अलवर. जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने अलवर के डीआरडीए में अधिकारियों की एक बैठक ली. इसमें वन प्रेमियों और लोगों ने उनको अपनी समस्याओं से अवगत कराया. इसके साथ ही मंत्री ने भिवाड़ी, नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया.
दरअसल, अलवर बाघों की मौत के मामलों में विवादों में रहा है. वहीं, आए दिन वन विभाग की टीम पर खनन माफिया हमला करते हैं. अलवर में खुलेआम अवैध खनन हो रहा है और तेजी से जंगल कट रहे हैं. ऐसे में अलवर में वन विभाग को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. इसलिए वन मंत्री सुखराम विश्नोई मंगलवार को अलवर पहुंचे. उन्होंने अलवर के भिवाड़ी नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया.
इस दौरान अलवर में मिलने वाले सरकारी राशन की दुकान के हालात जाने और उसके बाद अलवर के डीआरडीए में वन और खाद्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. इसमें उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए तुरंत लोगों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए. बहरोड़, नीमराना और भिवाड़ी में लोगों ने अपनी समस्या वन मंत्री के सामने रखी. वहीं, वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने भिवाड़ी में विवादित सीटीपी को भी चेक किया. वहां से निकलने वाले पानी का बेहतर तरह से निस्तारण करने की बात कही.
वहीं, अलवर के जिला परिषद स्थित सभागार में वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान वन प्रेमियों और शहर के लोगों ने उनको अलवर की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया. इस दौरान वन मंत्री ने अलवर में पहले जंगल और उसको बचाने के लिए किए जा रहे प्रयास के बारे में विस्तार से चर्चा की. इस दौरान अधिकारियों द्वारा जवाब नहीं देने पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई.
नहीं पहुचे जिला कलेक्टर
वन मंत्री की बैठक में जिला कलेक्टर को पहुंचना था. वहीं, उनको इसकी सूचना भी दी गई थी, लेकिन वो समय पर नहीं पहुंचे. इस पर वन मंत्री ने तुरंत जिला कलेक्टर को बैठक की सूचना देने के आदेश दिए. कुछ देर बाद एडीएम प्रथम बैठक में पहुंचे. इस पर वन मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई.
सभागार पर लटका मिला ताला
मंत्री सुखराम बिश्नोई जैसे ही डीआरडीए के सभागार में पहुंचे, तो सभागार के गेट पर ताला लटका हुआ मिला. इस पर मंत्री को कुछ देर प्रतीक्षा करनी पड़ी और कर्मचारी के ताला खोलने के बाद मंत्री की बैठक शुरू हुई. इस दौरान पुलिस के अधिकारी भी नजर नहीं आए.