अलवर. 20 फरवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान का बजट पेश करेंगे. इस बार अलवर वासियों को बजट से खासी उम्मीदें हैं. कई योजनाएं अलवर में अधूरी पड़ी हुई है. अलवर की सड़के टूटी हुई है और सालों से अलवर वासियों को मेडिकल कॉलेज का इंतजार है.
अलवर का ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन सालों से खाली पड़ा हुआ है और मिनी सचिवालय का काम अधूरा है. चंबल से पानी लाने की सभी सरकारी दावा करती है, लेकिन आज तक अलवर में पानी नहीं पहुंचा है. भूमिगत जलस्तर तेजी से गिर रहा है. पानी की खासी कमी है. ऐसे में अलवर के लोगों को बजट से कई तरह की उम्मीदें हैं. युवाओं को रोजगार चाहिए तो वहीं महिलाएं रसोई का खर्च कम करना चाहती है.
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अलवर का गीतानंद शिशु चिकित्सालय कागजों में आज भी एक वार्ड है इसमें एक बार जैसी सुविधाएं हैं. ऐसे में लोगों को अस्पताल की खासी उम्मीद है. अलवर के युवा, किसान, महिलाएं, पुरुष व बुजुर्ग सभी सरकार से आस लगाए हुए हैं. देखना होगा की सरकार अलवर के लिए क्या घोषणा होती हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री अलवर को क्या तोहफा देते हैं, क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास वित्त विभाग है, इसलिए वह खुद बजट पेश करेंगे.