अलवर. देश में कोरोना का संक्रमण कई गुना तेजी से फैल रहा है. हालात बेकाबू होने लगे हैं. कोरोना संक्रमित मरीज को सबसे पहले हालत खराब होने पर सांस लेने में दिक्कत होती है. ऐसे में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन आज हम बताएंगे कि आखिर ये ऑक्सीजन बनती कैसे हैं.
देशभर में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते केस के बीच ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड बढ़ गई है. देश में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत सामने आ रही है. वहीं राजस्थान के अलवर स्थित ऑक्सीजन प्लांट से राज्य सहित अन्यों राज्यों में भी ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. इसी बीच अलवर का एक स्टील प्लांट ने आगे बढ़कर अपने प्लांट में बनने वाले ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहा है. ऑक्सीजन पर हो रहे घमासान के बीच ईटीवी भारत की टीम अलवर के एमआईए स्थित सनर्जी स्टील फैक्ट्री में ऑक्सीजन प्लांट में पहुंची. इस दौरान प्लांट के इंजीनियर से ईटीवी भारत ने ऑक्सीजन बनने की प्रक्रिया समझी और इस पूरी प्रक्रिया को जाना. पहली बार ऑक्सीजन प्लांट के अंदर से ईटीवी भारत पर आप ऑक्सीजन बनती हुई देखेंगे.
कैसे बनता हैं ऑक्सीजन
ऑक्सीजन प्लांट में लगे बड़ी-बड़ी सक्शन मशीन हमारे आसपास मौजूद वातावरण से हवा को सक करके खिंचती है. उसके बाद उस हवा को सैपरेटर मशीन में डालकर उसमें से ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, धूल के कण और अन्य तरह के हवा में मौजूद गैस व तत्व अलग-अलग किए जाते हैं. ऑक्सीजन को अलग करके उसको माइनस 183 डिग्री तक ठंडा किया जाता है. उसके बाद जो गैस तैयार होती है. वो ऑक्सीजन गैस मरीज को जीवन देने का काम करती है.
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प्लांट के इंजीनियरों ने बताया बड़े ऑक्सीजन प्लांट में बड़ी सक्शन मशीन लगी होती है. जो वातावरण से हवा को सक करती है. उसके बाद आगे की सभी में समान प्रक्रिया होती है. कुछ प्लांट लिक्विड फॉर्म में ऑक्सीजन बनाते हैं. जबकि कुछ गैस फॉर्म में गैस तैयार करते हैं. अलग-अलग प्लांट में स्टोरेज क्षमता भी अलग-अलग होती है. समय के साथ निजी अस्पताल अब छोटा ऑक्सीजन प्लांट अपने यहां लगवाने लगे हैं.
अलवर में हाल ही में दो निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन प्लांट लगाए हैं. इसके अलावा अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में ऑक्सीजन के दो प्लांट तैयार हुए हैं. प्रदेश सरकार का छोटा प्लांट शुरू हो चुका है. जबकि बड़ा प्लांट केंद्र सरकार की तरफ से बनाया गया है. यह प्लांट अभी शुरू नहीं हुआ है. जब देश ऑक्सीजन की किल्लत से गुजर रहा है तो ये ऑक्सीजन प्लांट उसकी कमी को दूर करने के लिए दिन रात ऑक्सीजन प्रोड्यूस करने में लगे हैं.