अलवर. मालाखेड़ा कस्बे में मंगलवार को पुलिसकर्मियों की दबंगई देखने को मिली. जहां बाइक नहीं रोकने पर पुलिसकर्मियों ने एक व्यक्ति के साथ बेरहमी से मारपीट कर दी. वर्दी की धौंस में पुलिसवाले नियम-कानून भी भूल गए. इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.
जानकारी के अनुसार इस प्रकरण में एसपी ने चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. एसपी ने रामकिशन मीणा, ओम प्रकाश, कमल और मुकेश नामक चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है. मालाखेड़ा थाना अन्तर्गत विश्राम बलाई पुत्र शिवदयाल बलाई बीजवाड से अपने घर लौट रहा था. रास्ते में सुभाष चौक पर घर के लिए सब्जी लेने के लिए रूका. पीछे से मालाखेड़ा थाना पुलिस की गाड़ी आकर रुकी, जिसमें ड्राइवर मुकेश, रामकिशन मीणा, हेड कांस्टेबल समेत कुल चार पुलिसकर्मी गाड़ी से उतर कर आए और पूछने लगे कि यहां कैसे खड़े हो.
पढ़ें : जयपुर में तस्कर चढ़ा पुलिस के हत्थे...यहां पढ़िए क्राइम से जुड़ी अन्य खबरें...
विश्राम ने बताया कि वह घरेलू सब्जी लेने आया है. इतना कहने के बाद पुलिसकर्मियों ने डंडों से ताबड़तोड़ मारपीट शुरू कर दी और घसीटते हुऐ उसे गाड़ी में पटक दिया. यह सब देखकर वहां पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव किया तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें भी मामले में फंसाने की धमकी दी. उसके बाद विश्राम को थाने में ले जाकर पुलिसवालों ने थाने के अंदर बेरहमी के साथ मारपीट की.
मारपीट के दौरान विश्राम बलाई को गंभीर चोटें आईं हैं, जिसका उपचार मालाखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है. जहां उसका मेडिकल मुआयना कराकर रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसकी जांच ग्रामीण सीओ अमित सिंह को सौंपी गई है. आखिर आम आदमी के साथ मारपीट करने का अधिकार पुलिस को किसने दिया, जो वर्दी की धौंस में अपने डयूटी, अधिकार, नियम-कानून भी भूल चुकी.
मंत्री तक पहुंची शिकायत...
घटना की जानकारी प्रदेश के श्रम मंत्री व अलवर ग्रामीण के विधायक टीकाराम जूली को दी गई. श्रम मंत्री ने पुलिस अधीक्षक को घटना से अवगत कराते हुए जांच के आदेश दिए. पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. पुलिस ने व्यक्ति के साथ मारपीट क्यों की, इसका भी अभी तक पता नहीं चल सका है. वहीं, पुलिस इस पूरे मामले से बचती हुई नजर आ रही है. फिलहाल, एसपी ने इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.