अलवर. जिले में लगने वाला जगन्नाथ मेला प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान रखता है. मेले के दौरान लाखों लोग जगन्नाथ भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं. इस दौरान शहर के पुराना कटरा स्थित जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकली जाती है. वहीं रूपबास मेला स्थल पर भगवान जगन्नाथ और जानकी जी से विवाह होता है.
3 दिन बाद भगवान जगन्नाथ जानकी को बयाह कर अपने साथ वापस जगन्नाथ मंदिर लौटते हैं. 3 दिनों तक लगने वाले इस मेले में कई राज्यों और जिलों से लोग आते हैं. इस मेले में बच्चों को खिलौना बेचने वाले कुछ परिवार अभी से आ चुके हैं.इन लोगों में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व गुजरात सहित देशभर के लोग शामिल है. जो साल भर मेलों में घूम- घूमकर खिलौना बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं.
सड़क के किनारे छोटे से तंबू में रहने वाली है, यह लोग आपस में मिलकर रहते हैं. तो वहीं मनोरंजन के लिए गेम खेलते हैं. उन्होंने बताया कि यह लोग साक्षर नहीं है, लेकिन देश भर में लगने वाले सभी मेलों की तारीख इनको जुबानी याद है। साल भर यह लो उन मेलों में घूमते हैं.
इस तरह के करीब 30 से अधिक परिवार हैं. लेकिन आज तक प्रशासन की कोई मदद नहीं मिली, ना ही इन लोगों को प्रशासन से कोई उम्मीद है. इतना ही नहीं यह लोग विधानसभा, लोकसभा सहित किसी भी चुनाव में अपना वोट पर नहीं डाल पाते हैं.
बातचीत में इन लोगों ने बताया यह लोग अलग-अलग राज्यों के शहरों के रहने वाले हैं, लेकिन जीवन यापन के लिए यह लोग सब साथ रहते हैं. इस दौरान एक महिला अपना दर्द बताते हुए रोने लगी. उसने कहा कि आज तक किसी ने उनका कोई दर्द नहीं समझा, कई बार तो उनको भूखा सोना पड़ता है.