अलवर. भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मानाया जाता है. इस बार यह योग 2 सितंबर को पड़ रहा है. इसलिए 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. वैसे तो जगह-जगह गणेश चतुर्थी के कार्यक्रम होते हैं. लेकिन मुख्य कार्यक्रम राज ऋषि अभय समाज रंगमंच पर होता है. इसके अलावा होप सर्कस पर लाल दरवाजा गणेश मंदिर और त्रिपोलिया स्थित गणेश मंदिर सहित तमाम मंदिरों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं.
बता दें कि राजर्षि अभय समाज में 2 से 6 सितंबर तक गणेश महोत्सव होगा. 2 सितंबर को बड़े गणेश मंदिर से ज्योत राज ऋषि अभय समाज में पहुंचेगी. उसके बाद गणेश जी की प्रतिमा का अभिषेक किया जाएगा और भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना होगी. दोपहर में महिला संगीत और शाम को 5,100 दीपकों से भगवान गणेश की आरती होगी. रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
इसी तरह से 3 सितंबर को भगवान गणेश की आरती होगी. दिन में महिला संगीत और शाम को प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. उसके बाद लगातार 6 सितंबर तक अभय समाज रंगमंच पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. 6 सितंबर को सुबह भगवान की आरती होगी और उसके बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी. शोभायात्रा, एसएमडी सर्किल तक जाएगी जहां से प्रतिमाओं को विसर्जित के लिए ले जाया जाएगा.
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इसी कड़ी में कार्यक्रम संयोजक और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष, पंडित धर्मवीर शर्मा ने बताया कि राज ऋषि अभय समाज रंगमंच पर 19 साल से लगातार गणेश चतुर्थी का कार्यक्रम मनाया जा रहा है. इसमें 5 दिनों तक लगातार चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में जिले भर से लोग हिस्सा लेते हैं.