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किसान आंदोलन के विरोध में उतरे व्यवसायी, जाम खत्म करने की मांग

किसान आंदोलन को लेकर शाहजहांपुर के पास किसानों द्वारा हाईवे जाम किया गया है. जिसके विरोध में सोमवार को 1 दर्जन से अधिक ग्रामीणों और उद्योगपतियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से जाम को जल्द से जल्द खुलवाने की मांग की. जिससे जाम के कारण ठप पड़े व्यवसाय शुरू किए जा सके.

ndustrialists protested against farmers movement, किसान आंदोलन को लेकर शाहजहांपुर जाम
किसान आंदोलन के विरोध में उतरे उद्योगपती
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Published : Dec 28, 2020, 11:58 AM IST

बहरोड़ (अलवर). केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में आंदोलन चल रहा है. शाहजहांपुर के पास भी किसानों द्वारा हाईवे जाम किया गया है. इस जाम से वहां के उद्योगपतियों के काम-धंधे ठप पड़े हुए है. जिसके विरोध में सोमवार को 1 दर्जन से अधिक ग्रामीणों और उद्योगपतियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से जाम को जल्द से जल्द खुलवाने की मांग की. जिससे जाम के कारण ठप पड़े व्यवसाय शुरू किए जा सके.

किसान आंदोलन के विरोध में उतरे उद्योगपती

उन्होंने किसानों से भी मांग की है कि जब सरकार झुकने के लिए तैयार है तो किसानों को भी झुकना चाहिए. बीच का रास्ता निकाल कर समझौता करना चाहिए. हालांकि किसानों के आंदोलन के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन में किसानों ने कृषि कानून का समर्थन भी किया और कहा कि सरकार को मौका देना चाहिए, अगर इस कानून के खिलाफ कुछ किसान है तो वह बाद में संशोधन हो सकता है.

ग्रामीणों ने बताया कि हम भी किसान हैं. उन्होंने राजस्थान सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि राजस्थान सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है. 2 लाख तक की कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन कोई कर्ज माफी नहीं की गई. पेट्रोल डीजल बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी की गई, लेकिन राजस्थान की सरकार ने कुछ नहीं किया और इस आंदोलन को हवा देने में लगी हुई है.

आंदोलन का विरोध करने वाले ग्रामीणों और किसानों ने कहा कि यह आंदोलन किसानों का नहीं लग रहा और भगवान इन्हें सद्बुद्धि दे. इस आंदोलन को खत्म करें. आसपास के किसान परेशान हैं. इस आंदोलन में बाहर के लोग आए हुए हैं. इस क्षेत्र का कोई भी किसान इस आंदोलन में शामिल नहीं है. इस आंदोलन और हाईवे जाम के कारण प्रति रोज 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. फैक्ट्रियां बंद हो रही है. मजदूर परेशान हो रहे हैं, उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है.

पढ़ेंः जयपुर: थानाधिकारी अरुण कुमार के खिलाफ एससी- एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज

एक तो कोरोना ने पहले ही यहां के उद्योग धंधे चौपट कर दिए थे, लेकिन अब इस किसान आंदोलन ने हाइवे को हाईजैक कर यहां के स्थानीय व्यवसाय को ठप कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि हाईवे जाम होने के कारण वाहन डायवर्ट मार्ग से निकल रहे हैं. जिससे आसपास के ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. इन वाहनों के कारण बहन बेटियां भी बाहर नहीं निकल पा रही है. इस किसान आंदोलन में आने वाले लोग शाम को शराब पीकर उत्पात मचाते हैं और गांव में अपने वाहनों को लेकर घूमते हैं.

बहरोड़ (अलवर). केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में आंदोलन चल रहा है. शाहजहांपुर के पास भी किसानों द्वारा हाईवे जाम किया गया है. इस जाम से वहां के उद्योगपतियों के काम-धंधे ठप पड़े हुए है. जिसके विरोध में सोमवार को 1 दर्जन से अधिक ग्रामीणों और उद्योगपतियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से जाम को जल्द से जल्द खुलवाने की मांग की. जिससे जाम के कारण ठप पड़े व्यवसाय शुरू किए जा सके.

किसान आंदोलन के विरोध में उतरे उद्योगपती

उन्होंने किसानों से भी मांग की है कि जब सरकार झुकने के लिए तैयार है तो किसानों को भी झुकना चाहिए. बीच का रास्ता निकाल कर समझौता करना चाहिए. हालांकि किसानों के आंदोलन के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन में किसानों ने कृषि कानून का समर्थन भी किया और कहा कि सरकार को मौका देना चाहिए, अगर इस कानून के खिलाफ कुछ किसान है तो वह बाद में संशोधन हो सकता है.

ग्रामीणों ने बताया कि हम भी किसान हैं. उन्होंने राजस्थान सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि राजस्थान सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है. 2 लाख तक की कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन कोई कर्ज माफी नहीं की गई. पेट्रोल डीजल बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी की गई, लेकिन राजस्थान की सरकार ने कुछ नहीं किया और इस आंदोलन को हवा देने में लगी हुई है.

आंदोलन का विरोध करने वाले ग्रामीणों और किसानों ने कहा कि यह आंदोलन किसानों का नहीं लग रहा और भगवान इन्हें सद्बुद्धि दे. इस आंदोलन को खत्म करें. आसपास के किसान परेशान हैं. इस आंदोलन में बाहर के लोग आए हुए हैं. इस क्षेत्र का कोई भी किसान इस आंदोलन में शामिल नहीं है. इस आंदोलन और हाईवे जाम के कारण प्रति रोज 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. फैक्ट्रियां बंद हो रही है. मजदूर परेशान हो रहे हैं, उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है.

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एक तो कोरोना ने पहले ही यहां के उद्योग धंधे चौपट कर दिए थे, लेकिन अब इस किसान आंदोलन ने हाइवे को हाईजैक कर यहां के स्थानीय व्यवसाय को ठप कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि हाईवे जाम होने के कारण वाहन डायवर्ट मार्ग से निकल रहे हैं. जिससे आसपास के ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. इन वाहनों के कारण बहन बेटियां भी बाहर नहीं निकल पा रही है. इस किसान आंदोलन में आने वाले लोग शाम को शराब पीकर उत्पात मचाते हैं और गांव में अपने वाहनों को लेकर घूमते हैं.

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