रामगढ़ (अलवर). जिले के रामगढ़ पुलिस थाना अंतर्गत चौमा गांव से एक विवाहिता महिला सहित उसके 5 माह के बच्चे के अपहरण का मामला 12 नवंबर को विवाहिता के ससुर ने दर्ज कराया था, जो पुलिस की जांच में झूठा साबित हुआ है.
रामगढ़ थाना प्रभारी भरत मेहर ने बताया कि 9 नवंबर को संतोष पत्नी सतीश और उसका 5 माह का बच्चा घर में सोया हुआ था. इस दिन रात को चौमा गांव निवासी राम प्रसाद सैनी पुत्र हरी सिंह सैनी अपने साथियों के साथ आया और महिला संतोष व उसके बच्चे का अपहरण कर लिया. सुबह जब संतोष की सास उसे उठाने गई तो घर में संतोष और बच्चा नहीं था. जब पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी राम प्रसाद सैनी की बाइक भरतपुर जिले के जाटोली गांव में खड़ी है. वहां जाकर मालूम किया तो पता चला कि रामप्रसाद यहां बाइक यह कहते हुए खड़ा किया है कि वह आगरा जा रहा है.
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मामले दर्ज कराते हुए परिजनों ने पुलिस से संतोष और उसके पांच माह के बच्चे को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराने की मांग की थी. लेकिन शुक्रवार की सुबह पीड़ित अपने 5 माह के बच्चे को लेकर पुलिस थाने आई और अपहरण के मामले को झूठा बताया. पीड़िता ने बताया कि पति के साथ हुई अनबन के कारण वह जयपुर चली गई थी. साथ ही बताया कि मेरा अपहरण नहीं हुआ था और मेरे ससुर के की ओर से दर्ज किया हुआ मामला झूठा है.