रामगढ़ (अलवर). कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मेडिकल, प्रशासन, मीडिया के कार्मिक जहां अपनी जान की बाजी लगाकर जुटे हुए हैं. वहीं विभाग की ओर से टास्क फोर्स कमेटी को घटिया किस्म के ग्लव्स, सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराए गए हैं.
ऐसे में संक्रमण से बचने के लिए ये कार्मिक किस प्रकार से सुरक्षित रह सकेंगे, ये एक बड़ा प्रश्न उनके सामने खड़ा हो गया है. घटिया किस्म की ये सभी वस्तुएं उपलब्ध करवाई गई हैं. वहीं अभी तक गांवों में पंचायत के द्वारा किसी भी व्यक्ति को मास्क, सैनिटाइजर या अन्य वस्तु उपलब्ध नहीं करवाई गई है, केवल मेडिकल कर्मियों की टीम के लिए ही निशुल्क मास्क, सैनिटाइजर और अन्य वस्तुओं की व्यवस्था की गई है.
पंचायत समिति उमरैण मुख्यालय से करीब 41 ग्राम पंचायतों को यही सामग्री उपलब्ध करवाई गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 ग्राम पंचायत को 48 सैनिटाइजर, जो जीएसएम गंगानगर शुगर मिल और शराब बनाने वाली कंपनी के हैं. 375 मास्क और एक पैकेट ग्लव्स उपलब्ध कराया गया है, जबकि कई पंचायतों पर अधिकारियों ने इसमें भी घालमेल किया है और वहां पर आधी सामग्री ही पहुंचाई गई है.
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इस सैनिटाइजर के बारे में डॉक्टर देवेंद्र वर्मा ने बताया कि बाजार में मिलने वाला सैनिटाइजर जो नीले रंग का है, वो अच्छी क्वालिटी का है और बढ़िया है. इसका ही उपयोग करना चाहिए, लेकिन साबुन से हाथ धोना जरूरी है. जबकि जीएसएम वाले सैनिटाइजर को उन्होंने अधिक उपयुक्त नहीं माना है.
वहीं समाजसेवी ग्रामीण ओंकार सिंह ने बताया कि घर-घर सर्वे कर रही मेडिकल की टीम और टास्क फोर्स कमेटी को उपलब्ध कराए गए मास्क, सैनिटाइजर और अन्य उपकरण घटिया किस्म के हैं. गुणवत्ता पूर्वक नहीं हैं. ऐसे में ये लोग अपनी जिंदगी की बाजी लगाकर आमजन की सुरक्षा, सेवा में लगे हैं, उनकी सुरक्षा कैसे हो सकती है, इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना जरूरी है. ग्रामीणों को अभी तक पंचायत या प्रशासन की ओर से कोई भी वस्तु उपलब्ध नहीं हुई है.