अलवर. अलवर में कब्रिस्तान का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है. मेव समाज बुधवार को एकजुट हुआ. समाज के लोगों ने कहा कि वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करेंगे. कब्रिस्तान की जमीन के मुद्दे पर जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में एसआईटी बनाई गई लेकिन एसआईटी की तरफ से अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई.
अलवर के चमेली बाग क्षेत्र में कब्रिस्तान की जमीन का बेच दिया गया. साथ ही ये जमीन लोगों के नाम ट्रांसफर की गई. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद मेव समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए. आरटीआई के माध्यम से पता चला कि इस पूरे मामले में नेता व मंत्री के परिजन भी शामिल हैं. इसके बाद मेव समाज ने मंत्री टीकाराम जूली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और जुलूस निकाले. राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा के दौरान मामला बढ़ता देख पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने समाज के नेताओं से बातचीत करके मामले को शांत करवाया था. इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था.
साथ ही एसआईटी का भी गठन किया गया था लेकिन अभी तक एसआईटी की तरफ से मामले में कोई जांच-पड़ताल नहीं हुई. इसके अलावे इस मामले में जिम्मेदार कर्मचारी व अधिकारियों के खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं की गई. ऐसे में मेव समाज ने कुछ दिन पहले विरोध प्रदर्शन किए व जुलूस निकाले. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 मई को अलवर के टपूकड़ा आ रहे हैं. ऐसे में मेव समाज ने मुख्यमंत्री के सामने यह मुद्दा रखने का फैसला लिया है.
पढ़ें PM Modi Rajasthan Visit : पीएम मोदी ने श्रीनाथजी मंदिर में की पूजा-अर्चना
मेव समाज के नेताओं ने कहा कि पहले भी प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले में कार्रवाई की गई. उनको उम्मीद है कि इस बार भी मुख्यमंत्री हस्तक्षेप करके मामले में उचित कार्रवाई करेंगे. जब तक इस मामले में जिम्मेदार कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती. मेव समाज चुप नहीं बैठेगा और अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि मेव समाज कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक है. उसके बाद भी कांग्रेस सरकार में कब्रिस्तान की जमीन बचाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. भूमाफिया नेताओं व मंत्रियों के साथ मिलकर सरकारी जमीनों को ठिकाने लगा रहे हैं.