अलवर. नॉर्वे इंडिया पार्टनरशिप इनिशिएटिव की ओर से अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल स्थित स्पेशल केयर यूनिट एफबीएनसीयू, बच्चों की परिवारिक भागीदारी व देखभाल के लिए एफपीसी, बाल चिकित्सा आपातकालीन ट्राइएज मूल्यांकन व उपचार के लिए स्टार्ट स्थापित की गई है. वहीं, सोमवार को निरीक्षण के लिए टीम अस्पताल पहुंची. साथ ही निरीक्षण के बाद टीम के सदस्यों ने जारी सेवा कार्यों पर संतृष्टि व्यक्त की.
सालों पहले अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में निपी व भारत सरकार की तरफ से मॉडल के रूप में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट स्थापित की गई. हर साल नॉर्वे की टीम इसका निरीक्षण करने के लिए आती है. इसके सफल संचालन के बाद अस्पताल में बच्चों की पारिवारिक भागीदारी व देखभाल के लिए एफपीसी और बाल चिकित्सा आपातकालीन मूल्यांकन और उपचार के लिए स्टार्ट का निर्माण कार्य किया गया. बता दें कि नॉर्वे की टीम सोमवार को गीतानंद शिशु अस्पताल पहुंची. इस दौरान 8 अधिकारियों की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान रामगढ़ क्षेत्र में आंगनबाड़ी क्षेत्र पर व्यवस्थाएं देखी व सपोर्ट सिस्टम का निर्माण और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की.
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साथ ही वहां भर्ती महिलाओं से भी टीम के सदस्यों ने बातचीत की. इसके बाद नॉर्वे टीम के एक सदस्य ने बताया कि अलवर में बेहतर काम हो रहा है. नॉर्वे की तरफ से सालों पहले यहां एक ट्रायल शुरू किया गया. जिसको पूरे देश में फॉलो किया. आज भी यहां बेहतर काम हो रहा है. इस दौरान प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य अस्पताल का स्टाफ व अधिकारी मौजूद रहे. वहीं, नॉर्वे से आए अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में इंडिया बेहतर काम कर रहा है. कई ऐसे बदलाव किए गए हैं, जिनका फायदा देश के लोगों को हो रहा है. कोरोना काल में सबसे बेहतर काम इंडिया में हुआ. नॉर्वे की टीम ने दोपहर के समय जिला कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की. उसके बाद टीम दिल्ली के लिए रवाना हो गई.
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील चौहान ने कहा कि गीतानंद शिशु अस्पताल में नॉर्वे की तरफ से कुछ और सहायता उपलब्ध कराने की बात कही गई है. ऐसे में कई प्रस्ताव तैयार करके नॉर्वे की टीम को दिए गए हैं. जिससे यहां आने वाले मरीजों को और बेहतर इलाज मिल सके. इस दौरान मदर मिल्क बैंक का निरीक्षण करके मिल्क डोनेट करने वाली माताओं से भी नॉर्वे की टीम के सदस्यों ने बातचीत की.