अलवर. चौसिंगा हिरण अक्सर खेतों और जंगलों के किनारे दिखाई देते थे. लेकिन अब एकाएक इनकी आबादी घटना शुरू हो गई है. हालात ये हैं कि जंगल के आसपास इक्का-दुक्का ही चौसिंगा दिखाई पड़ते हैं. जंगल में एक तरफ जहां हिरण की बारहसिंगा, चीतल, सांभर और पाढ़ा प्रजातियों की संख्या बढ़ी है, वहीं चौसिंगा प्रजाति (Four Horned Antelope) लुप्त होने के कगार पर हैं.
वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक चौसिंगा हिरणों की घटती संख्या के पीछे (Chousingha Deer in Sariska) टाइगर रिजर्व प्रशासन की उदासीनता और शिकारियों द्वारा इनका अवैध शिकार माना जा रहा है. सरिस्का में साल 2014 में अंतिम बार चौसिंगा हिरण नजर आया था. उसके बाद 8 साल तक वन्य जीव की गणना हो या कैमरा टाइपिंग, किसी में भी चौसिंगा हिरण नजर नहीं आया.
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सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि 26 व 30 अक्टूबर को कैमरा ट्रैप में हिरण की फोटो कैद हुई. सरिस्का में चौसिंगा हिरण नजर आने से वन्यजीवों में खुशी का माहौल है. वहीं, सरिस्का प्रशासन इसको बड़ी उपलब्धि मान रहा है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि लगातार सरिस्का के जंगल क्षेत्र से गांव का विस्थापन किया जा रहा है. जिसके चलते यहां चौसिंगा हिरण की प्रजाति की संख्या फिर से बढ़ने लगी है.