अलवर. जिले के महिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी से महिलाओं को काफी परेशानी हो रही है. महिलाएं सुबह 8 बजे से लंबी कतार में लगी रहती हैं. लेकिन उनको देखने के लिए डॉक्टर नहीं हैं. जिसके चलते महिलाओं में काफी आक्रोश नजर आ रहा है. प्रदेश का सबसे बड़े महिला चिकित्सालय केवल दो डॉक्टर के भरोसे चल रहा है. अस्पताल के आउटडोर में डॉक्टर मौजूद नहीं रहती हैं. ऐसे में वहां आने वाली प्रसूताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इन सब पर ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो वहां मौजूद नर्सिंगकर्मियों ने बताया, कि डॉक्टर भगवती अंदर वार्ड में राउंड पर चल रही हैं और डॉक्टर श्याम बिहारी झारेड़ा ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन कर रहे हैं. लेकिन हॉस्पिटल में महिलाओं की कोई भी सुनने वाला नहीं है. हॉस्पिटल पीएमओ सुनील चौहान भी इस मामले से बेखबर है.
डॉक्टर को दिखाने आई गर्भवती महिलाओं ने बताया, कि सर्दी का मौसम होने के चलते महिलाएं डॉक्टर को दिखाने के लिए दूरदराज से आई हुई है. हॉस्पिटल में सुबह 8 बजे से लंबी लाइन लगाकर खड़े हुए हैं. लेकिन यहां पर कोई भी डॉक्टर नहीं है. जबकि सुबह 9 बजे से डॉक्टरों का आने का समय है और अब 11 बज गए हैं लेकिन डॉक्टर समय से 2 घंटे बाद भी हॉस्पिटल नहीं पहुंचे हैं. जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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बता दें कि हॉस्पिटल में करीब 200 से 250 की तादाद में महिलाएं डॉक्टर को दिखाने के लिए कतार में लगी हुई है. लेकिन यहां डॉक्टर नहीं होने के चलते उन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है. उनसे ना तो ज्यादा देर बैठा जा रहा है. इसलिए वह डॉक्टर नहीं होने के कारण बहुत ज्यादा परेशान हो रही है.
पीएमओ सुनील चौहान का कहना है, कि पिछले कुछ समय से डॉक्टर और स्टाफ की महिला चिकित्सालय में कमी है. कमी का कारण ये है, कि एक डॉक्टर का ट्रांसफर हाल में ही हुआ है और एक डॉक्टर मेडिकल के चलते छुट्टी पर चल रहीं हैं. इसके अलावा एक डॉक्टर मरीजों की तादाद ज्यादा होने के कारण काम करने में असमर्थ है. इसलिए एक डॉक्टर नौकरी छोड़कर चली गई है. इसलिए भी मरीजों को परेशानी हो रही है. जिसका जल्द ही निस्तारण किया जाएगा.