अलवर. जिले में कचरा निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने से गोलेटा गांव की सड़कें कचरे से अंटी पड़ी रहती हैं. कचरों को जलाने की प्रक्रिया में इसके हानिकारक धुंए लोगों के लिए मुसीबत बन गई थी. अब गोलेटा गांव के लोगों को कचरे से होनेवाली परेशानी से निजात मिल जाएगी.
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के पास कचरा निस्तारण केंद्र बन रहा है. इस प्लांट के शुरू होने के बाद कचरे का नियम अनुसार निस्तारण होगा. साथ ही कचरे से खाद बनाई जाएगी. अभी अलवर में कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है. शहर से निकलने वाले कचरे को शहर से दूर गोलेटा गांव के पास खाली जमीन पर पटक दिया जाता है. इससे आसपास क्षेत्र के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
अभी शहर में क्या है व्यवस्था
अलवर से प्रतिदिन 150 टन कचरा निकलता है. अभी तक अलवर में कचरा निस्तारण के कोई इंतजाम नहीं है. शहर में नगर परिषद की तरफ से 50 ऑटो टिपर टेंपो घर-घर कचरा जमा करते हैं. इसके अलावा कॉलोनी और मोहल्लों में 500 से अधिक सफाई कर्मी कचरा इकट्ठा करते हैं. इस कचरे को ट्रैक्टर के माध्यम से शहर के बाहरी हिस्से 200 फीट रोड अंबेडकर कॉलोनी के पास सड़क के किनारे पटका जाता है. यहां से जेसीबी की मदद से कचरे को ट्रक में भरकर शहर से दूर गोलेटा गांव में खाली जमीन पर पटका जाता है. ऐसे में गोलेटा गांव के पास कचरे के पहाड़ जमा हो गए हैं.
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इससे आसपास क्षेत्र के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस एरिया में रहने वाले लोगों के त्वचा आंखों संबंधित बीमारियां हो गई हैं. दिनभर कचरे का ढेर जलता है. इससे आसपास कॉलोनियों में धुंआ रहती है. जिससे लोगों को सांस की बीमारियों की शिकायत होने लगी.
अलवर में लंबे समय से कचरा निस्तारण की मांग उठ रही थी. ऐसे में सरकार की तरफ से कचरा निस्तारण केंद्र बनाने का बजट दिया गया. अलवर में अग्यारा बांध के पास सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के पास कचरा निस्तारण केंद्र बन रहा है. यह केंद्र बनकर लगभग तैयार है. दिवाली के बाद शहर का कचरा इस केंद्र में पहुंचेगा.
कचरे से बनेगी खाद
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारी ओपी गुप्ता ने बताया कि एक तरफ जिले में कचरा निस्तारण की समस्या खत्म हो जाएगी. वहीं सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के कचरे से खाद बनाई जाएगी. इसके अलावा कचरे से निकलने वाले वेस्ट को अपग्रेड करके आरडीएफ के रुप में तैयार किया जाएगा. आरडीएफ फ्यूल के रूप में काम आता है.
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अलवर नगर परिषद के अधिकारियों ने कहा की दिवाली के आसपास सफाई का नया टेंडर किया जाएगा. उसके बाद अलवर का कचरा निस्तारण केंद्र के पास जाएगा. कोरोना के चलते टेंडर प्रक्रिया में कुछ देरी हुई है. वैसे अब तक टेंडर प्रक्रिया नियम के अनुसार हो जानी चाहिए थी. प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कचरा निस्तारण केंद्र शुरू होने के बाद अलवर के लोगों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि अभी कचरे का निस्तारण नहीं होने से खासी परेशानी होती है. जगह-जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं.
प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
कचरे का निस्तारण होने के बाद कई तरह के प्रदूषण से राहत मिलेगी. कचरे को जलाया जाता है. इससे वायु प्रदूषण होता है. इसके अलावा कचरे में पॉलीथिन, प्लास्टिक औऱ अन्य सामान जलता है. जिससे पानी और जमीन भी प्रदूषित होती है. इसके अलावा दिनभर हवा में मिट्टी कचरा उड़ता है. ऐसे में खतरे से कई तरह का प्रदूषण होता है.
हजारों लोगों को मिलेगी राहत
कचरे का निस्तारण होने से हजारों लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि अभी अस्थाई तौर पर गोलेटा गांव में बनाए गए डंपिंग ग्राउंड पर कचरा डंप किया जाता है. इस क्षेत्र के आसपास एरिया में बसी हुई कॉलोनी व उनमें रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
स्वच्छता रैंकिंग में होगा सुधार
स्वच्छता रैंकिंग में कचरा निस्तारण केंद्र के लिए अलग से नंबर मिलते हैं. अलवर में अभी तक कचरा निस्तारण केंद्र नहीं था. इसलिए कचरा निस्तारण केंद्र के नंबर अलवर की रैंकिंग में नहीं जुटते थे. लेकिन अब निस्तारण केंद्र के नंबर भी अलवर को मिलेंगे. ऐसे में अलवर की रैंकिंग में सुधार होगा. हालांकि 2019 की तुलना में 2020 की रैंकिंग में 31 अंक सुधार हुई.