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मेरठ के बाद दिल्ली-अलवर रूट पर है सबका फोकस, जल्द शुरू होगा RRTS का निर्माण कार्य

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम रूट का काम तेजी से चल रहा है. इसके 2025 तक पूरा होने की संभावना है. इसके बाद अब दिल्ली-अलवर रूट पर सबका फोकस है.

First phase of Delhi Meerut RRTS soon, now all eyes on Dehli Alwar RRTS
मेरठ के बाद दिल्ली-अलवर रूट पर है सबका फोकस, जल्द शुरू होगा RRTS निर्माण कार्य
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Published : Feb 28, 2023, 8:00 PM IST

अलवर. दिल्ली-मेरठ के बीच रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का काम तेजी से चल रहा है. इसका काम अंतिम चरण में है. मार्च माह में पहले फेज के दौरान रैपिड रेल दौड़ती नजर आएगी. इससे अब देशभर की निगाहें दिल्ली-अलवर रूट पर टिक गई हैं. इस रूट पर यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. अलवर मार्ग से बहरोड़, भिवाड़ी, गुरुग्राम, शाहजहांपुर सहित दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के सभी प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र आपस में जुड़ जाएंगे. दिल्ली से अलवर 164 किलोमीटर लंबे ट्रैक के शुरू होने के बाद दिल्ली से अलवर महज 70 मिनट में पहुंच सकेंगे.

रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) से एनसीआर के सभी शहरों को आपस में जोड़ा जाना है. दिल्ली-मेरठ रूट का काम तेजी से चल रहा है. 2025 तक इस रूट का काम पूरा हो जाएगा. पहले फेज के तहत रैपिड रेल मार्च माह में शुरू होने की संभावना है. सफल ट्रायल के बाद अब सबकी निगाहें दिल्ली-अलवर रोड पर टिक चुकी है. अलवर मार्ग के लिए दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान सरकार की अनुमति मिल चुकी है. सब कुछ ठीक रहा तो दिल्ली-अलवर रूट का काम भी कुछ ही दिनों में शुरू हो सकता है. यह मार्ग 164 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 18 मुख्य स्टेशन होंगे. जबकि इसी से एक छोटी लाइन और निकलेगी जिस पर 4 स्टेशन होंगे.

पढ़ें: अलवर-दिल्ली के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी RRTS ट्रेन, जल्द काम शुरू होने की उम्मीद

अलवर रूट अलग-अलग चरणों में तैयार किया जाएगा. पहले चरण में दिल्ली से गुरुग्राम, दूसरे में गुरुग्राम से एसएनबी (शाहजहांपु-नीमराना-बेहरोड़) और तीसरे फेज में एसएनबी से अलवर तक लाइन बिछाई जाएगी. पहला फेज 106 किलोमीटर, दूसरा 35 किलोमीटर और चौथा 58 किलोमीटर लंबा होगा. इस बीच कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस मार्ग के शुरू होने से 10 लाख से ज्यादा लोग सफर कर सकेंगे व उनको फायदा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट पर 37000 करोड़ रुपए खर्च होंगे व 2028 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है.

पढ़ें: दिल्ली-मेरठ गलियारे पर माइक्रो टनलिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे : एनसीआरटीसी

अलवर मार्ग पर होंगे प्रमुख स्टेशन: दिल्ली-अलवर मार्ग की मुख्य लाइन पर 18 स्टेशन और इसीमें से निकलने वाली एक छोटी लाइन पर 4 स्टेशन बनेंगे. अभी तक के प्रस्ताव के अनुसार निजामुद्दीन/सराय काले खां, आईएनए, मुनिरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, गुरुग्राम सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारुहेड़ा डिपो, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी, खैरथल और अलवर स्टेशन होगा. जबकि छोटी लाइन पर शाहजहांपुर, नीमराना, बहरोड़, सोतानला स्टेशन बनाए जाएंगे.

पढ़ें: Delhi-Meerut RRTS: गुजरात में तैयार हुई देश की सबसे मॉडर्न और स्पीड वाली ट्रेन

दिल्ली से अलवर पहुंचने में लगेगा 70 मिनट का समय: 107 किमी लंबे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर में 35 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड होगा और इसमें पांच स्टेशन होंगे. इसके अलावा 71 किमी का हिस्सा एलिवेटेड होगा. इसमें 11 स्टेशन बनाए जाएंगे. यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा. सराय काले खां से शुरू होने वाले अन्य एक्सप्रेस वे व रेल प्रोजेक्ट को आपस में जोड़ा जाएगा. इस मार्ग से दिल्ली से अलवर पहुंचने में 70 मिनट का समय लगेगा. ऐसे में लोग प्रतिदिन दिल्ली से अलवर अप डाउन कर सकेंगे.

अलवर. दिल्ली-मेरठ के बीच रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का काम तेजी से चल रहा है. इसका काम अंतिम चरण में है. मार्च माह में पहले फेज के दौरान रैपिड रेल दौड़ती नजर आएगी. इससे अब देशभर की निगाहें दिल्ली-अलवर रूट पर टिक गई हैं. इस रूट पर यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. अलवर मार्ग से बहरोड़, भिवाड़ी, गुरुग्राम, शाहजहांपुर सहित दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के सभी प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र आपस में जुड़ जाएंगे. दिल्ली से अलवर 164 किलोमीटर लंबे ट्रैक के शुरू होने के बाद दिल्ली से अलवर महज 70 मिनट में पहुंच सकेंगे.

रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) से एनसीआर के सभी शहरों को आपस में जोड़ा जाना है. दिल्ली-मेरठ रूट का काम तेजी से चल रहा है. 2025 तक इस रूट का काम पूरा हो जाएगा. पहले फेज के तहत रैपिड रेल मार्च माह में शुरू होने की संभावना है. सफल ट्रायल के बाद अब सबकी निगाहें दिल्ली-अलवर रोड पर टिक चुकी है. अलवर मार्ग के लिए दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान सरकार की अनुमति मिल चुकी है. सब कुछ ठीक रहा तो दिल्ली-अलवर रूट का काम भी कुछ ही दिनों में शुरू हो सकता है. यह मार्ग 164 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 18 मुख्य स्टेशन होंगे. जबकि इसी से एक छोटी लाइन और निकलेगी जिस पर 4 स्टेशन होंगे.

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अलवर रूट अलग-अलग चरणों में तैयार किया जाएगा. पहले चरण में दिल्ली से गुरुग्राम, दूसरे में गुरुग्राम से एसएनबी (शाहजहांपु-नीमराना-बेहरोड़) और तीसरे फेज में एसएनबी से अलवर तक लाइन बिछाई जाएगी. पहला फेज 106 किलोमीटर, दूसरा 35 किलोमीटर और चौथा 58 किलोमीटर लंबा होगा. इस बीच कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस मार्ग के शुरू होने से 10 लाख से ज्यादा लोग सफर कर सकेंगे व उनको फायदा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट पर 37000 करोड़ रुपए खर्च होंगे व 2028 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है.

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अलवर मार्ग पर होंगे प्रमुख स्टेशन: दिल्ली-अलवर मार्ग की मुख्य लाइन पर 18 स्टेशन और इसीमें से निकलने वाली एक छोटी लाइन पर 4 स्टेशन बनेंगे. अभी तक के प्रस्ताव के अनुसार निजामुद्दीन/सराय काले खां, आईएनए, मुनिरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, गुरुग्राम सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारुहेड़ा डिपो, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी, खैरथल और अलवर स्टेशन होगा. जबकि छोटी लाइन पर शाहजहांपुर, नीमराना, बहरोड़, सोतानला स्टेशन बनाए जाएंगे.

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दिल्ली से अलवर पहुंचने में लगेगा 70 मिनट का समय: 107 किमी लंबे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर में 35 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड होगा और इसमें पांच स्टेशन होंगे. इसके अलावा 71 किमी का हिस्सा एलिवेटेड होगा. इसमें 11 स्टेशन बनाए जाएंगे. यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा. सराय काले खां से शुरू होने वाले अन्य एक्सप्रेस वे व रेल प्रोजेक्ट को आपस में जोड़ा जाएगा. इस मार्ग से दिल्ली से अलवर पहुंचने में 70 मिनट का समय लगेगा. ऐसे में लोग प्रतिदिन दिल्ली से अलवर अप डाउन कर सकेंगे.

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