अलवर. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज ( Alwar Medical College ) भवन 800 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार है. 3 साल से भवन बंद पड़ा हुआ है, इसमें 50 बेड का ईएसआईसी अस्पताल चल रहा है. मरीजों को इस भवन का लाभ नहीं मिल रहा. ऐसे में लगातार राज्य सरकार व केंद्र सरकार के बीच वार्ताओं का दौर चला. राज्य सरकार भवन में मेडिकल कॉलेज चलाने को तैयार है. लेकिन, केंद्र सरकार की तरफ से भवन को हस्तांतरित नहीं किया गया. दरसअल केंद्र व राज्य के बीच कॉलेज चलाने का हस्तांतरण को लेकर खासे मतभेद हैं. इसलिए लंबे समय से यह कॉलेज भवन बंद पड़ा हुआ है, लेकिन एक बार फिर से इसको शुरू करने को लेकर कवायद शुरू हुई है.
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अलवर पहुंचे केंद्रीय सचिव ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए कॉलेज शुरू कराने की दिशा में चर्चा की. इस दौरान प्रदेश सरकार कि कॉलेज शिक्षा आयुक्त शिवांगी व जिला कलेक्टर आनंदी ने उनको विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार कॉलेज चलाने को तैयार है. अगर केंद्र सरकार एक महीने में सकारात्मक जवाब देती है, तो राज्य सरकार को इसके हस्तांतरण की कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि अभी तक केंद्र सरकार इस भवन में मेडिकल कॉलेज चलाने का निर्णय नहीं ले सकी है.
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राज्य चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी व जिला कलेक्टर आनंदी ने मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए एसएससी मेडिकल कॉलेज भवन के राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा के समक्ष रखा है. मेडिकल कॉलेज के संबंध में सचिव ने सभी अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की. केंद्रीय सचिव को एक महीने में जवाब देने का आग्रह किया गया है. इस मामले में केंद्रीय सचिव ने सकारात्मक रुख दिखाया है. वो राज्य सरकार के प्रस्ताव की रिपोर्ट केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को देंगे और वहां चर्चा के बाद इस संबंध में राज्य सरकार को जवाब देंगे. दूसरी तरफ राज्य सरकार की तरफ से जेल की जमीन पर लगातार मेडिकल कॉलेज को लेकर काम किया जा रहा है. कॉलेज के लिए डीपीआर तैयार हो रही है. नोएडा की एक कंपनी सर्वे कर चुकी है. अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल वेजेल पर कॉलेज को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है. राजस्थान के ज्यादातर जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं. अलवर कब मेडिकल कॉलेज लंबे समय से अटका हुआ है, जबकि अलवर में मेडिकल कॉलेज की खातिर संभावनाएं हैं. अलवर में इलाज के लिए आसपास राज्य के लोग आते हैं.