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अलवर: गणेश चतुर्थी पर राजर्षि अभय समाज में 2 से 6 सितंबर तक होगा गणेश महोत्सव का आयोजन - अलवर गणेश चतुर्थी

जन्माष्टमी के बाद अब गणेश चतुर्थी की तैयारी शुरू हो चुकी है. 2 सितंबर को अलवर सहित देशभर में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी जिसके लिए अभी से बाजार सज चुके हैं. साथ ही लोगों ने खरीदारी भी शुरू कर दी है. इस दौरान घर-घर में गणेश जी विराजमान होते हैं और धूमधाम से उनकी पूजा अर्चना होती है.

Ganesh Mahotsav alwar, राजर्षि अभय समाज अलवर
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Published : Aug 28, 2019, 1:46 AM IST

अलवर. भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मानाया जाता है. इस बार यह योग 2 सितंबर को पड़ रहा है. इसलिए 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. वैसे तो जगह-जगह गणेश चतुर्थी के कार्यक्रम होते हैं. लेकिन मुख्य कार्यक्रम राज ऋषि अभय समाज रंगमंच पर होता है. इसके अलावा होप सर्कस पर लाल दरवाजा गणेश मंदिर और त्रिपोलिया स्थित गणेश मंदिर सहित तमाम मंदिरों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं.

राजर्षि अभय समाज में 2 से 6 सितंबर तक होगा गणेश महोत्सव का आयोजन

बता दें कि राजर्षि अभय समाज में 2 से 6 सितंबर तक गणेश महोत्सव होगा. 2 सितंबर को बड़े गणेश मंदिर से ज्योत राज ऋषि अभय समाज में पहुंचेगी. उसके बाद गणेश जी की प्रतिमा का अभिषेक किया जाएगा और भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना होगी. दोपहर में महिला संगीत और शाम को 5,100 दीपकों से भगवान गणेश की आरती होगी. रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

इसी तरह से 3 सितंबर को भगवान गणेश की आरती होगी. दिन में महिला संगीत और शाम को प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. उसके बाद लगातार 6 सितंबर तक अभय समाज रंगमंच पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. 6 सितंबर को सुबह भगवान की आरती होगी और उसके बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी. शोभायात्रा, एसएमडी सर्किल तक जाएगी जहां से प्रतिमाओं को विसर्जित के लिए ले जाया जाएगा.

पढ़ें- झुंझुनूं की बेटी को मिला नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, दोनों हाथों से लिखी थी तीन अंको की टेबल

इसी कड़ी में कार्यक्रम संयोजक और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष, पंडित धर्मवीर शर्मा ने बताया कि राज ऋषि अभय समाज रंगमंच पर 19 साल से लगातार गणेश चतुर्थी का कार्यक्रम मनाया जा रहा है. इसमें 5 दिनों तक लगातार चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में जिले भर से लोग हिस्सा लेते हैं.

अलवर. भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मानाया जाता है. इस बार यह योग 2 सितंबर को पड़ रहा है. इसलिए 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. वैसे तो जगह-जगह गणेश चतुर्थी के कार्यक्रम होते हैं. लेकिन मुख्य कार्यक्रम राज ऋषि अभय समाज रंगमंच पर होता है. इसके अलावा होप सर्कस पर लाल दरवाजा गणेश मंदिर और त्रिपोलिया स्थित गणेश मंदिर सहित तमाम मंदिरों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं.

राजर्षि अभय समाज में 2 से 6 सितंबर तक होगा गणेश महोत्सव का आयोजन

बता दें कि राजर्षि अभय समाज में 2 से 6 सितंबर तक गणेश महोत्सव होगा. 2 सितंबर को बड़े गणेश मंदिर से ज्योत राज ऋषि अभय समाज में पहुंचेगी. उसके बाद गणेश जी की प्रतिमा का अभिषेक किया जाएगा और भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना होगी. दोपहर में महिला संगीत और शाम को 5,100 दीपकों से भगवान गणेश की आरती होगी. रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

इसी तरह से 3 सितंबर को भगवान गणेश की आरती होगी. दिन में महिला संगीत और शाम को प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. उसके बाद लगातार 6 सितंबर तक अभय समाज रंगमंच पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. 6 सितंबर को सुबह भगवान की आरती होगी और उसके बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी. शोभायात्रा, एसएमडी सर्किल तक जाएगी जहां से प्रतिमाओं को विसर्जित के लिए ले जाया जाएगा.

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इसी कड़ी में कार्यक्रम संयोजक और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष, पंडित धर्मवीर शर्मा ने बताया कि राज ऋषि अभय समाज रंगमंच पर 19 साल से लगातार गणेश चतुर्थी का कार्यक्रम मनाया जा रहा है. इसमें 5 दिनों तक लगातार चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में जिले भर से लोग हिस्सा लेते हैं.

Intro:अलवर।
जन्माष्टमी के बाद अब गणेश चतुर्थी की तैयारी शुरू हो चुकी है। 2 सितंबर को अलवर सहित देशभर में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इसके लिए बाजार सज चुके हैं। तो वहीं लोगों ने भी खरीदारी शुरू कर दी है। इस दौरान घर-घर में गणेश जी विराजमान होते हैं व धूमधाम से उनकी पूजा अर्चना होती है।


Body:भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में माना जाता है इस बार यह योग 2 सितंबर को पड़ रहा है इसलिए 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। वैसे तो जगह-जगह गणेश चतुर्थी के कार्यक्रम होते हैं। लेकिन मुख्य कार्यक्रम राज ऋषि अबे समाज रंगमंच पर होता है। इसके अलावा होप सर्कस पर लाल दरवाजा गणेश मंदिर, त्रिपोलिया स्थित गणेश मंदिर, पुराना कटरा स्थित गणेश मंदिर, घोड़ासर का चौराहा स्थित गणेश मंदिर में विशेष तैयारियां की जा रही हैं।

राजर्षि अभय समाज में 2 तारीख से 6 सितंबर तक गणेश महोत्सव होगा। 2 सितंबर को बड़े गणेश मंदिर से ज्योत राज ऋषि अभय समाज में पहुंचेगी। उसके बाद गणेश जी की प्रतिमा का अभिषेक किया जाएगा व भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना होगी। दोपहर में महिला संगीत व शाम को 5100 दीपकों से भगवान गणेश की आरती होगी। रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

इसी तरह से 3 सितंबर को भगवान गणेश की आरती होगी। दिन में महिला संगीत व शाम को प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। उसके बाद लगातार 6 सितंबर तक अभय समाज रंगमंच पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 6 सितंबर को सुबह भगवान की आरती होगी व उसके बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा एसएमडी सर्किल तक जाएगी व उसके बाद वहां से गणेश प्रतिमाओं को वाहनों में रखकर जयसमंद में विसर्जित करने के लिए लेकर जाया जाएगा।


Conclusion:कार्यक्रम संयोजक व भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष पंडित धर्मवीर शर्मा ने बताया की राज ऋषि अभय समाज रंगमंच पर 19 साल से लगातार गणेश चतुर्थी का कार्यक्रम मनाया जा रहा है। इसमें जिले भर से लोग हिस्सा लेते हैं। तो 5 दिनों तक लगातार कार्यक्रम चलते हैं। इसके अलावा कई सामाजिक संस्थान व संगठनों की तरफ से जिलेभर में गणेश चतुर्थी पर कार्यक्रम किए जाते हैं। समय के साथ लोगों की सोच में भी बदलाव होने लगा है। अब घर घर में गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की जाती है। उसके बाद उसका विसर्जन वैसे मूल रूप से यह त्यौहार महाराष्ट्र में मनाया जाता है।

बाइट- पंडित धर्मवीर शर्मा
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