ETV Bharat / state

अलवर: बाल विकास विभाग की ओर से मनाए जा रहे 'पोषण सप्ताह' का समापन - alwar latest news

अलवर में इन दिनों महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से पोषण सप्ताह मनाया जा रहा था. जिसका सोमवार को समापन किया गया. इस पोषण सप्ताह में लोगों को कुपोषण से बचाने के लिए पोस्टिक आहार की जानकारियां दी जा रही थी.

alwar news, अलवर न्यूज़
author img

By

Published : Sep 30, 2019, 10:32 PM IST

अलवर. जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मनाया जा रहा पोषण सप्ताह सोमवार को समाप्त हो गया. इस पोषण सप्ताह में जिला प्रशासन की तरफ से गर्भवती महिला और उनके छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पोस्टिक आहार की जानकारियां दी गई. कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म की गई और मंगल गीत भी गाए गए.

बाल विकास विभाग की ओर से मनाया गया 'पोषण सप्ताह'

महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक नरेश तंवर ने बताया कि किसी के बच्चे के प्रथम 1000 दिन महत्वपूर्ण होते हैं. जिसमें 270 दिन गर्भकाल और जन्म के बाद 365 दिन पहली साल के और इसी तरह 1000 दिन तक नवजात शिशू को पर्याप्त पोषण मिलना जरूरी है. जिससे उनका विकास सही ढंग से हो सकता है.

पढ़े: विधायक बिधूड़ी ने कई माह पहले शुरू की थी खुलासे की तैयारी, ACB का साथ मिला तो करवा दिया ट्रैप

हमारे देश में कई भ्रांतियों के चक्कर में लोग बच्चों को पोषण नहीं दे पाते हैं. इसलिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक माह का पोषण सप्ताह कार्यक्रम मनाया गया था. हमारे देश में 40 परसेंट बच्चे नाटे पन के शिकार हो रहें हैं. वहीं 35 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार हो रहीं हैं. किशोरी बालिका एनीमिया की शिकार है. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि वह पोषण के बारे में नहीं जानते ही नहीं हैं. ऐसे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक माह का पोषण सप्ताह कार्यक्रम आयोजित किया गया था.

अलवर. जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मनाया जा रहा पोषण सप्ताह सोमवार को समाप्त हो गया. इस पोषण सप्ताह में जिला प्रशासन की तरफ से गर्भवती महिला और उनके छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पोस्टिक आहार की जानकारियां दी गई. कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म की गई और मंगल गीत भी गाए गए.

बाल विकास विभाग की ओर से मनाया गया 'पोषण सप्ताह'

महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक नरेश तंवर ने बताया कि किसी के बच्चे के प्रथम 1000 दिन महत्वपूर्ण होते हैं. जिसमें 270 दिन गर्भकाल और जन्म के बाद 365 दिन पहली साल के और इसी तरह 1000 दिन तक नवजात शिशू को पर्याप्त पोषण मिलना जरूरी है. जिससे उनका विकास सही ढंग से हो सकता है.

पढ़े: विधायक बिधूड़ी ने कई माह पहले शुरू की थी खुलासे की तैयारी, ACB का साथ मिला तो करवा दिया ट्रैप

हमारे देश में कई भ्रांतियों के चक्कर में लोग बच्चों को पोषण नहीं दे पाते हैं. इसलिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक माह का पोषण सप्ताह कार्यक्रम मनाया गया था. हमारे देश में 40 परसेंट बच्चे नाटे पन के शिकार हो रहें हैं. वहीं 35 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार हो रहीं हैं. किशोरी बालिका एनीमिया की शिकार है. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि वह पोषण के बारे में नहीं जानते ही नहीं हैं. ऐसे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक माह का पोषण सप्ताह कार्यक्रम आयोजित किया गया था.

Intro:अलवर जिले में आज महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मनाया जा रहा पोषण सप्ताह आज समाप्त हो गया है। जिला प्रशासन की तरफ से गर्भवती महिला व पुरुषों के नवजात और उनके छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पोस्टिक आहार की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म की गई और मंगल गीत गाए गए।


Body:महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक नरेश तंवर ने बताया कि किसी की बच्चे के प्रथम 1000 दिन महत्वपूर्ण होते हैं। जिसमें 270 दिन गर्भकाल और जन्म के बाद 365 दिन पहली साल के ओर 365 दिन दूसरी साल के इस तरीके से नवजात बच्चों को 1000 दिन तक पर्याप्त पोषण मिलना जरूरी है। जिससे उनका विकास सही ढंग से हो सकता है। हमारे देश में कई भ्रांतियों के चक्कर में लोग बच्चों को पोषण नहीं दे पाते हैं। इसलिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक माह का पोषण सप्ताह कार्यक्रम मनाया गया था। और हमारे देश में 40 परसेंट बच्चे नाटे पन के शिकार हैं। वहीं 35 परसेंट महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं। व किशोरी बालिका एनीमिया की शिकार है। सिर्फ इसलिए कि वह पोषण के बारे में नहीं जानते हैं। इसलिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक माह का पोषण सप्ताह कार्यक्रम मनाया गया था।


Conclusion:बाईट- नरेश तंवर......... महिला एवं बाल विकास विभाग
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.