अलवर. सरिस्का में कई दिनों से गायब बाघ एसटी-23 टहला क्षेत्र में कैमरा ट्रैप में दिखाई दिया है. जिसके बाद सरिस्का प्रशासन ने राहत की सांस ली. साथ ही पगमार्क भी मिले है. लेकिन बाघ एसटी-13 की अभी तक कोई जानकारी नहीं है. बाघ की तलाश में सरिस्का, अलवर वन मंडल, जयपुर उत्तर एवं दौसा जिलों के वन अधिकारी एवं 30 वनकर्मियों की टीम (30 teams are searching for tiger ST-13) जुटी हैं.
सरिस्का प्रशासन की तरफ से बाघ एसटी- 13 की तलाश तेज कर दी गई है. बाघ के पगमार्क पिछले 14-15 दिनों से नहीं मिल रहे हैं. इस लिए सरिस्का प्रशासन की चिंता बढ़ गई. बाघ एसटी13 की तलाश में सरिस्का के दो डीएफओ, अलवर वन मंडल डीएफओ, जयपुर नॉर्थ डीएफओ एवं दौसा डीएफओ के नेतृत्व में 30 से ज्यादा वनकर्मियों की टीमें जुटी हैं. इन टीमों में 100 से ज्यादा वनकर्मी शामिल हैं.
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सरिस्का में बाघ एसटी-13 तथा एसटी 23 के लंबे समय से पगमार्क नहीं मिले हैं. वन विभाग के अधिकारी व वनकर्मी बाघों की तलाश में जुटे हुए थे. बाघों की तलाश में कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं. बुधवार को कैमरों की तलाशी के दौरान टहला क्षेत्र में बाघ एसटी-23 की फोटो दिखाई दी. उसके बाद में बाघ के पगमार्क भी मिल गए.
बाघ एसटी-23 के गत 17 जनवरी को पगमार्क मिले थे, बाद में 26 को भी पगमार्क मिले, लेकिन स्पष्ट नहीं हो पाए थे. लेकिन अभी तक बाघ एसटी13 की कोई जानकारी नहीं है. सरिस्का के क्षेत्र निदेशक आरएन मीणा भी प्रतिदिन बाघ की ट्रैकिंग रिपोर्ट लेने के साथ ही तलाश में जुटे हैं. इसके अलावा सरिस्का के जंगलों में 60 से 70 अतिरिक्त कैमरे भी लगाए गए हैं. बाघ एसटी13 पहले भी सरिस्का से बाहर निकल चुका है. यह बाघ एक साल से ज्यादा समय तक राजगढ़ वन क्षेत्र में रह चुका है, वहीं दौसा जिला तक चलकर वापस सरिस्का पहुंच चुका है. इसके अलावा रामपुर के जंगलों में भी कई बार जा चुका है.