने ज्ञापन में बताया है कि रामगढ़ कस्बा मुख्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी से शुरू राजस्व ग्राम केशव नगर को छोड़कर मुख्यालय से 5 से 6 किलोमीटर दूर की पीपरोली गांव सहित कई गांवों को जातिगत आधार पर नगर पालिका में शामिल कर लिया गया है. खेड़ी ग्राम पंचायत के सभी राजस्व गांवों को इसमें शामिल कर लिया गया है. इसी तरह पालिका क्षेत्र में राम नगर और केशव नगर सहित ललाबंडी, चंडीगढ़, अहीर आदि सीमापवर्ती गांव के साथ सौतेले व्यवहार कर इन्हें जातिगत आधार पर समीप होने के बावजूद नगर पालिका क्षेत्र से बाहर कर दिया गया.
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नहीं ली गई रायशुमारी...
मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में उन्होंने प्रशासन और सरकार पर रायशुमारी नहीं लेने का आरोप लगाया है. लोगों का आरोप है कि नगर पालिका परिसीमन के दौरान सरकार के इशारे पर आनन-फानन में गुपचुप कार्रवाई की गई और किसी तरह की कोई आम सूचना जनप्रतिनिधियों या क्षेत्र के लोगों को नहीं दी गई.
चतुर्थी श्रेणी का विरोध...
ज्ञापन में नगर पालिका क्षेत्र में सम्मिलित वोटर की संख्या 20 हजार से अधिक होने के बावजूद इसे चतुर्थी श्रेणी की नगरपालिका बनाए जाने का विरोध किया गया है. इस दौरान कस्बा पूर्व सरपंच देवेंद्र दत्ता, संटू पूर्व मंडल अध्यक्ष महावीर प्रसाद जैन, गौरव सोनी और बाबूलाल जांगिड़ सहित कई लोग मौजूद रहे.