मुंडावर (अलवर). राज्य सरकार की ओर से जारी महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े के तहत कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सांसद बालकनाथ योगी की ओर से सम्पूर्ण मुंडावर ब्लॉक को भेजे गए 3000 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट केमिकल से छिड़काव किया जाएगा. सरपंच संघ अध्यक्ष दलीप यादव ने बताया कि केमिकल से मुंडावर ब्लॉक की हर गली और मोहल्ले, सड़क, बंद दुकानें, प्रतिष्ठान सैनिटाइज होंगे. आज ब्लॉक के समस्त सरपंचों को बुलाकर सांसद द्वारा भेजे गए केमिकल को बांटा गया, सभी ग्राम पंचायतों में मंगलवार से सैनिटाइजेशन का काम शुरू हो जाएगा.
क्या है सोडियम हाइपोक्लोराइट
देश में कोरोना वायरस के इंफेक्शन से निपटने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है. सोडियम हाइपोक्लोराइट (एनएसीएलओ) एक हरे या पीले रंग का एक तरल पदार्थ होता है. यह एक स्ट्रांग ऑक्सीडाइजिंग एजेंट है. सोडियम हाइपोक्लोराइट एक सोडियम (एनए) एटम, एक क्लोरीन (सीएल) एटम और एक ऑक्सीजन (ओ) से मिलकर बनता है.
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क्षेत्र में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ब्लॉक में सैनिटाइजेशन का कार्य जरूरी है, कुछ वार्डों को सैनिटाइज करवाया भी गया है. बढ़ते संक्रमण को लेकर सैनिटाइज का कार्य केमिकल के आने से आगे भी जारी रहेगा.
सोडियम हाइपोक्लोराइट के प्रयोग से पहले इनका रखना होगा ध्यान
क्लोरीन घोल का डिसइंफेक्टेंट घोल हर रोज ताजा बनाया जाना चाहिए. अधिक देर तक रोशनी में रहने से यह खराब हो जाता है. मुंह पर तौलिया बांध कर निर्धारित मात्रा से कम शक्ति का घोल बनाने पर यह बेअसर हो जाएगा. यह सांस में भी चला जाए तो इससे नाक, गले और सांस की नली में दिक्कत हो सकती है. नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंच सकता है.
इसलिए कोशिश हो कि सतर्कता के साथ छिड़काव किया जाए. सोडियम हाइपोक्लोराइट का केवल निर्जीव वस्तुओं पर ही छिड़काव किया जाना चाहिए. सड़क, दीवार, गेट व फर्श को छोड़ अन्य सजीव वस्तुओं, यहां तक कि पेड़-पौधों पर भी इसका छिड़काव घातक है.