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अलवर की तीनों नगर निकायों में बीजेपी का बोर्ड बनेगा: संजय शर्मा

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Published : Nov 19, 2019, 5:39 PM IST

अलवर नगर परिषद में 65 वार्डों की हुई मतगणना के बाद घोषित परिणामों में भारतीय जनता पार्टी के 27 पार्षद चुनकर आए हैं. वहीं, कांग्रेस के मात्र 20 पार्षद ही जीत पाए. साथ ही 18 निर्दलीय पार्षद चुनाव जीते हैं जिन्होंने दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ दिया है.

विधायक संजय शर्मा अलवर, MLA Sanjay Sharma Alwar

अलवर. नगर परिषद में 65 वार्डों की हुई मतगणना के बाद घोषित परिणामों में भारतीय जनता पार्टी के 27 पार्षद चुनकर आए हैं. वहीं, कांग्रेस के मात्र 20 पार्षद ही जीत पाए. साथ ही 18 निर्दलीय पार्षद चुनाव जीत कर आए हैं और उन्होंने दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ दिया है. वहीं, भिवाड़ी नगर परिषद के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने बराबर सीटें हासिल की है. 60 सीटों वाली भिवाड़ी नगर परिषद में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने 23-23 सीटे दर्ज की है. वहीं, 2 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी भी जीतने में कामयाब हुई है और 12 पार्षद निर्दलीय जीते हैं.

अलवर की तीनों नगर निकायों में बीजेपी का बोर्ड बनेगा: संजय शर्मा

इसी तरह पहली बार नगरपालिका बनी थानागाजी में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 10 सीट हासिल की है. वहीं, बीजेपी ने 9 सीट हासिल की है. जिसके अलावा 6 छह निर्दलीय भी चुनाव जीत कर आए हैं. परिणाम घोषित होने के बाद अब दोनों ही पार्टियां अपना-अपना बोर्ड बनाने के लिए जुट गई है. जहां एक ओर अलवर नगर परिषद में भारतीय जनता पार्टी ने अपना बोर्ड बरकरार रखने की चुनौती दी है. वहीं, पहली बार कांग्रेस यहां अपना बोर्ड बनाने की कोशिश करेगी. अलवर नगर परिषद में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और राजस्थान सरकार के मंत्री टीकाराम जूली की प्रतिष्ठा दांव पर है. अगर नगर परिषद अलवर में कांग्रेस बोर्ड नहीं बना पाती है तो निश्चित रूप से कांग्रेस का ग्राफ गिरेगा.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: आमेट नगर पालिका में 25 में से 17 वार्डों में कांग्रेस की जीत, 8 पर बीजेपी

मतगणना पूरी होने के बाद अलवर शहर विधायक संजय शर्मा और भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष संजय नरूका मतगणना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने जायजा लिया. मीडिया से बात करते हुए अलवर शहर विधायक संजय शर्मा ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास था कि बहुमत से आएंगे. लेकिन जनता ने जो फैसला किया है उसका स्वागत है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड बनेगा. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को 6 पार्षदों की आवश्यकता है. उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि जो निर्दलीय जीत के आए हैं उनमें से करीब 8 ऐसे पार्षद जीते हैं जो भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से हैं या भारतीय जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर उन्होंने चुनाव लड़ा और जीते.

इसी तरह जिला अध्यक्ष संजय नरूका ने विश्वास जताया है कि निश्चित रूप से अलवर जिले की तीनों नगर निकायों में बीजेपी का बोर्ड बनेगा. इसके लिए प्रदेश स्तर से नेता अलवर पहुंच रहे हैं. प्रदेश स्तर के दिशा निर्देश अनुसार ही तीनों नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपना सभापति बनाने का प्रयास करेगी. अलवर नगर परिषद में सबसे बड़ी बात यह रही कि 3 पूर्व सभापति मीना सैनी, हर्षपाल कौर और सुनीता खाम्बरा चुनाव लड़ी थी. जिनमें से मात्र सुनीता ही चुनाव जीत पाई है और दो पूर्व सभापति चुनाव हार गई.

इसी तरह भारतीय जनता पार्टी की ओर से सभापति पद के लिए प्रमुख दावेदारों में से कई दावेदार चुनाव हारने से भारतीय जनता पार्टी के सामने अपने पसंद के सभापति को बनाने की चुनौती सामने आ गई है. कांग्रेस में सभापति कमलेश सैनी के पुत्र अंशुल सैनी चुनाव जीत गए हैं। वार्ड नंबर 46 से प्रत्याशी 3 वोटों से जीता था. जिसको लेकर उन्हें रिकाउंटिंग कराई गई है. जिसमें 3 वोटों से वार्ड 46 का प्रत्याशी विजय घोषित किया गया है. अजय पूनिया अलवर नगर परिषद में सर्वाधिक 1900 से अधिक वोटों से जीते हैं और उन्होंने यहां पूर्व सभापति मीना सैनी को रिकॉर्ड तोड़ मतों से हराया है.

अलवर. नगर परिषद में 65 वार्डों की हुई मतगणना के बाद घोषित परिणामों में भारतीय जनता पार्टी के 27 पार्षद चुनकर आए हैं. वहीं, कांग्रेस के मात्र 20 पार्षद ही जीत पाए. साथ ही 18 निर्दलीय पार्षद चुनाव जीत कर आए हैं और उन्होंने दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ दिया है. वहीं, भिवाड़ी नगर परिषद के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने बराबर सीटें हासिल की है. 60 सीटों वाली भिवाड़ी नगर परिषद में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने 23-23 सीटे दर्ज की है. वहीं, 2 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी भी जीतने में कामयाब हुई है और 12 पार्षद निर्दलीय जीते हैं.

अलवर की तीनों नगर निकायों में बीजेपी का बोर्ड बनेगा: संजय शर्मा

इसी तरह पहली बार नगरपालिका बनी थानागाजी में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 10 सीट हासिल की है. वहीं, बीजेपी ने 9 सीट हासिल की है. जिसके अलावा 6 छह निर्दलीय भी चुनाव जीत कर आए हैं. परिणाम घोषित होने के बाद अब दोनों ही पार्टियां अपना-अपना बोर्ड बनाने के लिए जुट गई है. जहां एक ओर अलवर नगर परिषद में भारतीय जनता पार्टी ने अपना बोर्ड बरकरार रखने की चुनौती दी है. वहीं, पहली बार कांग्रेस यहां अपना बोर्ड बनाने की कोशिश करेगी. अलवर नगर परिषद में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और राजस्थान सरकार के मंत्री टीकाराम जूली की प्रतिष्ठा दांव पर है. अगर नगर परिषद अलवर में कांग्रेस बोर्ड नहीं बना पाती है तो निश्चित रूप से कांग्रेस का ग्राफ गिरेगा.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: आमेट नगर पालिका में 25 में से 17 वार्डों में कांग्रेस की जीत, 8 पर बीजेपी

मतगणना पूरी होने के बाद अलवर शहर विधायक संजय शर्मा और भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष संजय नरूका मतगणना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने जायजा लिया. मीडिया से बात करते हुए अलवर शहर विधायक संजय शर्मा ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास था कि बहुमत से आएंगे. लेकिन जनता ने जो फैसला किया है उसका स्वागत है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड बनेगा. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को 6 पार्षदों की आवश्यकता है. उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि जो निर्दलीय जीत के आए हैं उनमें से करीब 8 ऐसे पार्षद जीते हैं जो भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से हैं या भारतीय जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर उन्होंने चुनाव लड़ा और जीते.

इसी तरह जिला अध्यक्ष संजय नरूका ने विश्वास जताया है कि निश्चित रूप से अलवर जिले की तीनों नगर निकायों में बीजेपी का बोर्ड बनेगा. इसके लिए प्रदेश स्तर से नेता अलवर पहुंच रहे हैं. प्रदेश स्तर के दिशा निर्देश अनुसार ही तीनों नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपना सभापति बनाने का प्रयास करेगी. अलवर नगर परिषद में सबसे बड़ी बात यह रही कि 3 पूर्व सभापति मीना सैनी, हर्षपाल कौर और सुनीता खाम्बरा चुनाव लड़ी थी. जिनमें से मात्र सुनीता ही चुनाव जीत पाई है और दो पूर्व सभापति चुनाव हार गई.

इसी तरह भारतीय जनता पार्टी की ओर से सभापति पद के लिए प्रमुख दावेदारों में से कई दावेदार चुनाव हारने से भारतीय जनता पार्टी के सामने अपने पसंद के सभापति को बनाने की चुनौती सामने आ गई है. कांग्रेस में सभापति कमलेश सैनी के पुत्र अंशुल सैनी चुनाव जीत गए हैं। वार्ड नंबर 46 से प्रत्याशी 3 वोटों से जीता था. जिसको लेकर उन्हें रिकाउंटिंग कराई गई है. जिसमें 3 वोटों से वार्ड 46 का प्रत्याशी विजय घोषित किया गया है. अजय पूनिया अलवर नगर परिषद में सर्वाधिक 1900 से अधिक वोटों से जीते हैं और उन्होंने यहां पूर्व सभापति मीना सैनी को रिकॉर्ड तोड़ मतों से हराया है.

Intro:अलवर जिले के तीन नगर निकाय चुनावों के बाद आज सभी तीनों निकाय मैं चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। यहां किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। और तीनों ही नगर निकाय में निर्दलीय महत्वपूर्ण भूमिका में आ गए हैं।


Body:अलवर नगर परिषद में 65 वार्डों की हुई मतगणना के बाद घोषित परिणामों में भारतीय जनता पार्टी के 27 पार्षद चुनकर आए हैं। वहीं कांग्रेस के मात्र 20 पार्षद ही जीत पाए हैं। वही 18 निर्दलीय पार्षद चुनाव जीत कर आए हैं। उन्होंने दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ दिया है।

वहीं भिवाड़ी नगर परिषद के हुए परिणाम में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने बराबर सीटें हासिल की है। 60 सीटों वाली भिवाड़ी नगर परिषद में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने 23-23 सीटे दर्ज की है। वहीं 2 सीटो पर बहुजन समाज पार्टी जीतने में कामयाब हुई है। 12 पार्षद निर्दलीय जीते हैं।

इसी तरह पहली बार नगरपालिका बनी थानागाजी में 25 वर्षों के चुनाव हुए। जिनमें कांग्रेस ने 10 सीट हासिल की है। वहीं बीजेपी ने 9 सीट हासिल की है। तथा छह निर्दलीय चुनाव जीत कर आए हैं। परिणाम घोषित होने के बाद अब दोनों ही पार्टी अपना-अपना बोर्ड बनाने के लिए जुट गई है। जहां एक और अलवर नगर परिषद में भारतीय जनता पार्टी के सामने अपना बोर्ड बरकरार रखने की चुनौती है। वहीं पहली बार कांग्रेसी यहां से अपना बोर्ड बनाने की कोशिश करेगी। अलवर नगर परिषद में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और राजस्थान सरकार के मंत्री टीकाराम जूली की प्रतिष्ठा दांव पर है। अगर नगर परिषद अलवर में कांग्रेस बोर्ड नहीं बना पाती है तो निश्चित रूप से कांग्रेस का ग्राफ गिरेगा।


Conclusion:मतगणना पूर्ण होने के बाद अलवर शहर विधायक संजय शर्मा और भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष संजय नरूका मतगणना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने जायजा लिया। मीडिया से बात करते हुए अलवर शहर विधायक संजय शर्मा ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास था कि बहुमत से आएंगे। लेकिन जनता ने जो फैसला किया है। उसका स्वागत है।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड बनेगा। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को 6 पार्षदों की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि जो निर्दलीय जीत के आए हैं। उनमें से करीब 8 ऐसे पार्षद जीते हैं जो भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से हैं या भारतीय जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर उन्होंने चुनाव लड़ा और जीते।

इसी तरह जिला अध्यक्ष संजय नरूका ने विश्वास व्यक्त किया है। कि चुनाव परिणाम आने के बाद निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड बनेगा और अलवर जिले की तीनों नगर निकायों में भारतीय जनता पार्टी का वह बोर्ड बनाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश स्तर से नेता अलवर पहुंच रहे हैं। प्रदेश स्तर के दिशा निर्देश अनुसार ही तीनों नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपना सभापति बनाने का प्रयास करेगी। अलवर नगर परिषद में सबसे बड़ी बात यह रही कि 3 पूर्व सभापति मीना सैनी, हर्षपाल कौर और सुनीता खाम्बरा चुनाव लड़ी थी। जिनमें से मात्र सुनीता ही चुनाव जीत पाई है। दो पूर्व सभापति चुनाव हार गई। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी की ओर से सभापति पद के लिए प्रमुख दावेदारों में से कई दावेदार चुनाव हारने से भारतीय जनता पार्टी के सामने अपने पसंद के सभापति को बनाने की चुनौती सामने आ गई है। कांग्रेस में सभापति कमलेश सैनी के पुत्र अंशुल सैनी चुनाव जीत गए हैं। वार्ड नंबर 46 से प्रत्याशी 3 वोटों से जीता था। जिसको लेकर उन्हें रिकाउंटिंग कराई गई है। जिसमें 3 वोटों से वार्ड 46 का प्रत्याशी विजय घोषित किया गया है। अजय पूनिया अलवर नगर परिषद में सर्वाधिक 1900 से अधिक वोटों से जीते हैं। और उन्होंने यहां पूर्व सभापति मीना सैनी को रिकॉर्ड तोड़ मतों से हराया है।
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